तिल्दा नेवरा। भिलाई नगरी के इतिहास में पहली बार महाकाल के भस्मारती के साथ हनुमत महायज्ञ का आयोजन "संत राम बालक दास महात्यागी"
छत्तीसगढ़ में धर्म और संस्कृति का मेल भिलाई नगरी में देखने को मिलता है पर भिलाई नगरी के इतिहास में पहली बार 108 कुंडीय हनुमत महायज्ञ के आयोजन की पूरे भिलाई में चर्चा है क्योंकि पहली बार महाकाल उज्जैन की तर्ज पर प्रतिदिन संध्या 6:00 बजे से 8:00 बजे संत श्री राम बालक दास महात्यागी भस्म आरती का दिव्य आयोजन करते हैं,, ढोल नगाड़े डमरू की धुन और शंख के ध्वनि के साथ जब बाबा महाकाल के दिव्य स्वरूप का भस्म से अभिषेक किया जाता है तो हजारों की संख्या में शिव भक्त झूमने लगते हैं शिव तांडव स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ हनुमान जी सस्वर पाठ,, गंगा आरती की तरह यज्ञ की महा आरती 21 ब्राह्मण के द्वारा की जाती है जो देखते ही बनता है इस समय भिलाई जयंती स्टेडियम में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत श्री राम बालक दास महात्यागी जी 104 वां महायज्ञ आयोजित किए हुए हैं
इसमें विशेष यजमान सांसद विजय बघेल हैं आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए संत श्री ने बताया कि वैसे तो छत्तीसगढ़ में बहुत यज्ञ होते हैं पर भिलाई नगरी के इतिहास में पहली बार इतना विशाल महायज्ञ हो रहा है जिसके लिए 51 फीट ऊंचा 9 मंजिला यज्ञ मंडप बनाया गया है।
संतों की पर्णकुटी सबका मन लुभा रही है प्रतिदिन गोबर से लिपाई रंगोली बनाना गेहूं के जवारे और केले के पेड़ लगाकर परिषर को सजाया गया है जिसकी छटा देखते ही बनती है पाटेश्वर संस्कार वाहिनी की माताएं बहने पूरे छत्तीसगढ़ से आकर यहां निशुल्क सेवा प्रदान कर रहे हैं 108 कुंड में यजमान बनने के लिए भिलाई नगर वासीयो में होड़ मची हुई है आज रविवार का दिन होने के कारण पूरे परीसर में भक्तों का ताँता लगा रहा।
संध्या 5:00 बजे मुख्य राम कथा मंच पर संत श्री ने मां कौशल्या मंदिर पाटेश्वर धाम की पूर्णता के लिए जो दानवीर भामाशाह दान कर रहे हैं उनका सम्मान शॉल श्रीफल एवं सम्मान पत्र देकर किया जिसमें आशीष कुमार यादव भिलाई ने 100000 रुपये मृत्युंजय साहू ने 36000 रुपए रितेश सिंह ने 21000 रुपए देकर सदस्यता ली।