डॉ. प्रतीक उमरे की शिकायत पर अवैध प्लाटिंग पर बड़ी कार्यवाही, जिला प्रशासन ने 264 लोगों को थमाया नोटिस

डॉ. प्रतीक उमरे की शिकायत पर अवैध प्लाटिंग पर बड़ी कार्यवाही, जिला प्रशासन ने 264 लोगों को थमाया नोटिस

डॉ. प्रतीक उमरे की शिकायत पर अवैध प्लाटिंग पर बड़ी कार्यवाही, जिला प्रशासन ने 264 लोगों को थमाया नोटिस

डॉ. प्रतीक उमरे की शिकायत पर अवैध प्लाटिंग पर बड़ी कार्यवाही, जिला प्रशासन ने 264 लोगों को थमाया नोटिस


दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे की शिकायत पर संज्ञान लेकर जिला प्रशासन ने अवैध प्लाटिंग के मामले में सख्ती शुरु कर दिया है।दुर्ग एसडीएम मुकेश रावते ने कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देश पर 22 गावों के 264 लोगों को नोटिस जारी किया है।नोटिस मे इन लोगों को प्लाटिंग के संबंध में दस्तावेज और जवाब प्रस्तुत करने कहा है।डॉ. प्रतीक उमरे की शिकायत पर प्रशासन ने सभी पटवारियों को उनके इलाकों की जानकारी मंगाई थी।जिसके आधार पर 264 लोगों को नोटिस जारी किया गया है।जिला प्रशासन द्वारा दुर्ग ब्लॉक में बोरसी के 20, नगपुरा के 20, उरला के 19, बघेरा के 12, पोटियाकला के 14, रिसाली के 39, पुलगांव के 4,भटगांव के 2,चंदखुरी के 17, अछोटी के 1, चिंगरी के 21, कोनारी के 3, कोकड़ी के 6, निकुम के 1, सिकोला के 31, अंडा के 21, समोदा के 7,पीपरछेड़ी के 1, खपरी के 5, मोहलई के 10, महमरा के 4, तितुरडीह के 6 भूस्वामी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

पूर्व एल्डरमैन ने 15 मार्च को कलेक्टर का कराया था ध्यानाकर्षित

पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी को बताया था कि दुर्ग सहित आसपास क्षेत्रों में भू-माफियाओं के द्वारा अवैध रूप से किए जा रहे प्लाटिंग व कृषि भूमि को डायवर्सन बगैर बेचा जा रहा है।किसानों से कम कीमत में भूमि को खरीदकर उसे प्लाट काट कर अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है।अपनी चालाकी से आम जनता को भूमाफियाओं द्वारा लुभाया जाता है कि डायवर्सन हम कराकर देंगे और अंततः जनता को प्लाट लेने के बाद डायवर्सन मिल ही नहीं पाता।अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई के नाम पर खाता शून्य है।जैसे प्रशासन ने मान लिया है कि अवैध प्लाटिंग पूरी तरह से खत्म हो गया है। जबकि कार्रवाई बंद होने के बाद अवैध प्लाटिंग का धंधा और जोर-शोर से चल रहा है। शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर यहां खेत खलिहान की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी बिक्री हो रही है।स्थिति यह है कि शहर के आसपास इलाकों में रोज कहीं ना कहीं कालोनी का नक्शा खींचा जा रहा है। यहां बिल्डर रियल एस्टेट रेगुलेटरी (रेरा) के नियमों की कोई परवाह नहीं कर रहे हैं।लोगों को लुभाने के लिए बकायदा इन खेतों को प्लाटिंग करने वाले लोग पहले कच्ची सड़क तैयार करते हैं इसके बाद वहां अपने तरीके से प्लाटिंग करते है।जिन भी किसानों की जमीन रोड से लगी हुई है उनसे भूमाफियाओं द्वारा काम कीमत पर खरीद कर ज्यादा रेट में बेचा जा रहा है। इससे भूमाफियाओं के जेब भरते जा रहे हैं। जिसपर संज्ञान लेकर कलेक्टर द्वारा कार्यवाही के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया।डॉ. प्रतीक उमरे ने तत्वरित कार्यवाही के लिए कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी का आभार व्यक्त किया है।


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