बालोद डोडी लोहारा। सरस्वती शिशु मंदिर संबलपुर में शिक्षक दिवस का आयोजित किया गया

बालोद डोडी लोहारा। सरस्वती शिशु मंदिर संबलपुर में शिक्षक दिवस का आयोजित किया गया

बालोद डोडी लोहारा। सरस्वती शिशु मंदिर संबलपुर में शिक्षक दिवस का आयोजित किया गया

बालोद डोडी लोहारा। सरस्वती शिशु मंदिर संबलपुर में शिक्षक दिवस का आयोजित किया गया


      
सरस्वती शिशु मंदिर संबलपुर में प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया है। इस कार्यक्रम के अध्यक्षता के रूप मे माननीय होमलाल पटेल प्रधानाचार्य, मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमान घनश्याम दास बघेल ,विशेष अतिथि के रूप में नंदकिशोर कोठारी, डेविड साहू, समस्त दीदी गण रहे। समस्त अतिथियों के द्वारा ओम मां सरस्वती भारत माता डॉ राधाकृष्णन के चित्रों पर दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम को शुभारंभ किया गया। 

इस कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अतिथियों को स्वागत के पश्चात कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं माननीय होम लाल पटेल प्रधानाचार्य शिक्षक दिवस की महिमा पर प्रकाश डालते हुए, समस्त भैया बहनों को समझाया  सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1881 को हुआ था, 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, डॉ राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाये जाते है, उसका मानना था कि ,शिक्षकों को समाज में एक विशेष स्थान मिलना चाहिए और शिक्षक दिवस इस विचार को जीवित रखना है, मुख्य अतिथियों ने अपने सार गर्मित उद्बोधन में समस्त भैया बहनों को आपके गुरु की शिक्षाएं आपको आंतरिक शांति और आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाए शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए, विशेष अतिथि नंदकिशोर कोठारी ने समस्त भैया बहनों को जीवन में जिससे भी आपको कोई सीख मिले उसे भी अपना गुरु मानकर उसका सम्मान करें तभी जीवन में आगे बनने का मार्ग प्रशस्त होगा, इस कार्यक्रम का संचालन बच्चों के द्वारा किया गया, इस कार्यक्रम में उपस्थित माननीय होम लाल पटेल प्रधानाचार्य ,श्रीमान घनश्याम दास बघेल, नंदकिशोर कोठारी ,डेविड साहू, लोमेश्वरी साहू रेखा सहारे, उमा निषाद राज, चित्ररेखा शर्मा एवं पूर्व छात्राएं प्रीति कोठारी पायल रावटे शशि कला साहू और समस्त भैया बहन सम्मिलित रहे, बच्चों के द्वारा प्रसाद वितरण कर, इस कार्यक्रम को कन्या भारती बहन लेखा पटेल द्वारा समापन किया गया 

गुरु और शिष्य का रिश्ता बेहद खास होता है, जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, गुरु ही उसे तक पहुंचने का मार्ग बताता है।

 एन के कोठारी जी की खबर 

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