कबीरधाम:- रक्से में हुआ गुरुपूर्णिमा व सतसंग सम्मेलन का महापर्व सम्पन्न

कबीरधाम:- रक्से में हुआ गुरुपूर्णिमा व सतसंग सम्मेलन का महापर्व सम्पन्न

कबीरधाम:- रक्से में हुआ गुरुपूर्णिमा व सतसंग सम्मेलन का महापर्व सम्पन्न

कबीरधाम:- रक्से में हुआ गुरुपूर्णिमा व सतसंग सम्मेलन का महापर्व सम्पन्न


मेघू राणा बेमेतरा। रक्से जिला कबीरधाम में प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्वामी महर्षि मुक्तानंद जी के कृपा पात्र शिष्य स्वामी बीरसिंह महाराज जी के अनुयायियों के द्वारा गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को हर्षोल्लास से मनाया गया।

जिसमे ग्राम रक्से के आसपास क्षेत्रीय सत्संगी सहित छत्तीसगढ़ अंचल के विभिन्न क्षेत्रों से वक्ता व श्रोताओं का आगमन हुआ था कांकेर जिले से लगभग 40 सत्संगियों का आगमन कार्यक्रम को विशिष्ट बना दिया था।

मुख्य वक्ता के रूप में कांकेर जिले के ग्राम उड़कुड़ा से सन्त श्री फ़क़ीर राम साहू के आध्यात्मिक प्रवचन माला से समस्त सत्संगियों को नई ऊर्जा एवं परंपरा को निर्वहन करने का उत्साह मिला । एवं स्वामी महर्षि मुक्तदेव से प्राप्त अध्यात्म प्रसादी को समस्त सत्संगियों को सत्संग लाभ से अत्यंत लगाव रहा।

मौसम की विपरीत परिस्थिति में भी सैकड़ो सत्संगियों का आगमन पूरे आयोजन के लिए खुशहाल का अवसर रहा। ग्राम रक्से जिला कवर्धा इसी तरह के धार्मिक आयोजन के नाम से अपने जिले ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ अंचल में प्रसिद्ध है। वर्ष में अनेकों बार धार्मिक आयोजन की कड़ी इस ग्राम के समस्त दानदाताओं के सहयोग से संपन्न होता रहा है जैसे गायत्री महायज्ञ, भागवत महापुराण, राज्य स्तरीय मानस गान सम्मेलन एवं वर्ष में दो बार वीरेश्वर आश्रम रक्से के माध्यम से ऐसा सत्संग सम्मेलन संपन्न होता है । जिसमें समस्त ग्रामवासी सहित समस्त गुरु निष्ठा रखने वाले सत्संगियों के सहयोग से संपन्न होता है।

सनातन परंपरा को सहेज कर रखने वाले ऐसे वीरेश्वर आश्रम रक्से के समस्त पदाधिकारी के अथक प्रयास से धार्मिक आयोजन को एक नई दिशा मिल पाता है। इस धार्मिक आओ जान से गांव में समाज में वह परिवार में एक नई मानसिकता का बीजारोपण होता है जिसका फल आने वाले पीढ़ियों पर अवश्य पड़ता है, ऐसा गांव पूरे समाज के लिए एवं पूरे विश्व के लिए अनुकरण का केंद्र बन जाता है।

समस्त सत्संगियों श्रद्धालुओं को बीरेश्वर आश्रम रक्से की ओर से धन्यवाद ज्ञापित कर आने वाले वर्षों में उपस्थित होने का निवेदन किया गया साथ ही सायंकालीन बेला में पंडवानी कार्यक्रम के माध्यम से कार्यक्रम को समापन प्रदान किया गया।

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