श्री संत गजानन महाराज जी शेगांव निवासी समाधि उत्सव का कार्यक्रम कल दिनांक 9 सितंबर 2024 दिन सोमवार को प्रशांत कुमार क्षीरसागर के निवास स्थान पर आयोजन किया
श्री संत गजानन महाराज जी शेगांव निवासी समाधि उत्सव का कार्यक्रम कल दिनांक 9 सितंबर 2024 दिन सोमवार को प्रशांत कुमार क्षीरसागर जी के निवास स्थान पर आयोजन किया जा रहा है श्री गजानन भक्तजन प्रशांत ऊषाक्षीरसागर श्री गजानन महाराज जी के समाधि 16 आयोजन के अवसर पर प्रातः सुबह श्री गजानन महाराज जी का अभिषेक फूलों से श्रृंगार श्री गजानन महाराज जी की प्रतिमा फोटो बुक का चंदन सिंदूर चढ़कर सुंदर फूलों से श्रृंगार किया गया श्री संत सेवा समिति हरिपाठ मंडल 10:30 बजे पाठ हरिपाठ सुंदर श्री गजानन महाराज भजन अभंग गीत पूजा पाठ किया गया दोपहर 12:00 बजे दहीहंडी गजानन भक्तों के द्वारा फोड़ी गई।
आयोजन में गोपाल का ला प्रसाद विशेष महत्व है इसमें पहला ही दही शक्कर नारियल के दाने फल नींबू आदि मिश्रण से यह प्रसाद बनाया जाता है इसमें भगवान ने संदेश दिया है कि अपने जीवन में सब भूल मिलकर रहे और गरीब हो या अमीर सब मिलकर यह प्रसाद है जय गजानन श्री गजानन का नाम लेने से जीवन सफल हो जाता हैगजानन महाराज मंत्र श्री गजानन महाराज हमेशा एक ही मंत्र बोला करते थे जिसका इस दिन जाप करना चाहिए:
गण गण गणात बोते।।
ग्रंथ का पाठ पूरा हो जाने पर श्री गजानन महाराज के लिए झुणका भाकर यानी कि बेसन और ज्वार की रोटी का भोग लगाया जाता है और उनके प्रकट दिवस के अवसर पर घर-घर में इसी का नैवेद्य लगाया जाता है। साथ ही देश भर के श्री गजानन महाराज के मंदिरों में महाप्रसाद का आयोजन किया जाता है जिसे भक्त लोग बड़ी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।
सभी लोगों को गजानन महाराज के शेगांव मंदिर में वर्ष में एक बार दर्शन के लिए अवश्य ही जाना चाहिए। वहां पर मंदिर का वातावरण इतना सुखद है कि परेशान से परेशान व्यक्ति भी अगर वहां जाए और महाराज के दर्शन करें तो उसके मन को अत्यंत प्रसन्नता प्राप्त होती है। भक्तजनों का दृढ़ विश्वास है कि गजानन महाराज आज भी अपने सूक्ष्म रूप में वहां पर उपस्थित हैं।
श्री गजानन महाराज ने हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (ऋषि पंचमी ) यानी 08/09/1910 को समाधि ली और उस स्थान पर उनके समाधि स्मारक मंदिर का निर्माण किया गया और साथ ही गजानन महाराज संस्थान की स्थापना की गई।
इस संस्थान ने “श्री” के मंदिर के साथ-साथ वहां पर भक्तजनों के लिए इतनी अच्छी सुविधाएं प्रदान की है जैसे कि अत्यंत कम दरों पर उपलब्ध भक्त निवास तथा निशुल्क महाप्रसाद की सुविधा जिसमें प्रतिदिन लाखों लोग अन्न ग्रहण करते हैं। यहां पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि इस संस्थान के सभी लोग सेवा भाव से और श्री के प्रति श्रद्धा भाव से निस्वार्थ होकर कार्य करते हैं।
हमें भी इस दिन अपने सामर्थ्य अनुसार असमर्थ या निर्धन लोगों को भोजन कराना चाहिए और अपनी शक्ति अनुसार उन्हें वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। जय गजानन!!अंबाडी की भाजी जवाहर की रोटी बाज राकी रोटी बेसन मिर्ची का ठेसा प्याज मोदक का प्रसाद श्री गजानन महाराज जी का प्रिय भोजन थाइस कार्यक्रम के अवसर पर प्रशांत उषा कुमार क्षीरसागर राजेश प्राजंलि क्षीरसागर प्रहलाद क्षीरसागर मुरली काका श्री विट्ठल राव गोदावरी कि टे तबला वादक एमके पाटिल हारमोनियम वादा पांडे काका जी कैलाश धा डेसे लीलाबाई वानखेडे विजय ज्योति माहुरकर निलेश पुशे सभी गजानन भक्त उपस्थित थे दोपहर में 2:00 बजे के बाद महाप्रसाद का आयोजन भी किया गया.