बेमेतरा:- बारगांव खेल मैदान में मनाया गया राष्ट्रीय खेल दिवस, हांकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की गौरवपूर्ण स्मृति को किया गया याद
मेघू राणा बेमेतरा। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की गौरवपूर्ण स्मृति में बारगांव खेल मैदान में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया, सर्व प्रथम कार्यक्रम की शुरुआत मेजर ध्यानचंद के चित्र पर पुष्प कर किया गया इस दौरान बालिका और बालक वर्ग में फ्रेंडली हॉकी मुकाबले करवाए गए, जिसमें बालक वर्ग में टीम बारगांव एवं टीम देवरी के मध्य मैच खेला गया जिसमें बारगांव टीम के खिलाड़ियों ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए टीम देवरी को 02 से हराकर जीत हासिल की इसी प्रकार बालिका वर्ग में टीम बारगांव एवं टीम मटिया, मुड़पारखुर्द कर मध्य मैच खेला गया जिसमें मैच के पहले हाफ में मटिया, मुड़पारखुर्द टीम ने पहले हाफ में 01 की बढ़त हासिल किया था लेकिन दूसरे हाफ में टीम बारगांव के खिलाड़ियों ने अपने उम्दा खेल के प्रदर्शन कर 1–3 से जीत अर्जित किया
इस दौरान बेमेतरा जिला हॉकी संघ के सचिव व व्यायाम शिक्षिका तुलसी साहू ने खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हॉकी के जादूगर माने जाने वाले मेजर ध्यानचंद के सम्मान और याद में उनके जन्मदिन को हम हर साल खेल दिवस के रूप में मनाते है मेजर ध्यानचंद के खेल के क्षेत्र में योगदान को याद करते हुए मेजर ध्यानचंद जी ने हॉकी में अपनी अद्भुत खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर भारत को ओलंपिक में तीन बार गोल्ड मेडल दिलाया, उन्होंने अपने खेल से भारतवासियों का सिर गर्व से ऊंचा किया है,खेलों का जीवन में बहुत महत्व होता है खेल से व्यक्तित्व में नेतृत्व, समर्पण, अनुशासन जैसे गुण विकसित होते हैं जो जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने के लिए मदद करते हैं, दृढ़ता,धीरज और लचीलापन खिलाड़ियों के जीवन में सफलता की कुंजी हैं, हज़ारों मील की यात्रा प्रगति की ओर छोटे-छोटे कदमों से शुरू होती है और ये छोटे-छोटे कदम एक सच्चे खिलाड़ी की उद्देश्यपूर्णता और परिश्रम के साथ बड़ी सफलताओं में बदल जाते हैं,एक खिलाड़ी की भावना कभी कम नहीं होती, इसलिए नहीं कि उसे किसी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता, बल्कि इसलिए कि वह असफलताओं को गले लगाने से नहीं डरता,खेल मनुष्य के लिए अनिवार्य हैं क्योंकि वे न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करते हैं बल्कि मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से संतुलित व्यक्ति बनने में भी मदद करते हैं।
छत्तीसगढ़ के इस पावन धरा में मेजर ध्यानचंद जी का आगमन सन 1971 में राजनांदगांव की धरती पर हुआ था हॉकी की नर्सरी की उपाधि राजनांदगांव के मेजर ध्यानचंद द्वारा दी गई थी तथा उनको नगर भ्रमण कराया गया जंहा उन्हें राजनांदगांव के हर गली में हॉकी खेलते बच्चे को देखा था, साथ ही जिला/राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर चयन एवं प्रतिनिधित्व किए गए खिलाडियों का सम्मान किया गया साथ ही बालक एवं बालिकाओं को हांकी किट का भी वितरण किया गया इस दौरान तीक्ष्ण साहू प्राचार्य शास.उच्च.मा.विद्यालय बारगांव,संकुल समन्वयक सुरेंद्र पटेल सहित स्कूल स्टाफ ने भी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल दिवस की शुभकामनाए दी।