तिल्दा नेवरा। प्रेम विवाह में माता-पिता की अवहेलना पड़ रही है भारी - राजप्रधान

तिल्दा नेवरा। प्रेम विवाह में माता-पिता की अवहेलना पड़ रही है भारी - राजप्रधान

तिल्दा नेवरा। प्रेम विवाह में माता-पिता की अवहेलना पड़ रही है भारी - राजप्रधान

तिल्दा नेवरा। प्रेम विवाह में माता-पिता की अवहेलना पड़ रही है भारी - राजप्रधान

मढ़ी में 25 सामाजिक प्रकरणों का हुआ निराकरण


तिल्दा के समीपस्थ ग्राम मढ़ी में ग्रामप्रमुख कुलेश्वर पैंकरा,क्षेत्रप्रधान डॉ. कुलदीप नायक,राज के सहकोषाध्यक्ष प्रवीण नायक,युवा प्रमुख अरविंद पैंकरा,महिला प्रमुख श्रीमती लता पैंकरा,कोषाध्यक्ष नकुल प्रसाद वर्मा, की अगुवाई ,राजप्रधान ठाकुर राम वर्मा की अध्यक्षता एवं राज कार्यकारिणी व उपस्थित स्वजातियों के कुशल मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज तिल्दा राज की प्रकरण निदान बैठक संपन्न हुई, राजमंत्री दौलत धुरंधर द्वारा प्रस्तुत 
जाति गौरव गान ,आदिपुरुषों ,इष्टदेवों के पूजन से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ, ग्राम इकाई ने बाजे गाजे,पटाखों की गूंज के बीच पुष्पहार श्रीफल एवं शाल भेंटकर राज पदाधिकारियों का आत्मीय अभिनंदन किया ।

देवप्रकाश पैंकरा ने अभिनंदन उद्बोधन प्रस्तुत किया, पंजीकृत 29 सामाजिक प्रकरणों में से वादी -प्रतिवादी की अनुपस्थिति से सम्बद्ध प्रकरणों के अलावा शेष 25 प्रकरणों का निराकरण समाज के लिपिबद्ध आचार संहिता खण्ड-2 में निहित प्रावधानों के तहत किया गया।
अध्यक्ष की आसंदी से राजप्रधान ठाकुर राम वर्मा ने सामाजिक सदन को संबोधित करते हुए कहा कि एक दूसरे को भली भाँति समझे बिना कम आयु में ही प्रेम विवाह करने वाले युवक -युवतियाँ शारिरिक, मानसिक, बौद्धिक अपरिपक्वता के कारण माता-पिता के समर्पण व मार्गदर्शन को दरकिनार कर भावनाओं में बहकर,जीवन पर्यंत परस्पर साथ निभाने के संकल्प के साथ गृहस्थ बसा तो लेते हैं परंतु वास्तविकता के धरातल पर व्यवहारिक अड़चनों को झेल पाने में अपने आपको पूर्ण रूप से समर्थ नहीं पाते ,और वैचारिक मतभेदों के चलते दाम्पत्य जीवन को तबाह कर लेते हैं ,जब तक उन्हें अपनी नादानियों का अहसास होता है ,पानी सर से गुजर चुका होता है ।
उन्हें मजबूरन नाराज माता-पिता के शरण में लौटना पड़ता है, बेबुनियाद दिवास्वप्नों के चलते माता-पिता व परिजनों की अवहेलना भारी पड़ती नजर आती है। ये न केवल परिवार बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आती है।
उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों को सभ्य,सुशिक्षित, सुसंस्कृत नागरिक बनाने की दिशा में हरसंभव प्रयासरत रहते हैं परंतु परिजनों के संस्कार से अधिक वाह्य असामाजिक परिवेश के नकारात्मक प्रभाव से विवेक क्षीण होने लगता है जिसके कारण विवाहोपरांत संबंध विच्छेद जैसे भयंकर दुष्परिणाम सामने आते हैं।
समाज के केंद्रीय अध्यक्ष श्री चोवाराम वर्मा ने सदन को अपना शुभ सानिध्य प्रदान करते हुए औचित्यहीन व अप्रासंगिक कुरीतियों को दूर कर सार्थक रस्मों को स्थान देने संबंधी सुझावों पर विस्तृत चर्चा करते हुए महाधिवेशनों में समाजहित में पारित निर्णयों के अक्षरशः पालन हेतु स्वजतियों से अपील की ।
कार्यवाही का सफल संचालन राजमंत्री दौलत धुरंधर, जीवन ज्योति रक्तदान समिति के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वर्मा एवं युवा महामंत्री डोमार धुरंधर ने किया । केंद्रीय युवाध्यक्ष कपिल कश्यप, उपाध्यक्ष चंद्रिका वर्मा,सलाहकार विधिविद डी सी वर्मा ,अखिल भारतीय महासभा महासचिव उमाकांत वर्मा आदि ने भी सभा को संबोधित किया।
कार्यक्रम में उपराजप्रमुख द्वय प्राननाथ वर्मा,डॉ के के वर्मा,उपराजमंत्री द्वय अनुराधा वर्मा,महिला प्रमुख ममता पैंकरा, युवा प्रमुख मिनेश नायक, सचिव शिवकुमार वर्मा,कोषाध्यक्ष डॉ ओ पी वर्मा,नुमान पैंकरा, डगरु लाल पैंकरा,मनोज वर्मा,दिगंबर कश्यप,पूर्व सरपंच द्वय हरिप्रेम पैंकरा, ईश्वरी पैंकरा,पूर्णिमा वर्मा, विद्या नायक, रत्ना वर्मा,रूखमणी वर्मा ,छगन वर्मा, ओम लाल वर्मा,निर्मल, शेखर, लेखराम, रोशन, योनिश, शेखर, शुभम, सुरेश वर्मा सहित राज एवं ग्राम मढ़ी के स्वजातीय उपस्थित रहे।

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