बालोद कन्या विद्यालय में आयोजित किया गया एक दिवसीय चिंतन कार्यशाला

बालोद कन्या विद्यालय में आयोजित किया गया एक दिवसीय चिंतन कार्यशाला

बालोद कन्या विद्यालय में आयोजित किया गया एक दिवसीय चिंतन कार्यशाला

बालोद कन्या विद्यालय में आयोजित किया गया एक दिवसीय चिंतन कार्यशाला


शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या शाला जिला बालोद में वार्षिक परीक्षाओं के प्रारंभ होने से पहले बच्चों के अंदर डर और तनाव का भाव बढ़ाने की स्थिति को देखते हुए दुर्ग साइंस कॉलेज के एमएसडब्ल्यू विभाग अध्यक्ष डॉ. अश्विनी महाजन के निर्देशन एवं प्रोफेसर निखिल देशलहरे के मार्गदर्शन में एमएसडब्ल्यू के छात्र एवं बालोद जिला राष्ट्रीय सेवा योजना की वरिष्ठ स्वयंसेविका कल्पना बंबोड़े एंव मनीषा राणा द्वारा एक दिवसीय चिंतन कार्यशाला का आयोजन किया गया । जिसमें मानसिक स्वास्थ्य, मानसिक विकार, परीक्षा को लेकर बच्चों में किस प्रकार के मानसिक तनाव व मानसिक अस्वस्थता आती है जिसे कैसे पहचाना जा सके और उनसे कैसे निपटा जा सके, मन में बेवजह के तनाव को कैसे पहचाना जाए जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई बच्चों को प्रोजेक्टर द्वारा जानकारियां दी गई और बताया गया कि मानसिक अस्वस्थ या तनाव किन-किन चीजों से होती है किस-किस प्रकार की होती है बच्चों को कुछ कुछ एक्टिविटीज के जरिए सवाल जवाब भी किए गए वह अनुभव साझा किए गए।

जिसमें सभी बालिकाओं ने रुचि दिखाई वह अपने अंदर चल रहे भावों को कागज में कलम से व्यक्त किया और उन्हें पढ़कर बताया उनके मन में उठ रहे सवालों के जवाब भी सेशन द्वारा दिए गए मेडिटेशन करवाया गया और तनाव मुक्त रहने के लिए योगासन प्राकृतिक वातावरण में समय बिताना परिवार वालों के साथ समय बिताना खेल कूद स्वस्थ्य दैनिक दिनचर्या स्वस्थ आहार को अपनाने के लिए राय दी गई चिंतन कार्यक्रम के अंतिम में बच्चों को खेल भी खिलाएं गए जिसमें सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 

परीक्षा के अंक बच्चो के योग्यता को नहीं दर्शाते :- कल्पना बम्बोड़े 

कार्यशाला में बालिकाओं ने तनाव का मुख्य कारण परीक्षा, परिवार के झगड़ो को और , परिवार द्वारा परीक्षा में अच्छे अंको को लेकर दबाव को बताया जो उनके तनाव का मुख्य कारण होते हैं। ऐसी स्थिति में चाहिए की परिवार के सदस्य परिवार का वातावरण सकारात्मक बनाकर रखे जिससे बच्चे अपनी परेशानी उनके साथ बेहिचक साझा कर सके। और बच्चों पर परीक्षा में अच्छे अंक का दबाव न बनाये क्योंकि सभी बच्चे एक समान नहीं होते सब में उनकी अपनी अलग - अलग क्षमता और प्रतिभा होती हैं इसलिए उन्हें चाहिए की वे अपने बच्चो की क्षमता और प्रतिभा को पहचानने में उनकी मदद करे और उनका मार्गदर्शन करते रहे। 

कार्यक्रम में स्वयं सेवक दीपेश साहू, विघालय के प्राचार्य एवं शिक्षक उपस्थित रहे एंव उनका विशेष सहयोग रहा।

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