भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे के मां बम्लेश्वरी मंदिर के प्रसाद मामले में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान

भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे के मां बम्लेश्वरी मंदिर के प्रसाद मामले में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान

भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे के मां बम्लेश्वरी मंदिर के प्रसाद मामले में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान

भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे के मां बम्लेश्वरी मंदिर के प्रसाद मामले में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान


मजहर खान के पोल्ट्री फॉर्म में बन रहा था 'श्री भोग प्रसाद', भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा यह साजिश के तहत किया गया है

दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र प्रेषित कर मां बम्लेश्वरी मंदिर के प्रसाद मामले में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने का आग्रह प्रधानमंत्री कार्यालय से किया,जिसपर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्यवाही बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव मुकुल दीक्षित को अग्रेषित किया है।पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि कहा कि यह केवल भक्तों के साथ ही नहीं,बल्कि भगवान के साथ भी विश्वासघात है।यह किसी साजिश के तहत किया गया है।साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए और जो भी इसका दोषी पाया जाए,उसे ऐसी सजा दी जाए कि आगे से कोई ऐसा करने की हिम्मत न जुटा सके।यह कार्य हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने और धार्मिकता को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा था।इसमें जांच होने पर और लोगों की संलिप्तता भी सामने आएगी।धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।यह सनातन धर्म को मानने वालों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।यह अक्षम्य अपराध है और ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। हिंदू समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। डॉ. प्रतीक उमरे ने बताया कि जिले के डोंगरगढ़ में पहाड़ी पर विराजित मां बम्लेश्वरी मंदिर में चढ़ाया जा रहा चिरौंजी दाने (इलायची दाने) का प्रसाद कारोबारी मजहर खान के मुर्गीखाने (पोल्ट्री फार्म) में बन रहा था। इसमें उसका मुर्गीखाना (पोल्ट्री फार्म) भी है। फैक्ट्री का संचालन बिना लाइसेंस के किया जा रहा।यह अवैध फैक्ट्री शहर से तीन किमी दूर ग्राम राका में स्थित है।खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग ने गुरुवार को फैक्ट्री को सील कर दिया है।टीम ने सैंपल को जांच के लिए रायपुर प्रयोगशाला भेजा है।प्रसाद के पैकेट में न तो बैच नंबर है और न ही पैकेजिंग डेट का उल्लेख है।गुरुवार को हुआ प्रसाद का नमूना लेने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम वहां पहुंची,तो इसका खुलासा हुआ।डोंगरगढ़ शहर से लगभग तीन किलोमीटर दूर ग्राम राका में एक ही परिसर में मुर्गी फार्म और प्रसाद बनाने वाली फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है।वहां तैयार चिरौंजी दाना वाला प्रसाद मां बम्लेश्वरी मंदिर परिसर में संचालित दुकानों में बेचा जाता है, जहां से वह मंदिर तक पहुंच रहा है।करीब 5000 स्क्वायर फीट के कैंपस में पोल्ट्री फॉर्म के साथ ही प्रसाद बनाने की फैक्ट्री संचालित होती है। इसे 'श्री भोग प्रसाद' के नाम से बनाया जा रहा था।यह प्रसाद मां बम्लेश्वरी देवी के दर्शन करने वाले भक्त खरीदते हैं इसकी सप्लाई मंदिर के पास दुकानों में होती है।जिस पैकेट में ये इलायची दाना बेचा जा रहा था उसमें लिखा है इसे ‘साफ एवं पवित्र वातावरण में निर्मित’ किया गया है। जहां प्रसाद बनाया जा रहा है वहां मुर्गी पालन का भी काम होता है। खाद्य विभाग की टीम ने इलायची दाना के सैंपल लिए हैं।प्रारंभिक पूछताछ में खाद्य विभाग के अधिकारियों को इलायची दाना निर्माण से जुड़ी कोई भी अनुमति के दस्तावेज नहीं मिले हैं।

2000 हजार वर्ष पुराना है मां बम्लेश्वरी का मंदिर

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित मां बम्लेश्वरी का भव्य मंदिर है। राज्य की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान डोंगरगढ़ की मां बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास काफी पुराना है।पहाड़ के नीचे छोटी बम्लेश्वरी माता का भी मंदिर है। वैसे तो साल भर यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है,लेकिन इस कामाख्या नगरी में नवरात्रि के दौरान अलग ही दृश्य होता है। डोंगरगढ़ में जमीन से करीब 2 हजार फीट की ऊंचाई पर विराजती है मां बमलेश्वरी।मां की एक झलक पाने के लिए दूर-दूर से भक्तों का जत्था माता के इस धाम में पहुंचता है।कोई रोप वे का सहारा लेकर तो कोई पैदल ही चलकर पहुंचता है।मां बम्लेश्वरी को उज्जैन के महाप्रतापी राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी भी माना जाता है।मंदिर की अधिष्ठात्री देवी माँ बगुलामुखी हैं।यह कलचुरी कालीन मंदिर है।इसका निर्माण लगभग 2000 वर्ष पूर्व हुआ था।



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