बीएसपी प्रबंधन क्षेत्र के आदिवासियों और रहवासियों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है: मुश्ताक अहमद
भारतीय मजदूर संघ के नेता और पूर्व सांसद प्रतिनिधि मुश्ताक अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन द्वारा क्षेत्र के आदिवासी बच्चों से फीस के नाम पर बड़े पैमाने पर खेल खेला जा रहा है जिसकी शिकायत मुश्ताक अहमद द्वारा 09-09-2023 को उस समय के एस डी एम राजहरा से की गई थी किन्तु आजतक उसपर किसी तरह का निर्णय नहीं निकल पाया है जो बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन की कार्यशैली को दर्शाता और साथ स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन की कमजोरीयों को भी दिखाता है कि किस तरह बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन लगभग 01 साल से स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन को गुमराह किये हुए हैं और स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन गुमराह हो रहें हैं यह चिंता का विषय है?
विगत दिनों ईसी संबंध में बीएसपी प्रबंधन, डीएवी स्कूल प्रबंधन, स्थानीय प्रशासन और शिकायतकर्ता के साथ एक बैठक 05-06-2024 को एस डी एम कार्यालय राजहरा में आयोजित हुई थी जिसमें बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन से क्षेत्र के आदिवासी बच्चों से दोहरी फीस न लेने और पीपुल्स फंड को किस मद में खर्च किया जाता है उसकी जानकारी एवं सीएसआर मद से सत्र 2022-23 में डीएवी स्कूल प्रबंधन राजहरा को 2 करोड़ 03 लाख रुपए और सत्र 2023-24 में 2 करोड़ 70 लाख रुपए गैर बीएसपी बच्चों के लिए दिया गया था उसके बाद भी क्षेत्र के गैर बीएसपी आदिवासी बच्चों से बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन फीस वसूलने में लगी है जोकि जांच का विषय है? 05 तारीख की बैठक भी बेनतीजा समाप्त हो गई और बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन ने एक बार फिर जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को गुमराह करने में सफल रही। बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन द्वारा किसी भी शिकायत का आजतक लिखित जवाब नहीं दिया जो स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन की असफलता है क्योंकि एक तरफ बीएसपी प्रबंधन अंतागढ़ में सीएसआर मद से मुफ्त में डीएवी स्कूल का संचालन कर रही है मगर दूसरी तरफ दल्ली राजहरा के डीएवी स्कूल में मनमाने तरीके से फीस वसूलने में लगी है और शिक्षा का व्यासीकरण कर आदिवासी बच्चों का शोषण करने में लगीं है।
एक तरफ रावघाट खदान के सीएसआर के तहत डीएवी शिक्षण संस्थान के साथ अनुबंध कर सीबीएससी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का संचालन किया जा रहा है और दूसरी तरफ दल्ली राजहरा में अपने सभी स्कूलों को बंद कर डीएवी स्कूल के साथ अनुबंध कर यहां के आदिवासियों से मनमाना फीस वसूला जा रहा है।ईस तरह का दोहरा मापदंड अपना रही है बीएसपी प्रबंधन?? सबसे बड़े दुःख का विषय है कि खदान के दुष्प्रभाव से सबसे ज्यादा प्रभावित दल्ली राजहरा नगर है मगर न तो सीएसआर मद से बीएसपी प्रबंधन कुछ कर रहीं हैं और न ही डीएम एफ फंड से ? नगर का पूर्ण रूप से शोषण करने में लगीं है बीएसपी प्रबंधन। और सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि बीएसपी प्रबंधन द्वारा बैठक में हुई चर्चा और मांगी गई जानकारी को लिखीत में नहीं दे रही है बीएसपी प्रबंधन द्वारा कलेक्टर के प्रतिनिधि एस डी एम राजहरा को अपना जवाब एक सादे काग़ज़ पे बिना किसी के हस्ताक्षर किए हुए दिया गया है जोकि काफी हास्यास्पद है और जिला कलेक्टर और एस डी एम राजहरा के लिए चिंता का विषय है मगर उसके बाद भी आज दिनांक तक 01 माह से अधिक समय बीतने के बाद भी बीएसपी प्रबंधन द्वारा बैठक में हुई चर्चा और मांगी गई जानकारी किसी भी सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित कर एस डी एम कार्यालय में नहीं दिया गया है जोकि चिंता का विषय है।
बैठक में मुख्य रूप से एस डी एम राजहरा आर के सोनकर, बीएसपी प्रबंधन से आर बी गहरवार मुख्य महाप्रबंधक खदान, के श्रीकांत ऐजेंट राजहरा खदान, विपीन कुमार महाप्रबंधक एम एंड एस, तूषार राठौर, पर्सनल विभाग से एम के रेड्डी, धीरज बघेल,और बी एम एस से मुश्ताक अहमद और लखनलाल चौधरी उपस्थित थे।