तिल्दा नेवरा। तिल्दा नेवरा रेल्वे स्टेशन के बाहर लगभग 15 लाख रुपए की लागत से बने शैचालय कबाड़ में हो रहा तब्दील, सालों से शुरू नही हो पाया

तिल्दा नेवरा। तिल्दा नेवरा रेल्वे स्टेशन के बाहर लगभग 15 लाख रुपए की लागत से बने शैचालय कबाड़ में हो रहा तब्दील, सालों से शुरू नही हो पाया

तिल्दा नेवरा। तिल्दा नेवरा रेल्वे स्टेशन के बाहर लगभग 15 लाख रुपए की लागत से बने शैचालय कबाड़ में हो रहा तब्दील, सालों से शुरू नही हो पाया

तिल्दा नेवरा। तिल्दा नेवरा रेल्वे स्टेशन के बाहर लगभग 15 लाख रुपए की लागत से बने शैचालय कबाड़ में हो रहा तब्दील, सालों से शुरू नही हो पाया


तिल्दा नेवरा रेलवे स्टेशन के बाहर टिकट काउंटर के पीछे वर्ष 2019 में लगभग 15 लाख रुपए की लागत से शौचालय का निर्माण किया गया है, यह शौचालय 2019 से बनकर तयार है लेकिन आज तक इसे शुरू नही किया गया है, इधर महिला यात्रियों सहित आम यात्रियों को शौचालय के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है, वही लाखो रुपए की लागत से बने उक्त शौचालय अब कबाड़ में तब्दील होते नजर आ रहा है। 




सरकारी पैसों का किस तरह से दुरुपयोग होता है यह शौचालय इसका जीता जागता उदाहरण है। सालों से लाखों रुपए की लागत से इसे बनाकर छोड़ दिया गया है जिसे आज तक शुरू नही किया गया है, रेल्वे द्वारा इसका निर्माण करवा कर ऐसे ही इसे छोड़ दिया गया है, निर्माण के बाद से अब तक रेल्वे के कोई अधिकारी भी इसका सुध नहीं ले रहे। उक्त शौचालय को शुरू कराने रेल्वे द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। जिससे लाखों रुपए की लागत से बने यह शौचालय अब कबाड़ में बदल रहा है।


श्री दिलिप वर्मा जी की खबर 

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