जनवादी लेखक संघ जिला बालोद के तत्वावधान में ओना कोना स्थित जी.आर.राणा वनश्री उपवन में पावस ऋतु के सुअवसर पर पावस परब का आयोजन किया गया
जनवादी लेखक संघ जिला बालोद के तत्वावधान में ओना कोना स्थित जी.आर.राणा वनश्री उपवन में पावस ऋतु के सुअवसर पर पावस परब का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ.परदेशी राम वर्मा प्रदेश अध्यक्ष जनवादी लेखक संघ एवं अध्यक्षता बी एल ठाकुर पूर्व आईएएस रहे। जी आर राणा पूर्व अध्यक्ष अनुसुचित जन जाति आयोग के आमंत्रण पर आयोजित पावस परब कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बद्री प्रसाद पारकर साहित्यकार भिलाई, मुनीलाल निषाद समाज सेवी भिलाई, डॉ.अशोक आकाश साहित्यकार बालोद, देव नारायण नगरिहा साहित्यकार डौंडी लोहारा रहे।
अतिथि स्वागत पश्चात आयोजक जी.आर राणा द्वारा कार्यक्रम के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते रूपरेखा प्रस्तुत किया गया। बद्री प्रसाद पारकर ने आत्मकथा धीरे-धीरे उतरे पार की मूल बिंदु पर प्रकाश डालते लेखकीय बारीकियाँ प्रस्तुत किया। तत्पश्चात अशोक आकाश साहित्यकार बालोद ने पुस्तक धीरे धीरे उतरे पार पुस्तक की लेखकीय विशिष्टता पर समीक्षकीय दृष्टिकोण रखते कहा धीरे धीरे उतरे पार उत्कृष्ट साहित्य की श्रेणी में सुशोभित है। पूर्व कलेक्टर बी.एल. ठाकुर ने कवियों के काव्य पाठ के साथ एक पौध धरा के नाम और एक पेड़ धरती के नाम के तहत पौधारोपण किया गया । उक्त कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.परदेशी राम वर्मा जी को उनके जन्म दिवस पर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.परदेशी राम वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा लक्ष्य साधकर साधना करने से सफलता निश्चित है, लगातार कठिन परिश्रम अध्ययन और सामाजिक विसंगतियों पर नजर लेखक के लिये लेखन की जरूरी है। अध्यक्षता कर रहे पूर्व आई ए एस बी.एल. ठाकुर ने छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधनों की प्रचूरता ते उचित दोहन को समय की जरूरत बताते कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधन का भंडार है हमारी अमित संपदा मिट्टी में ही गड़ी हुई है। छत्तीसगढ़ झारखण्ड के बाद देश का दूसरा ऐसा राज्य है जहॉं खनिज सम्पदा की प्रचूरता है जिनके उचित दोहन की आवश्यकता है।
आयोजक जी आर राणा ने कहा आज इस मंच पर पावस परब के माध्यम से जो पौध हमने लगाये हैं यह हमारी धरती माता को श्रृंगारित करने का उपक्रम है, धरती माता हमारी मॉं से बढ़कर हैआओ हम धरती मॉं का श्रृंगार करें। कार्यक्रम में मन्नम राणा, महानंद साहू, देवनारायण नगरिहा, हेमलाल ताण्डव, अशोक निषाद नितिश वर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन वीरेन्द्र अजनबी ने किया।
कार्यक्रम में मुनी लाल निषाद के आभार प्रदर्शन से कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।