"नौकरी ही रोजगार है" इस परिभाषा को बदल "उद्यमिता से ही उत्तम रोजगार होता है" को स्थापित करने की जरुरत - सतीश कुमार
जालंधर में गत 20..21 जुलाई को सम्पन्न हुए स्वदेशी जागरण मंच, पंजाब के दो दिवसीय प्रांत विचार वर्ग को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह-संगठक सतीश कुमार ने युवाओं को आह्वान किया कि वे इस परिभाषा को बदलें कि नौकरी ही रोजगार है। देश में कुल 8 से 9% ही सरकारी नौकरी है। युवा इस परिभाषा को बदलते हुए स्वयं का उद्यम-रोजगार, स्टार्टअप्स शुरू करें। जिससे कि वह भी आर्थिक प्रगति पर बढ़े और देश को भी इसका लाभ हो। वह "नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला" बने।
उन्होंने कहा कि यह बात ठीक है कि नौकरी आपको भूखे नहीं मरने देती परन्तु यह बात भी सत्य है कि नौकरी आपको आगे भी बढ़ने नहीं देती। बड़ी संख्या में लोग अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं हैl
आज युवाओं के लिए गुणवत्ता और उत्तमता वाली जिंदगी गुजारने के लिए यह जरूरी है कि वह अपना कोई नया उद्यम शुरू करें। जिससे समाज और लोगों का भी भला हो। पंजाब में विभिन्न आंदोलनों के कारण आर्थिक सामाजिक स्थिति जो खराब हो रही है उसको ठीक करने का मार्ग भी यही है की यहां के युवाओं को उद्यमिता के मार्ग पर लाने हेतु एक व्यापक जन जागरण किया जाए।
इस अवसर पर डा गुरबीर सिंह गिल, जिले के सबसे बड़े किसान सरदार रणतेज सिंह, lRS गिरीश बाली,पंजाब के संगठक विनय व अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।