देश के मजदूर आन्दोलन में लाल के बजाय भगवा झंडे का वर्चस्व
शून्य से शिखर की यात्रा के चरण में भारतीय मजदूर संघ ने 70 वां स्थापना दिवस मनाया, भारतीय मजदूर संघ
बालोद जिला भारतीय मजदूर संघ का स्थापना दिवस समारोह आज बीएसपी राजहरा क्लब के हॉल में एक विचार गोष्ठी के रूप में संपन्न हुआ। विचार गोष्ठी को भामसं के राष्ट्रीय मंत्री आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ श्रीमती आयशा खान, प्रदेश संयोजक पर्यावरण लखनलाल चौधरी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ प्रदेश उपाध्यक्ष माधुरी रथ ने संबोधित किया।
समारोह के मुख्य वक्ता भामसं के जिला मंत्री और विभाग प्रमुख मुश्ताक अहमद ने भारतीय मजदूर संघ को देश में प्रथम क्रमांक पर होने की बात को जोर देते हुये कहा कि भले ही भारतीय मजदूर संघ देश का सबसे बड़ा श्रम संगठन बन गया हो, एशिया में भी हम सबसे बड़े संगठन है, चीन के सरकारी ट्रेड यूनियन को छोड़ दे तो हम पूरी दुनिया में भी सर्वाधिक सदस्यता वाले श्रम संगठन है, बावजूद इसके हमारा कार्य अभी भी अधूरा है। जब तक असंगठित क्षेत्र के एक-एक मजदूर को संगठित करके उनको उनका हक व अधिकार नही दिला देते तब तक हमारी लड़ाई अधूरी है, हमारा संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।
भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि भारी बरसात के बावजूद तय समय में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भामसं का स्थापना दिवस मनाने एकत्रित हुये और विचार गोष्ठी व रैली में पानी में भीगते हुये शामिल हुए गोष्ठी के प्रारंभ में भारतमाता, भगवान विश्वकर्मा व भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दंतोपंत ठेंगड़ी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम प्रारंभ हुआ फिर भारतीय मजदूर संघ के गीत गाये गये, भामसं के पर्यावरण संयोजक लखनलाल चौधरी ने अपना उद्बोधन रखा, सभी यूनियनो ने क्रमशः अपना-अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया फिर विचार गोष्ठी प्रारंभ हुई, जिसमें भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने सिद्धांतो व विचारों की व्याख्या करते हुये भामसं के सिद्धांतो को कालजयी बताते हुये कहा कि जिन विचारों व सिद्धांतो को लेकर भारतीय मजदूर संघ 23 जुलाई सन् 1955 को प्रारंभ हुआ वे विचार अब 70 वर्ष की उम्र प्राप्त कर चुके है और मजदूर जगत में अब लाल सलाम के बजाय भारतमाता की जय के नारे लगने प्रारंभ हो गये है।
अब देश के मजदूर आंदोलन में लाल झण्डे का नहीं बल्कि भगवा झण्डे ने स्थान ग्रहण कर लिया है, जहॉ देश के संगठित क्षेत्रों में भारतीय मजदूर संघ का काम तीव्र गति से बढ़ा है वही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के समस्याओं को भी देशभर में मुखर आवाज मिली है। यही कारण है कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिये राज्य व केन्द्र की सरकारों ने अनेक योजनायें प्रारंभ की है जिनका लाभ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को प्राप्त हो रहा है। इसके बाद भी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की समस्यायें गंभीर है, उन्हे न तो न्यूनतम वेतन मिल रहा है न ही उन्हे भविष्य निधि का लाभ दिया जा रहा है और न ही चिकित्सा बीमा की सुविधा मिल पा रही है। अभी भी इस क्षेत्र में संघर्ष की काफी जरूरत है ताकि देश में शोषण के अंधकार को दूर किया जा सके। राजहरा खदान में कार्यरत नियमित एवं ठेका श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए भी संघर्ष करने की बात कही साथ ही कहा कि आज सेल को महारत्न कंपनी कहा जाता है मगर राजहरा खदान में कार्यरत श्रमिकों को बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता है ? आज नियमित कर्मचारियों के घरों के छत से पानी गिर रहा है, नालियों की सफाई नहीं हो रही है सड़कों पर जगह जगह गड्ढे हो गए हैं पूरा शहर गंदगी से पटा हुआ है जगह जगह झाड़ियों का अंबार है कोई साफ़ सफाई नहीं हो रही है। और बीएसपी प्रबंधन ईस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है डीएवी स्कूल और अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है कुल मिलाकर बीएसपी प्रबंधन मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में पूरी तरह असफल है।
गोष्ठी व रैली में में प्रमुख रूप से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ से आयशा खान, माधुरी रथ , खदान मजदूर संघ भिलाई से रजनीश जरयाल, बी के मिश्रा, विमल यदू, मुरली साहू, मिलिंद तामड़े,लीखने साहू, शिवकुमार नायक, सुखदेव यादव, संजय यादव, पुरोहित कोठारी, विनोद कुमार आरडे, मुकेश महेश्वरी,भागवत कश्यप, ज्ञानप्रकाश चंद्राकर, विनोद सहारे, उल्लाह देवांगन,सतीश कुमार पाण्डेय, मुरली साहू,डोमेन्द दास,गजाधर साहू, विनोद कुमार नोन्हारे,सी हरि,एवं खदान के ठेका श्रमिक, आईं ओ सी एल के ठेका श्रमिक,और सुरक्षा गार्ड एवं खदान के सुरक्षा गार्ड शामिल हुए कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष रामेश्वर साहू ने और आभार प्रदर्शन बी के मिश्रा ने किया ने किया ।