जीवन में प्रत्येक सनातन प्रेमी को यज्ञ में सम्मिलित होना चाहिए-योगेश तिवारी

जीवन में प्रत्येक सनातन प्रेमी को यज्ञ में सम्मिलित होना चाहिए-योगेश तिवारी

जीवन में प्रत्येक सनातन प्रेमी को यज्ञ में सम्मिलित होना चाहिए-योगेश तिवारी

जीवन में प्रत्येक सनातन प्रेमी को यज्ञ में सम्मिलित होना चाहिए- योगेश तिवारी


मेघू राणा बेमेतरा/बेरला: रविवार को पंच कुंडीय रुद्र महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन हुआ। इस अवसर पर सर्व हिंदू सनातन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेश तिवारी पीठ में विराजमान ब्रम्हचारी ज्योतितिर्मयानंद सपाद लक्षेश्वर धाम सलधा से आशीर्वाद लेकर क्षेत्रवासियो की सुख समृद्धि की खुशहाली की कामना किया। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यज्ञ की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्रमुख अंग है। सनातन धर्म में प्रतिदिन यज्ञ करने की बात कही गई है। वर्तमान समय में समयाभाव के कारण यह संभव नहीं है, लेकिन जीवन में प्रत्येक सनातन प्रेमी को यज्ञ में प्रतिवर्ष सम्मिलित होना ही चाहिए, क्योंकि यज्ञ से श्रेष्ठ कोई दूसरा धर्म नहीं है। यज्ञ में दान करने से धन पवित्र होता है। 

यज्ञ में श्रम करने से तन पवित्र होता है। यज्ञ में आहुति देने से मन पवित्र होता है। यज्ञ नारायण की परिक्रमा करने से तीर्थों से दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है। इन पांच महायज्ञों से अनेकों लाभ तो हैं ही पर विशेष लाभ यह है कि ये पांचों यज्ञ पांच किस्म के दुखों व कष्टों को दूर करने वाले भी हैं यानी इन यज्ञों से दुखों व कष्टों का निवारण होता है। वे पांच महायज्ञ हैं ब्रह्मयज्ञ, देवयज्ञ, पितृयज्ञ, बलिवैश्व देव यज्ञ, अतिथि यज्ञ शामिल हैं। हमारे त्यागी, तपस्वी, विद्वान, ऋषि मुनियों ने हर व्यक्ति को विशेष कर गृहस्थी को पांच महायज्ञ नित्य सुचारू रूप से करने का आदेश दिया है। इन पांच महायज्ञों से अनेकों लाभ तो हैं ही पर विशेष लाभ यह है कि ये पांचों यज्ञ पांच किस्म के दुखों व कष्टों को दूर करने वाले भी हैं यानी इन यज्ञों से दुखों व कष्टों का निवारण होता है।

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