दल्लीराजहरा बचाओ महाआंदोलन का आगाज।

दल्लीराजहरा बचाओ महाआंदोलन का आगाज।

दल्लीराजहरा बचाओ महाआंदोलन का आगाज।

दल्लीराजहरा बचाओ महाआंदोलन का आगाज।


शिक्षा,चिकित्सा, रोजगार, उद्योग व मूलभूत सुविधाओं के लिए महाआंदोलन।

मंगलवार को राजहरा बंद। विशाल बाइक रैली एवं आमसभा

नगर के सभी संघ,यूनियन व समाज दे दिया समर्थन।

नगर के लौह अयस्क खदानों से करोड़ो की रायल्टी हजम,नगर विकास में पिछड़ा

डीएफएम और सीएसआर की राशि नगर सहित प्रभावित क्षेत्र में खर्च करने की मांग।

दल्लीराजहरा - दल्लीराजहरा बचाओ आंदोलन का आगाज मंगलवार को नगर बंद एवं विशाल बाइक रैली एवं आमसभा का आयोजन किया गया है।जिसमे नगर के स्वास्थ्य, शिक्षा,व्यापार सहित मूलभूत मांग
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना - यह एक नया कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित क्षेत्रों और लोगों के कल्याण के लिए जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) द्वारा जुटाए गए धन का उपयोग करना है। प्रभावित क्षेत्र के लोगो के लिए पर्यावरण स्वास्थ्य और सामाजिक आर्थिक स्थिति पर पड़ने वाले प्रभाव का समाधान करना, उनके लिए स्थायी आजीविका सुनिश्चित करना।डीएमएफ निधि का 60% हिस्सा सबसे प्रभावित क्षेत्रों में एवं 40 % अन्य क्षेत्रों में नगर से प्राप्त 650 करोड़ से भी अधिक डीएमएफ राशि का कुछ भी राशि आज तक शहरहित के कार्यो में उपयोग नही किया गया स्वास्थ्य अस्पताल के नाम पे एक पुरानी बिल्डिंग नाम मात्र के स्टाफ और कुछ दवाइयां वहीं शिक्षा एक उच्चस्तरीय शिक्षण संस्थान नही उच्च न ही माध्यमिक शिक्षा के लिए।रोजगार आसपास के क्षेत्र में एक उद्योग नही माइंस में रोजगार का कोई ठोस अवसर नहीपेयजल -नगर के वार्डो में फ़िल्टर पानी की सुविधा नही, कुछ स्थानों में पानी की किल्लत। नियमानुसार राशि खर्च होने पर प्रतिमाह करोडों का राजस्व नगर एवं 16 किमी की परिधि पर खर्च यानी विकासात्मक एवं हर क्षेत्र में उन्नति।पलायन रुकेंगे, शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, छात्रो को बाहर जाकर पढ़ने से छुटकारा।रोजगार के अवसर जिससे पूरे परिवार का विकास एवं खुशहाली बढ़ेगी।
बेहतर स्वास्थ्य व्यस्था शुद्ध पेयजल हमे बेहतर जीवन का रास्ता दिखाएगी।लौह अयस्क नगरी के नाम से विख्यात दल्लीराजहरा शहर का अस्तित्व लगभग 70 साल पहले सेल की यूनिट बीएसपी के द्वारा यहाँ की सभी लौह अयस्क खदानों को लीज पर लेकर लौह अयस्क का खनन प्रारंभ किया तब ही आया शुरुवाती दौर मे बीएसपी प्रशासन ने यहाँ आस पास के जिलों व ग्रामीण लोगो को बुला बुलाकर खदानों में नोकरिया प्रदान की व्यापारियों को लीज में जमीनें देकर बसाया एवं यहां के नागरिकों व अपने कर्मचारियों के लिए जगह जगह स्कूल खोले बिजली,पानी की बुनियादी सुविधाएं प्रदान की अपने कर्मचारियों के लिए अस्पताल बनवाया समय के साथ धीरे धीरे सब सुविधाओं को एक एक करके छीन लिया गया सुविधाओं व रोजगार के अभाव में इस शहर की जनसंख्या सवा लाख से 35-40 हजार में सिमट गई है अब शहर के माइंस से सबसे ज्यादा प्रभावित लगभग 10 वार्डो की जनता को सिर्फ धूल,कीचड़ ही नसीब हो पा रहा है मूलभूत सुविधा के लिए भी तरस रहे है जबकि बीएसपी प्रशासन सीएसआर की राशि को अन्यंत्र शहरों में खर्च कर रही हैं।
केंद्र में 2014 में मोदी सरकार आई 2015 में मोदी सरकार ने रायल्टी की राशि का 33% माइंस वाले जिले में देने का कानून बनाया जिससे उस छेत्र का समुचित विकास हो उसको ही जिला खनिज फंड के नाम से जाना जाता है उस कानून में उल्लेख है कि 60% की राशि प्रभावित शहर में एवं 40% की राशि आस पास में खर्च करने का प्रावधान किया ओर यह कानून सन 2016 से प्रभावी हो गया अभी तक जिला प्रशासन को लगभग अरबो रुपये पिछले 8 सालों में मिल चुके हैं लेकिन यह राशि दल्लीराजहरा व आस पास के इलाकों में खर्च ना करके नियम विपरीत अन्य जिलों व जगहों पर खर्च कर दल्लीराजहरा के नागरिकों के साथ छल किया गया है लेकिन दल्ली राजहरा में 5% भी राशि खर्च नही किया गया है ! जबकि स्थानीय लोग मूलभूत की सुविधाओ जिसमें अस्पताल, विद्यालय, बायपास सड़क जैसी मांगो के लिए कई बार आंदोलन व हड़ताल कर चुके है लेकिन हर बार दल्लीराजहरा के निवासियों को आश्वासन के अलावा कुछ नही मिला है इतना बड़ी माइंस होने के बाद भी यहां एक सर्व सविधा युक्त हॉस्पिटल तक नही है जिससे समय पर इलाज ना मिलने के कारण कईयों लोगों ने समय पूर्व दम तोड़ दिया।

दल्लीराजहरा को लौह नगरी के नाम से जाना जाता है यहां आस पास कच्चा लोहा बीएसपी द्वारा निकाल कर भिलाई भेजा जाता है बीएसपी द्वारा पिछले लगभग 70 सालो से लगातार लौह अयस्क का खनन कर रहा है अब यहां कुछ ही वर्षों का लौह अयस्क बचा हुआ है इन लौह अयस्क से बीएसपी प्रशासन अरबो खरबो रुपये कमाती है वहीं सेल की सबसे ज्यादा कमाने वाली यूनिट है उसके बाद भी इस शहर की सड़कों की दशा देखने लायक हैं, बीएसपी की खदानों में पूर्व में लगभग 600 ट्रक स्थानीय ट्रक मालिको के चलते थे धीरे धीरे ठेकेदारी प्रथा के कारण स्थानीय ट्रक मालिक बेरोजगार हो गए बीएसपी प्रशासन के द्वारा अपना पूरा कच्चा लोहा ट्रेन के माध्यम से भिलाई भेजा जाता है, बीएसपी यहाँ के परिवहन मालिक को भी रोजगार नही दे रही है जबकि लगातार कई वर्षों से ट्रक मालिक 15% लौह अयस्क परिवहन का काम मांगते मांगते थक चुके हैं इन परिवहन मालिको को दूसरे जिले की माइंस के भरोसे अपना रोजगार चलना पड़ रहा है !

जिला खनिज न्यास निधि में भी बंदर बाट देखने को मिल रहा है जिसको ईडी द्वारा लगातार जांच किया जा रहा है और लगातार छापामार कार्यवाही की जा रही है इस बंदर बाट में बालोद जिले के अधिकारियों के साथ साथ कुछ नेताओ का नाम भी आ रहा है जिन्होंने जमकर भ्रष्टाचार किया है! ओर इसका खामियाजा दल्लीराजहरा व आसपास के ग्रामीण इलाकों के निवासियों को करना पड़ रहा है और उन्हें अपनी मूलभूत सुविधा के लिए तरसना पड़ रहा है लेकिन कल दिनांक 27 अगस्त 2024 से राजहरा व्यापारी संघ के नेतृत्व में समस्त व्यापारी, समस्त सामाजिक संगठन, समस्त यूनियन व आसपास के ग्राम पंचायत के सरपंच व ग्रामीण 8 सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए इस आंदोलन में शामिल होंगे |

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