डॉ. प्रतीक उमरे की अमानक एवं निम्न स्तर के हेलमेट बेचने की शिकायत पर पुलिस प्रशासन द्वारा तत्वरित कार्यवाही करते हुए बस स्टैंड स्थित रैन बसेरा से बेचने के लिए रखे गए अमानक हेलमेट को जब्त किया गया

डॉ. प्रतीक उमरे की अमानक एवं निम्न स्तर के हेलमेट बेचने की शिकायत पर पुलिस प्रशासन द्वारा तत्वरित कार्यवाही करते हुए बस स्टैंड स्थित रैन बसेरा से बेचने के लिए रखे गए अमानक हेलमेट को जब्त किया गया

डॉ. प्रतीक उमरे की अमानक एवं निम्न स्तर के हेलमेट बेचने की शिकायत पर पुलिस प्रशासन द्वारा तत्वरित कार्यवाही करते हुए बस स्टैंड स्थित रैन बसेरा से बेचने के लिए रखे गए अमानक हेलमेट को जब्त किया गया

डॉ. प्रतीक उमरे की अमानक एवं निम्न स्तर के हेलमेट बेचने की शिकायत पर पुलिस प्रशासन द्वारा तत्वरित कार्यवाही करते हुए बस स्टैंड स्थित रैन बसेरा से बेचने के लिए रखे गए अमानक हेलमेट को जब्त किया गया


दुर्ग नगर निगम के भाजपा के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे की अमानक एवं निम्न स्तर के हेलमेट बेचने की शिकायत पर पुलिस प्रशासन द्वारा तत्वरित कार्यवाही करते हुए बस स्टैंड स्थित रैन बसेरा से बेचने के लिए रखे गए अमानक हेलमेट को जब्त किया गया है। डॉ. प्रतीक उमरे ने इस विषय पर छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन एवं दुर्ग कलेक्टर को अवगत करवाया था। 




जिसपर संज्ञान लेते हुए अमानक हेलमेट बेचने वालों पर कार्यवाही शुरू किया गया है। पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने बताया था कि हेलमेट की अनिवार्यता के बाद बहुत से जगह अमानक हेलमेट बिकना शुरू हो गया है। पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए चालक आनन-फानन में ऐसे अमानक हेलमेट खरीदकर पहन रहे हैं जो उन्हें गर्दन की बीमारी से पीड़ित भी कर सकता है तथा कोई सुरक्षा भी प्रदान नही कर सकता। पुलिस चेकिंग के नाम पर चालान काटने में व्यस्त है उसका अमानक एवं निम्न स्तर के बिकने वाले हेलमेट की ओर ध्यान ही नहीं है। सस्ते और घटिया हेलमेट लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।सड़कों के किनारे बिकने वाले ज्यादातर हेलमेट अनसर्टिफाइड हैं। ये हेलमेट किसी भी हादसे में जान बचाने में सक्षम नहीं होते हैं।




हेलमेट में आईएसआई मार्क जरूर होना चाहिए।बिना इस मार्क के हेलमेट बेचना अवैध है। उसके बावजूद पुलिस ने अभी तक बिना ISI मार्क वाले हेलमेट बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। पुलिस ऐसे असुरक्षित हेलमेट की बिक्री पर रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। इस कारण से प्रदेश में हर दिन बिकने वाले लगभग आधे हेलमेट के असुरक्षित होने का अनुमान है। पूर्व एल्डरमैन डॉ.प्रतीक उमरे ने कहा कि प्रदेश में इस समय धड़ल्ले से जिन हेलमेट की बिक्री सड़को पर व दुकानों पर हो रही है उनमें ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के आईएसआई मानकों पर खरे उतरने वाले हेलमेट काफी कम हैं । इस पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।



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