14 घंटे ट्रेन लेट होने से यात्रियों को हुई तकलीफ टिकट का पैसा देने से इंकार किया रेल्व -विकास जैन मित्तल

14 घंटे ट्रेन लेट होने से यात्रियों को हुई तकलीफ टिकट का पैसा देने से इंकार किया रेल्व -विकास जैन मित्तल

14 घंटे ट्रेन लेट होने से यात्रियों को हुई तकलीफ टिकट का पैसा देने से इंकार किया रेल्व -विकास जैन मित्तल

14 घंटे ट्रेन लेट होने से यात्रियों को हुई तकलीफ टिकट का पैसा देने से इंकार किया रेल्व -विकास जैन मित्तल


कांग्रेस आईटी सेल बालोद जिलाध्यक्ष विकास जैन मित्तल ने रेल्वे के ऊपर आरोप लगाते हुए सभी यात्रियों का पैसा वापस करने एवं उनको हुई तकलीफों के लिए न्यूज का सहारा लेते हुए बताया कि छपरा जंक्शन से गोंदिया जंक्शन जाने वाली ट्रेन क्रमांक 08796 गोंदिया स्पेशल फेयर समर स्पेशल 14 घंटे लेट होने के कारण उस ट्रेन के सभी यात्रियों को भारी तकलीफ हुई ऐसे में कुछ बच्चे परीक्षा देने नही पहुंच पाए और कुछ अपने काम में।विकास जैन मित्तल का यह भी कहना है की रेल्वे के इस लापरवाही के कारण आम जनों में काफी परेशानियां हो रही है और आमजनों में काफी आक्रोश हो गया है।ऐसे में यात्री जब अपनी रिजर्वेशन टिकट को ले कर रेल्वे अधिकारी या टीटी के पास जाता है तब रेल्वे अधिकारी या टीटी साफ इंकार कर देते है ट्रेन लेट है तो हम क्या करे वह आपकी परेशानी है जाओ यहां से टिकट वापस नहीं होगा आप 139 टोलफ्री में कॉल कर बात कर लीजिए।यात्री जब 139 टोलफ्री में संपर्क करते है तो वहा भी उसे मना कर दिया जाता है अगर आपकी ट्रेन 3 घंटे से ज्यादा लेट है तो आप टीडीआर फाइल करे माफ करिए हम आपकी कोई सहायता नहीं कर सकते,जब यात्री टीडीआर फाइल करता है तो उसमे भी 15 से 90 दिन का समय मांगा जाता है कुल मिला के रेल्वे आमजनों का पैसा लूट रही है और आम जन तकलीफ में है।ट्रेन की टिकट होने के बावजूद यात्री दूसरी ट्रेन में नही जा सकता और यदि दूसरी ट्रेन में चढ़े तो दूसरा टिकट या रेल्वे के टीटी लंबा चौड़ा फाइन काट देते है। बालोद जिलाध्यक्ष विकास जैन मित्तल का रेल्वे अधिकारी से यह सवाल है रेल्वे की इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन? उन बच्चो की परीक्षा का जिम्मेदार कौन? उन नौकरी वालो का जिम्मेदार कौन?

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