सांसद विजय बघेल ने अपनी पत्नी सँग की पूजा-अर्चना, सब को दी हरेली त्यौहार की बधाई

सांसद विजय बघेल ने अपनी पत्नी सँग की पूजा-अर्चना, सब को दी हरेली त्यौहार की बधाई

सांसद विजय बघेल ने अपनी पत्नी सँग की पूजा-अर्चना, सब को दी हरेली त्यौहार की बधाई

सांसद विजय बघेल ने अपनी पत्नी सँग की पूजा-अर्चना, सब को दी हरेली त्यौहार की बधाई


भिलाई। दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल अपने पैत्रिक ग्राम उरला में पहुंच कर हरेली तिहार पर अपनी धर्मपत्नी श्रीमती रजनी बघेल और अपने साथीयों के साथ में कुलदेवता देवी देवताओं की कृषि उपकरण औजार की पूजा अर्चना कर हरेली तिहार पर गेड़ी चलें। सांसद विजय बघेल जी ने बताया कि मन में हरियाली उमंग उत्साह के साथ साल भर के प्रथम त्योहार के रूप में हम मनाते हैं. खास कर हरियाली की परंपरा गांव में लगातार उत्साह जनक रहता है. उमंगों से भरा रहता है. पूरे गांव के लोग अपने-अपने घरों में पहले कृषि कार्य में आने वाले बहुत से उपकरण हल रापा कुदाली हाशिया हों ऐसे सभी किसानी के औजारों की पूजा करते हैं. इसी भाव के साथ हमारे जीवन से जुड़ा रहें. हल जो जोतने के काम आता है. जिसे नन्दी बैलों में लगाकर बैल जोड़ी के साथ जोताई होती है बैलों की भी पूजा हम करते हैं और आज के दिन गेड़ी में चढ़ कर इस उत्सव को मनाने की परंपरा है. इस को निर्वहन करते हुए मैं भी अपने परिवार साथीयों के साथ मिलकर अपने गांव में देवी देवताओं की कृषि औजार की पूजा अर्चना कर के मनाते हैं. पहले हम छोटे थे तो और उत्साह उमंग उल्लास के साथ में हम मनाते थे. लेकिन धीरे-धीरे समय बीतता गया और इस में कमी आती गई इस परंपरा से हम दूर होते गए.

 ये दुर्भाग्य है हम सभी फिर से ये भाव से सभी के मन में जागृत करें ताकि इस के माध्यम से गांव में एकत्रित होकर गांव में खेल खो खो कबड्डी सुरा सब बच्चे महिलाएं अपने अपने ग्रुप में खेलते हैं. ये भाईचारा का निर्माण होता है. एक उत्सव होता है एक प्रेम का वातावरण होता है. गांव में एकता हों उमंग हों ये भाव के साथ छत्तीसगढ़ के सबसे पहले तिहार हरेली के रूप में पुरानी परंपरा को जीवित रखने हुए हरेली तिहार ताकि छत्तीसगढ़ की परंपरा एक अनोखी छाप छोड़ सके! 

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