तिल्दा नेवरा: अपनी मूलभूत सुविधाओं से तिल्दा नेवरा काफी दूर है,विकास के लिए यह नगर तरस रहा है, बायपास मार्ग नही है साथ ही साशाहोली रेलवे केबिन में बने ओवर ब्रिज एवं अंडर ब्रिज में हमेशा अंधेरे में छाया रहता है
औद्योगिक नगरी तिल्दा नेवरा विकास के नाम से कोसों दूर है, विकास के लिए यह शहर तरस रहा है। तिल्दा नेवरा शहर में बायपास रोड की मांग बहुत लंबे अर्से से की जा रही है, मूलभूत सुविधाओं से यह नगर वंचित है, साथ ही साथ सासाहोली रेलवे केबिन में बने फ्लाईओवर ब्रिज एवं अंडर ब्रिज में लाइट की सुविधा नहीं है, यहां अंधेरा का आलम रहता है, जबकि 24 घंटे छोटी बड़ी वाहने इस मार्ग से चलती है, ससाहोली रेल्वे फाटक में ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज दोनों का निर्माण कर दिया है, लेकिन निर्माण के बाद से ही यह फ्लाई ओवर ब्रिज उखड़ने लगा है, साथ ही आज तक लाइट की सुविधा यहां पर नहीं है आज तक यहां पर लाइट नहीं लगाया गया है। जहां पर अंधेरा छाया रहता है और कई छोटी बड़ी घटनाएं एवं वारदात यहां पर हो चुकी है। इस संबंध में ना तो रेलवे के पास किसी तरह का कोई जवाब है नहीं पीडब्ल्यूडी विभाग के पास और ना ही नगर पालिका के पास।
लाइट लगाने के नाम पर तीनों विभाग अपना-अपना पल्ला झाड़ते नजर आते हैं, किसी तरह का कोई ठोस जवाब तीनों विभागों के पास नहीं है, साथ ही तीनों विभाग अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटते हैं, वहीं निर्माण के बाद से ही या फ्लाईओवर ब्रिज, अंडर ब्रिज विवादों में रहा है, और निर्माण के कुछ महीने बाद ही फ्लाई ओवर ब्रिज उखाड़ने लगा है , बीच-बीच में थोड़ी बहुत मरम्मत कर दी जाती है उसके बाद स्थिति वैसी हो जाती है, बीच-बीच से कई जगहों पर यह फ्लाई ओवर ब्रिज उखड़ चुका है, साथ ही छोटी-बड़ी, भारी वाहने इस मार्ग से चलती है, जहां पर इसका निर्माण भी बहुत ही निम्न स्तर का किया गया है, साथ ही घटिया स्तर पर इसका निर्माण हुआ है जिसके चलते आने जाने वालों को भारी तकलीफों का सामना भी करना पड़ता है, साथ ही शहर व क्षेत्र वासियों ने अति शीघ्र तिल्दा नेवरा में बाईपास मार्ग एवं उक्त ब्रिज में लाइट लगाने की मांग किए हैं।
श्री दिलिप वर्मा जी की खबर