तिल्दा नेवरा। जैन धर्म के दशलक्षण के अंतिम दिन जहां उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की गई तो वहीं गणेशोत्सव का भी आज अंतिम दिन होने से भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।

तिल्दा नेवरा। जैन धर्म के दशलक्षण के अंतिम दिन जहां उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की गई तो वहीं गणेशोत्सव का भी आज अंतिम दिन होने से भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।

तिल्दा नेवरा। जैन धर्म के दशलक्षण के अंतिम दिन जहां उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की गई तो वहीं गणेशोत्सव का भी आज अंतिम दिन होने से भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।

तिल्दा नेवरा। जैन धर्म के दशलक्षण के अंतिम दिन जहां उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की गई तो वहीं गणेशोत्सव का भी आज अंतिम दिन होने से भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।


जैन समाज के लोगों ने सांकरा स्थित श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर से श्रीजी की विमान शोभायात्रा निकाली।
 श्रीजी की विमान शोभायात्रा शुरू हुई वैसे ही अचानक तेज बारिश होने लगी बरसते पानी के बीच समाज के महिला पुरुष शुद्ध धोती दुपट्टा में भगवान की भक्ति करते हुए मुख्य मागों से श्रीजी का नगर भ्रमण कराकर वापस मंदिर पहुंचे जहां भगवान का अभिषेक शांतिधारा पूजन ओर फुलमाल का कार्यक्रम हुआ।


शांतिधारा का शोभाग्य निखिल जैन सिलतरा को प्राप्त हुआ. गणेशोत्सव का अंतिम दिन होने से धरसीवां में भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन भक्ति भाव के साथ किया गया डीजे पर प्रतिबंध होने से ग्रामीणों ने ढोलक बजाते हुए भक्ति भाव से विसर्जन शोभायात्रा निकाली।


दिलीप वर्मा जी की खबर 

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