आदि शक्ति के बिना ब्रम्हा विष्णु महेश भी अधूरा–पं.रघुनाथनंदन प्रसाद दुबे, उरला में चल रहे देवी भागवत कथा में श्रोताओं की उमड़ी भीड़
काली दुर्गा मंदिर उरला द्वारा आयोजित देवी भागवत कथा यज्ञ निरंतर जारी है देवी की महिमा सुनने व कथा का रसपान करने शहर ही नहीं अपितु दूर से भी विशिष्ठजन पहुंच रहे है के देवी भगवत कथा के 6वे दिन भागवताचार्य पंडित श्री रघुनाथनंदन प्रसाद दुबे मानस केसरी जी ने आदिशक्ति माता की अनंत कथा का बखान करते हुए कहा की उनके बिना ब्रम्हा विष्णु महेश भी शक्तिहीन है श्रृष्टि का आधार शक्ति ही है जो उनसे ही संचालित है भागवताचार्य ने देवी की उत्पत्ति का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि सृष्टि के निर्माण ही शक्ति पुंज से हुआ
इसी से शिवाकार और त्रिदेव की उत्पत्ति हुई जो ब्रम्हा विष्णु महेश के नाम से जाने गए व सतोगुण, रजोगुण, तमोगुण के कारक बने जिनमें ब्रम्हा को संसार की रचना,श्री हरि विष्णु को जगत के पालन व शिव अर्थात महेश को संहार का कार्य दिए गए।वास्तव में देवीशक्ति न नर है न नारी न सूक्ष्म है न व्यापक बल्कि अनंत है उनकी कल्पना हम अपनी अपनी कल्पना दृष्टि से नारी की स्वरूप में करते है क्योंकि शक्ति व श्रृष्टि देवी का स्वरूप माना गया है इसीलिए वह जगदम्बा कहलाती है माता की महिमा अपार है उनकी कथा सुनना सौ गुना पुण्य फल के समान है।
उरला बायपास रोड के नीचे स्थित जगत जननी माता काली मंदिर में देवी भागवत कथा का श्रवण करने क्षेत्र व आस पास ही नहीं अपितु दूसरे शहर के विशिष्ट जन भी कथा सुनने पहुंच रहे है मंदिर के मुख्य पुजारी सुशील जी कहार के मार्ग दर्शन में चल रहे 9दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में प्रतिदिन दो पाली में मुख्य कथावाचक द्वारा देवी महिमा की विभिन्न स्वरूपों का बखान किया जा रहा है तो वही रात्रि में भी अलग अलग दिन भक्ति संगीत व जस सेवा का आयोजन किया जा रहा है इसी क्रम गतरात्रि प्रख्यात पंडवानी गायिका ऋतु वर्मा ने पंडवानी की प्रस्तुति दिया देवी महिमा का श्रवण पान करने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे।
जिसके तहत कथा सातवे दिन दिन शदाणी दरबार रायपुर के प्रमुख संत श्री युधिष्ठिर लाल जी प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने दुर्ग निगम पूर्व सभापति दिनेश देवांगन वार्ड पार्षद बृजलाल पटेल सहित बड़ी संख्या में लोग कथा का रसपान करने पहुंचे इस अवसर काली मंदिर के मुख्य पुजारी सुशील कहार व अध्यक्ष गुलाब सिंह चौहान द्वारा आगंतुक विशिष्ट जनो का प्रतिक चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया कथा का समापन 19 फरवरी को होगा।