लोक कलामंच लहर गंगा के माध्यम से छ.ग. के लोक विधा तथा परम्पराओं को महाराष्ट्र के धरती पर मंचीय प्रस्तुति के माध्यम से किया प्रस्तुत

लोक कलामंच लहर गंगा के माध्यम से छ.ग. के लोक विधा तथा परम्पराओं को महाराष्ट्र के धरती पर मंचीय प्रस्तुति के माध्यम से किया प्रस्तुत

लोक कलामंच लहर गंगा के माध्यम से छ.ग. के लोक विधा तथा परम्पराओं को महाराष्ट्र के धरती पर मंचीय प्रस्तुति के माध्यम से किया प्रस्तुत

लोक कलामंच लहर गंगा के माध्यम से छ.ग. के लोक विधा तथा परम्पराओं को महाराष्ट्र के धरती पर मंचीय प्रस्तुति के माध्यम से किया प्रस्तुत


सांस्कृतिक कार्य विभाग महाराष्ट्र राज्य व जिला प्रशासन गोंदिया के तत्वावधान में आयोजितमहा सांस्कृतिक महोत्सव में पुरानिक साहू तथा स्वर्गीय दाऊ दीपक चंद्राकर द्वारा संरक्षित द्वारा निर्देशित छत्तीसगढ़ी लोककला मंच लहर गंगा धनेली (गुरुर) जिला बालोद के कलाकारों ने महाराष्ट्र के गोंदिया में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के लोक विधाओं तथा छत्तीसगढ़ के परंपरा व लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दिया । महाराष्ट्र के गोंदिया शहर में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ का बस्तर अंचल का रेलो नित्य बैगा नित्य तथा अंगादेव जसगीत विशेष आकर्षण का केंद्र बना। 

 छत्तीसगढ़ से 35 कलाकारों द्वारा सुसज्जित पुरानिक साहू की टीम ने वनवास में बिताए छत्तीसगढ़ अंचल में श्री राम और सबरी के झूठे बेर की झलकियां को मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत कर खुब वाह-वाही बटोरे। लहर गंगा के संचालक पुरानिक साहू ने बताया कि हमेशा से हमारी यही कोशिश रहता है की छत्तीसगढ़ के जो लोक परम्परा है जो पुराने रीति रिवाज है उसे बचाया रखना तथा आज के दौर में जो परम्परा धीरे-धीरे खत्म हो रहें उसे मंच के माध्यम से जिंदा रखकर आज के युवाओं को हमारी संस्कृति की पहचान करवाया जाएं।

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