प्रेरणा साहित्य समिति बालोद ने राज्यपाल पुरस्कृत धर्मेंद्र कुमार श्रवण को शिक्षक प्रेरणा सम्मान से नवाजा गया..
बालोद जिला के प्रतिष्ठित साहित्य की दशा और दिशा को संवारने वाले ऐसे साहित्यिक मंच प्रेरणा साहित्य समिति बालोद ने साहित्य अलंकरण एवं शिक्षक सम्मान समारोह का भव्य आयोजन स्व. विश्वम्भर यादव मरहा की स्मृति में जिला निषाद भवन सिवनी झलमला में किया गया।
सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि बहु प्रतिष्ठित एवं लोक कला मर्मज्ञ डॉ. पीसी यादव वरिष्ठ साहित्यकार अध्यक्षता जगदीश देशमुख राष्ट्रपति एवं सदस्य दूरसंचार भारत सरकार, सीताराम साहू श्याम शिक्षाविद् एवं लोकगीत कलाकार , जयकांत पटेल अध्यक्ष प्रेरणा साहित्य समिति बालोद तथा अन्य वरिष्ठ साहित्यकारों के करकमलों द्वारा विभिन्न विधाओं में पारंगत एवं शैक्षिक नवाचारी सृजनात्मक एवं रचनात्मक गणित विषय के व्याख्याता धर्मेंद्र कुमार श्रवण शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खलारी एवं साथ में उनके जीवन संगिनी शिक्षा श्रीमती मंजूलता श्रवण शिक्षा दूत को श्रीफल, शाॅल, सम्मान पत्र अलंकृत किया गया । राज्यपाल महामहिम रमेन डेका एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मानित होकर शिक्षण जगत का मान बढ़ाने में सप्लाई भूत रहा इसी परिप्रेक्ष्य में सम्मान प्रदान किया गया ।
बालोद जिला के शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञानरुपी ज्योतिपुंज को आलोकित करने वाले, अपनी भावनाओं से पुलकित कर बच्चों के प्रति समर्पित भाव से बच्चों को निखारने वाले , ऐसे चिंतनशील, मननशील व्याख्याता सचमुच बालोद जिला के लिए गौरव है। शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में नवाचार तथा क्रियात्मक अनुसंधान का नवसृजन कर समाज और राष्ट्र को अभिनव दिशा प्रदान की है। श्रेष्ठ राष्ट्र तथा आदर्श समाज निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय योगदान हेतु अपने अंतर्मन में छुपी हुई प्रतिभा की आभा को आलोकित करने में सफलीभूत किया है ।
कर्मठता, कर्तव्य निष्ठा, विनोद प्रिय, मृदुभाषी, समयबद्धता , अनुशासन प्रिय, अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक, बालक, पालक के साथ सुमधुर संबंध, व्यवहार कुशल होने के कारण संघर्ष, साहस , अनवरत प्रयास लग्गन व मेहनत से शैक्षिक गतिविधियों के क्षेत्र में पहचान बनाने में कामयाब हुए है।
शालेय विविध क्षेत्रों में विशेष मार्गदर्शन राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा , भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा, विद्यार्थी विज्ञान मंथन राष्ट्रीय प्रतिभा खोज, संविधान प्रस्तावना का उद्देश्यों का वाचन, पर्यावरण विज्ञान गणित प्रदर्शनी मेला हेतु लघु नाटिका वृक्ष कल्याणम्, हरित ऊर्जा, स्वच्छ ऊर्जा का सृजन, जल संरक्षण का शपथ ग्रहण, छात्र परिषद का गठन आदि । अध्ययन-अध्यापन की दृष्टिकोण से सहायक शिक्षक सामग्री, कबाड़ से जुगाड़ विभिन्न विषयों का 100 से अधिक सहायक शिक्षण सामग्री निर्माण कर बच्चों को विषय आधारित अवधारणा को समझाने में सफल रहे ।
समय-समय पर इसका प्रदर्शन भी बच्चों के लिए व समाज के लिए काफी यादगार पल रहा। हरित ऊर्जा स्वच्छ ऊर्जा, वृक्ष कल्याणम पर्यावरण जागरूकता, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न नाटक, नशा मुक्ति अभियान जैसे नाटकीय मंचन कराने में विशेष योगदान रहा ।
उन्होंने शाला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न कार्यों को बेहतरीन करने में सफल रहा है । जवाहरलाल नेहरू गणित पर्यावरण एवं पश्चिम भारत विज्ञान मेला में राष्ट्रीय स्तर पर लघु नाटिका वृक्ष कल्याण का राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र मुंबई में प्रदर्शन , जल संसाधन के विभिन्न उपयोगों का साइंस इंस्पायर अवार्ड विज्ञान मॉडल का दिल्ली में प्रदर्शन, हृदय की आंतरिक संरचना का राज्य स्तर पर विज्ञान मॉडल का रायपुर में प्रदर्शन, गणितीय प्रतिरुपण त्रिकोणमिति अनुपात ज्ञात करने संबंधित मैचिंग इलेक्ट्रिक मॉडल का राज्य स्तरीय सूरजपूर में प्रदर्शन, संभाग स्तरीय दुर्ग में वेस्टेज वाटर का शुद्धिकरण यंत्र माडल , वनांचल क्षेत्र में अंध मोड़ पर रोलर रोटिंग मोटर व सोलर पैनल के माध्यम से नाईट लैंप लाइटिंग सिस्टम माॅडल ,कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से फल तोड़ने वाली मशीन का मॉडल कबीरधाम में प्रदर्शन, पर्यावरण संरक्षण पर आधारित ग्रीन एनर्जी क्लीन एनर्जी लघुनाटिका एवं भारतीय संविधान दिवस पर आधारित लोक गीत एवं नृत्य का बालोद में प्रदर्शन, लोक युवा कला एवं साहित्य महोत्सव पर सामूहिक लोक नृत्य एवं व सामूहिक नाटक समझ समझ में भेद अंधविश्वास शीर्षक पर आधारित संभाग स्तरीय दुर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन, शालेय कला महोत्सव एक नृत्य, एकल वादन में तबला व हारमोनियम का समग्र शिक्षा द्वारा राज्य स्तरीय रायपुर में प्रदर्शन , शिक्षकीय कार्यकाल में विशेष उपलब्धियां हासिल करने कामयाब हुए है ।
साहित्य के क्षेत्र में में भी सर्वोपरि स्थान
धर्मेंद्र कुमार श्रवण के द्वारा साहित्य के क्षेत्र में भी अपने गीत, कविता, निबंध, लघुकथा, नारा वीभिन्न साहित्यिक साझा संकलन एवं समाचार पत्र में प्रकाशित हो चुके हैं उन्हें साहित्य के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, हिंदी रक्षक साहित्यिक मंच इंदौर, काव्य कलश साहित्यिक मंच खरसिया, शिक्षक कला व साहित्य अकादमी दुर्ग , प्रेरणा साहित्य समिति बालोद , मधुर साहित्य परिषद बालोद ,हस्ताक्षर साहित्य समिति दल्लीराजहरा, साहित्य सृजन संस्थान एवं वक्ता ,साहित्यिक व सांस्कृतिक मंच रायपुर ऐसे प्रतिष्ठित साहित्यक मंचों से साहित्य लेखन के क्षेत्र में भी अपनी लेखनी संवारने में भूमिका निभाई है ..और इन्हें कई साहित्यिक मंचों से सम्मान मिल चुका है ..
इस तरह से अपने 19 वर्षों के शिक्षकीय जीवन पर शैक्षिक, सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से उन्हें अलंकृत किया जा चुका है जो बालोद जिला के लिए गौरव की बात है ..
उसके इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए संस्था के प्राचार्य श्रीमती इस जॉनसन एवं समस्त संकुल केंद्र शिक्षक खलारी साथ ही जिला के शिक्षक साथियों के द्वारा उन्हें बधाइयां एवं मंगलकामनाएं संप्रेषित किए हैं..।