बालोद जिले की जीवन दायिनी नदी तांदुला के संगम स्थल पर स्वामी सुजनानंद धर्म मंच में माघी पुन्नी मेला साहित्यिक समागम का भव्य आयोजन

बालोद जिले की जीवन दायिनी नदी तांदुला के संगम स्थल पर स्वामी सुजनानंद धर्म मंच में माघी पुन्नी मेला साहित्यिक समागम का भव्य आयोजन

बालोद जिले की जीवन दायिनी नदी तांदुला के संगम स्थल पर स्वामी सुजनानंद धर्म मंच में माघी पुन्नी मेला साहित्यिक समागम का भव्य आयोजन

बालोद जिले की जीवन दायिनी नदी तांदुला के संगम स्थल पर स्वामी सुजनानंद धर्म मंच में माघी पुन्नी मेला साहित्यिक समागम का भव्य आयोजन 


माघी पुन्नी मेला के सुअवसर पर विमल वैदिक आश्रम पैरी द्वारा बालोद जिले की जीवन दायिनी नदी तांदुला के संगम स्थल पर स्वामी सुजनानंद धर्म मंच में माघी पुन्नी मेला साहित्यिक समागम का भव्य आयोजन किया गया। पुण्य संगम स्थली के समागम में कवियों के महासम्मेलन के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम साहू श्याम रहे, अध्यक्षता राजभाषा आयोग के बालोद जिला समन्वयक डॉ.अशोक आकाश ने की। मंच संचालन छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति बालोद के जिला अध्यक्ष केशव राम साहू ने किया। 

मुख्यअतिथि की आसंदी से वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम साहू श्याम ने साहित्य के इस महासम्मेलन को आस्था और संस्कृति के साथ साहित्य का पुण्य समागम कहा, उन्होंने आयोजन समिति को बधाई देते कहा कि काव्य की नैसर्गिक संपदा से ओत प्रोत कविगण सहज सरल काव्य शैली में विभिन्न रस छंद से सराबोर काव्य पाठ कर रहे हैं, यह सराहनीय प्रयास है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार डॉ.अशोक आकाश ने कहा-"अंचल में धार्मिक आकर्षण के केंद्र गौरैया मेला स्थल आसपास के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बिंदु है यहाँ ग्रामीण जनजीवन को मेले के माध्यम से रोजगार मिलता है एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीद बिक्री करते हैं।

इस धार्मिक स्थल में विशिष्ट धार्मिक अनुष्ठान एवं सांस्कृतिक महत्व के कार्य मांघी पूर्णिमा मेला में सम्पन्न होता है। इस अवसर पर कवि सम्मेलन का ऐसा स्वर्णिम आयोजन निश्चित ही सराहनीय है, ऐसे आयोजन को सरकारी संरक्षण की आवश्यकता है, जिससे हमारे संस्कार हमारी संस्कृति को संरक्षण मिल सके।

कार्यक्रम में गणपति साहू, शिव कुमार अंगारे, डॉ सेल गंधर्व, द्रोण कुमार सार्वा, जयकांत पटेल, भारत बुलंदी, गुमान सिंह साहू, भागवत साहू, प्रभु राम साहू, देवनारायण नगरिया, वीरेंद्र अजनबी, राजकुमार चौधरी रौना, योगेश साहू छत्तीसगढ़िया, विजय टंडन, डामेन्द्र देवदास, आदि साहित्यकारों ने विभिन्न रस छंद से सराबोर कविता से जनमानस को रोमांचित किया। बेणीराम सार्वा के आभार प्रदर्शन से कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।

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