शिक्षक दिवस के अवसर पर धर्मेंद्र कुमार श्रवण राज्यपाल सम्मान 2024 से अलंकृत हुए

शिक्षक दिवस के अवसर पर धर्मेंद्र कुमार श्रवण राज्यपाल सम्मान 2024 से अलंकृत हुए

शिक्षक दिवस के अवसर पर धर्मेंद्र कुमार श्रवण राज्यपाल सम्मान 2024 से अलंकृत हुए

शिक्षक दिवस के अवसर पर धर्मेंद्र कुमार श्रवण राज्यपाल सम्मान 2024 से अलंकृत हुए


राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2024 में छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों से 52 उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान राजभवन के दरबार हाॅल रायपुर में आयोजित हुई ।
सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल  रमेन डेका एवं अध्यक्षता ,छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री विष्णु देव साय एवं स्कूल शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ शासन एवं विशेष सम्माननीय श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी जी सचिव , स्कूल शिक्षा विभाग के करकमलों द्वारा बालोद जिला से विभिन्न विधाओं में पारंगत एवं शैक्षिक नवाचारी सृजनात्मक एवं रचनात्मक गणित विषय के व्याख्याता धर्मेंद्र कुमार श्रवण शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खलारी विकासखंड डौंडी को श्रीफल, शाॅल, सम्मान पत्र एवं लिफाफा बंद चेक प्रदान कर अलंकृत किया गया । यह उनके 17 वर्षों की शिक्षकीय कार्यकाल में सबसे बड़ी अविस्मरणीय व यादगार उपलब्धि रहा । 
 
बालोद जिला के शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञानरुपी ज्योतिपुंज को आलोकित करने वाले, अपनी भावनाओं से पुलकित कर बच्चों के प्रति समर्पित भाव से बच्चों को निखारने वाले , ऐसे चिंतनशील, मननशील व्याख्याता सचमुच बालोद जिला के लिए गौरव है।

बचपन से ही शिक्षक बनने की ललक- गरीब कृषक परिवार में जन्मे श्रवण जी का जन्म 29 जनवरी 1976 हुआ। बचपन से ही कक्षा पहिली से स्नातकोत्तर तक कक्षाओं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना उसके लिए नई बात नहीं थी । प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा एक छोटे से गांव बालोद जिला के गुरुर तहसील के ग्राम भानपुरी में ही संपन्न हुई। माता पिता के सहयोग व आशीर्वाद,कृषि रोजी मजदूरी एवं साइकिल का पंचर बनाकर अपना पढ़ाई पूरा किया । बचपन से ही कर्मठ था। आय का और कोई बाह्य स्रोत न होने के कारण माता-पिता जी के साथ खेती किसानी में भी सहायता शाला लगने के पूर्व व शाला लगने के बाद तथा अवकाश के दिनों में विशेष रूप से मदद करते थे । परन्तु अध्ययन अध्यापन कार्य के क्षेत्र में अव्वल रहा यह प्रतिभाशाली, ऊर्जावान का परिचायक है । हायर सेकेंडरी की शिक्षा गुरुर में पूर्ण किया तथा बेरोजगारी भत्ते से अपनी उच्च शिक्षा बालोद महाविद्यालय में संपन्न हुई। स्नातक करने के बाद आई टी आई के बल पर औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर जिला धार में नौकरी किया । फिर पशुपालन विभाग एवं जे.के.ट्रस्ट की तत्वाधान में चलाए जा रहे पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत रेमंड अंब्रो रिसर्च सेंटर बिलासपुर में प्रोग्राम आपरेटर के रुप में कम वेतन पर ही चयन हुआ और प्रशिक्षित होकर 7 वर्ष की सेवा अवधि में सिमगा क्षेत्र जिला बलौदाबाजार-भाटापारा एवं सरायपाली क्षेत्र में नौकरी की जो पशु नस्ल सुधार योजना के अंतर्गत कृत्रिम गर्भाधान, प्राथमिक उपचार व संबंधित कार्य की । नौकरीपेशा करते-करते पी. जी. अर्थशास्त्र की पढ़ाई भाटापारा काॅलेज से पूरी की ।

शिक्षा के क्षेत्र में कूच किया*

शिक्षक बनने का जुनून उसके अंतर्मन में था और निजी नौकरी करते-करते अपना समय निकालकर 5 वर्षों तक मिडिल स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूल में गणित जैसे मुख्य विषयों पर नि:शुल्क सेवाएं दी । 

2005 में जिला पंचायत दुर्ग से शिक्षा कर्मी वर्ग -2 के पद हेतु सीधी भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली गई और अपने साक्षात्कार की तैयारी में लग गया। 30 अप्रैल 2005 को इंटरव्यू हुआ और वह सफलीभूत रहा । अविभाजित दुर्ग जिला के आदिवासी विकासखंड डौंडी के प्रोन्नत मिडिल स्कूल अवारी में प्रथम नियुक्ति मिली । जैसे ही ज्वाइनिंग ली उस दिन से गणित, विज्ञान जैसे मुख्य विषय तथा अन्य विषयों का भी अध्ययन कराते थे । प्रभारी प्रधान पाठक के रूप में लंबे समय तक सेवाएं दी । शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत उन्होंने विद्यार्थियों की तकदीर और विद्यालय की तस्वीर बदलने में कामयाबी दिखाई । 2 अगस्त 2016 को व्याख्याता पंचायत पर पदोन्नति होकर शासकीय हाई स्कूल पेंवरो, विकासखंड गुरुर फिर म्युचुअल ट्रांसफर में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खलारी विकासखंड डौंडी में कार्यभार ग्रहण किया आज पर्यंत खलारी में ही सेवा दे रहे हैं ।

कर्मठता, कर्तव्य निष्ठा, विनोद प्रिय, मृदुभाषी, समयबद्धता , अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक व बच्चों के साथ सुमधुर संबंध, व्यवहार कुशल एवं अनुशासन प्रिय होने के कारण संघर्ष, साहस , अनवरत प्रयास लग्गन व मेहनत से विकासखंड डौंडी में माध्यमिक शाला अवारी को आदर्श प्रोन्नत शासकीय माध्यमिक शाला के रूप में पहचान बनाने में कामयाब हुए । शासन की हर योजनाओं को क्रियान्वित करने में अव्वल रहा। 

इसी के परिणाम स्वरूप शाला की साज-सजावट, अध्ययन अध्यापन कार्य, खेलकूद व्यायाम, लेझिम डम्बल्स का प्रदर्शन व योगा, पर्यावरण संरक्षण के प्रति विशेष लगाव, राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ीकरण व सभी गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करते हुए प्रशंसनीय व सराहनीय योगदान के लिए बालोद जिला को गौरवान्वित किया।

मिडिल स्कूल पर उनकी उपलब्धियां-

१. अस्थायी आहता का निर्माण में विशेष मददगार
शाला विकास समिति के सहयोग व स्वयं के व्यय से बांस व बल्ली द्वारा कच्चा आहता का निर्माणकर छायादार, विविध प्रकार के सजावटी फूल पौधें, फलदार वृक्ष जैसे मूंगा, केला, कटहल, अमरूद जैसे पौधों का वृक्षारोपण कर शाला में हरियाली लाने में कोई कसर नहीं छोड़ा और उनके द्वारा लगाए गए कटहल, केला व आज भी मध्यान्ह भोजन में सब्जियां बनती है और बच्चे स्वादिष्ट भोजन ग्रहण करते हैं।

२.कीचन गार्डन का निर्माण
सृजनात्मकता के क्षेत्र में सफल शिक्षक के रुप में जाने पहचानने लगे । अहाता अंदर खाली जगह (भूंईया)पर भारत एवं छत्तीसगढ़ का नक्शा , गणितीय आकृति त्रिभुज, चतुर्भुज, वृत्त जैसे आकृतियों के बाहरी सीमा पर पड़े हुए वेस्टेज ईंट के द्वारा घेरा बनाकर उसके अंदर अलग-अलग प्रकार के देशी फूल एवं धनिया, मेथी, चना, सरसों, भटा, सब्जी भाजी, टमाटर का बीज डाल कर कीचन गार्डन का स्वरूप तैयार करना इससे गणित, पर्यावरण, विज्ञान आधारित अवधारणाओ को समझाने के साथ ही साथ शालेय पर्यावरण को सुंदर, आकर्षक एवं प्रभावशाली बनाते हुए रचनात्मक कार्य करने में सफल रहा। हरा भरा वातावरण एवं शालेय साज-सज्जा से यह स्कूल विकासखंड में अलग पहचान बन गई ।

३. आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों के लिए सहयोगी
अवारी स्कूल को युनिक बनाने के लिए सफेद पोशाक (बुधवार, शनिवार हेतु) व अन्य दिवस हेतु नीली पेंट, स्कर्ट , सफेद शर्ट, टाई बेल्ट, जूता मोज़ा का बंदोबस्त करने में सफल रहें‌ और यह स्कूल अन्य स्कूलों के लिए अनुकरणीय रहा और आर्थिक रुप से कमजोर व गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों के लिए उन्होंने विशेष रुप से आर्थिक मदद किया जैसे गणवेश, शालेय फीस, आई कार्ड , टाई बेल्ट, मोज़ा, कलम आदि । 

४. शैक्षिक, सांस्कृतिक, क्रीड़ा प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन

 लेझिम डंबल्स व व्यायाम का बेहतरीन प्रदर्शन बच्चों के द्वारा साथ ही खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम के क्षेत्र में अव्वल रहा । बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु मीना मंच का गठन, साफ-सफाई स्वच्छता, महिला उन्मुखीकरण के के क्षेत्र में भी नारी शक्तियों को जगाने में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, अनपढ़ नारी नाटक, विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन किया जो जन जागरूकता से संबंधित रहा। शाला त्यागी शून्य प्रतिशत, परीक्षा परिणाम शत्-प्रतिशत और शाला में प्रथम आने वाले हर एक बच्चों को प्रोत्साहित स्वरूप उपहार एवं बर्थडे पर पेन और चॉकलेट स्वयं के व्यय पर बच्चों को प्रदान करते थे । इस तरह से हर एक गतिविधियों में गुरु और शिष्य का मधुर संबंध है प्रगाढ़ता में परिवर्तित होकर उस शाला के लिए श्रवण जी पूजनीय हो गए और आज भी उनके पढ़ाये हुए बच्चे विभिन्न विभागों पर अच्छे-अच्छे पद में पदासीन है । 

५ किया गया प्रयास सफल पहल

शाला विकास समिति का बैठक कर अतिरिक्त कक्ष व सांस्कृतिक कला मंच, बोर खनन, सायकल शेड, शौचालय निर्माण, जल सोख्ता गड्डा एवं पक्का आहता का मांगपत्र तैयार करने में सफलीभूत रहा ...। 

६. शिक्षक को प्रभावशाली बनाने के लिए नवाचार तथा विशेष प्रयोग
बाल दिवस पर प्रश्न मंच प्रतियोगिता, चित्रकला, रंगोली, कहानी,निबंध लेखन कार्य , प्रयोगशाला कार्य, राष्ट्रीय हिंदी दिवस प्रतियोगिता का आयोजन, विज्ञान एवं गणित ओलंपियाड का आयोजन, प्रधानमंत्री परीक्षा पे चर्चा, संस्कृत सप्ताह का आयोजन, ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता, संविधान सभा प्रश्नोत्तरी ज्ञान परीक्षा का आयोजन, पुस्तकालय का बेहतरीन उपयोग, बैकलेस डे का आयोजन, विज्ञान एवं नर्मदा इको क्लब, कैरियर युवा निर्माण, कबाड़ से जुगाड़, शैक्षणिक भ्रमण कार्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम का विशेष आयोजन, साइंस इंस्पायर अवार्ड का माडल निर्माण, शून्य नवाचार गतिविधि, उपचारात्मक गतिविधियों, विज्ञान क्लब द्वारा प्रश्नोत्तरी ज्ञान परीक्षा स्मार्ट टी वी से अध्यापन आदि ।

7.कोरोना कल में विशेष सहयोग एवं अध्यापन कार्य

कोरोना के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु स्वयं के व्यय पर क्वारेंटाइन सेंटर दल्लीराजहरा में राशन, फल सैनिटाइजर नोज मास्क वितरण, ऑनलाइन क्लास का आयोजन मोहल्ला क्लास में जाकर बच्चों को अध्ययन अध्यापन कार्य एवं विशेष रूप से उन बच्चों को सैनिटाइजर नोज मस्क का निशुल्क वितरण जहां पर मोहल्ला क्लास संचालित होता था ..

8 शालेय विविध क्षेत्रों में विशेष मार्गदर्शन

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा , भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा, विद्यार्थी विज्ञान मंथन राष्ट्रीय प्रतिभा खोज, संविधान प्रस्तावना का उद्देश्यों का वाचन, पर्यावरण विज्ञान गणित प्रदर्शनी मेला हेतु लघु नाटिका वृक्ष कल्याणम्, हरित ऊर्जा, स्वच्छ ऊर्जा का सृजन, जल संरक्षण का शपथ ग्रहण, छात्र परिषद का गठन आदि । अध्ययन-अध्यापन की दृष्टिकोण से सहायक शिक्षक सामग्री, कबाड़ से जुगाड़ विभिन्न विषयों का 100 से अधिक सहायक शिक्षण सामग्री निर्माण कर बच्चों को विषय आधारित अवधारणा को समझाने में सफल रहे । समय-समय पर इसका प्रदर्शन भी बच्चों के लिए व समाज के लिए काफी यादगार पल रहा। हरित ऊर्जा स्वच्छ ऊर्जा, वृक्ष कल्याणम पर्यावरण जागरूकता, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न नाटक, नशा मुक्ति अभियान जैसे नाटकीय मंचन कराने में विशेष योगदान रहा ।

९ . शैक्षणिक आधारित गतिविधियों पर निदेशक एवं मार्गदर्शन

1. 49 वीं जवाहरलाल नेहरू गणित पर्यावरण एवं पश्चिम भारत विज्ञान मेला में राष्ट्रीय स्तर पर लघु नाटिका वृक्ष कल्याण का राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र मुंबई में प्रदर्शन , 

2. जल संसाधन के विभिन्न उपयोगों का साइंस इंस्पायर अवार्ड विज्ञान मॉडल का दिल्ली में प्रदर्शन

3. हृदय की आंतरिक संरचना का राज्य स्तर पर विज्ञान मॉडल का रायपुर में प्रदर्शन

४. गणितीय प्रतिरुपण त्रिकोणमिति अनुपात ज्ञात करने संबंधित मैचिंग इलेक्ट्रिक मॉडल का राज्य स्तरीय सूरजपूर में प्रदर्शन

5.संभाग स्तरीय दुर्ग में वेस्टेज वाटर का शुद्धिकरण यंत्र माडल , वनांचल क्षेत्र में अंध मोड़ पर रोलर रोटिंग मोटर व सोलर पैनल के माध्यम से नाईट लैंप लाइटिंग सिस्टम माॅडल 

6. कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से फल तोड़ने वाली मशीन का मॉडल कबीरधाम में प्रदर्शन

7. पर्यावरण संरक्षण पर आधारित ग्रीन एनर्जी क्लीन एनर्जी लघुनाटिका एवं भारतीय संविधान दिवस पर आधारित लोक गीत एवं नृत्य का बालोद में प्रदर्शन

8. लोक युवा कला एवं साहित्य महोत्सव पर सामूहिक लोक नृत्य एवं व सामूहिक नाटक समझ समझ में भेद अंधविश्वास शीर्षक पर आधारित संभाग स्तरीय दुर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन

१०. शालेय कला महोत्सव एक नृत्य, एकल वादन में तबला व हारमोनियम का समग्र शिक्षा द्वारा राज्य स्तरीय रायपुर में प्रदर्शन 

10. शिक्षकीय कार्यकाल में विशेष उपलब्धियां*

धर्मेंद्र कुमार श्रवण जी शिक्षा के साथ- साथ हर क्षेत्र में अलख जगा कर बच्चों के सर्वांगीण विकास व हित में काम किये और इसी के बदौलत 26 जनवरी 2015 को बालोद में 
1. महिला एवं बाल विकास मंत्री आदरणीय रामशिला बाई साहू एवं बालोद कलेक्टर नरेश शुक्ला द्वारा इस शाला को आदर्श उन्नयन शाला गुणवत्ता पुरस्कार 2015 के रूप में नवाजे गए और साथ ही इस शाला को तीन कंप्यूटर सेट भी प्रदान किया गया जो उन्नत मिडिल स्कूल अवारी के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि रहा ।

2. राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र मुंबई के वैज्ञानिक एवं संचालक द्वारा वृक्ष कल्याणम लघु नाटिका के निर्देशन पर विशेष सम्मान 2018

3. संविधान दिवस के पर्व पर धमतरी में आयोजित ज्वाला प्रसाद बंजारे के कार्यक्रमों द्वारा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षक रत्न अवॉर्ड 2019

3. जिलाधीश महोदय जन्मेजय के द्वारा कोरोना काल में पढ़ई तुंहर दुआर विशेष शिक्षक सम्मान 2021

4. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक सम्मान इंदौर में साहित्य क्षेत्र में 2022 में सम्मानित

5. माननीय अरुण वोरा विधायक दुर्ग एवं सम्माननीय संयुक्त संचालक के करकमलों द्वारा मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण शिक्षाश्री पुरस्कार 2022 से सम्मानित

6. अक्षय शिक्षण समिति रायगढ़ द्वारा अक्षय प्रबोधक सम्मान 2022

7. छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग लोक साहित्य महोत्सव में आयोग के सचिव डॉक्टर अनिल भतपहरी एवं वरिष्ठ लोक साहित्यकार परदेशी राम वर्मा के द्वारा 2023 में सम्मान

8. माननीय उमेश पटेल युवा कल्याण मंत्री के हाथों राज्य स्तरीय लोक युवा एवं साहित्य महोत्सव रायपुर में साहित्य निबंध प्रवणता सम्मान 2023

9. साहित्य के क्षेत्र में कविता, गीत,लघु कथा कहानी के माध्यम से राज्य तथा अन्य राज्यों के बाहर साहित्य के क्षेत्र में सम्मान।

10. शिक्षकीय कार्यकाल में पांच बार रक्तदान महादान का कार्यक्रम में जिला चिकित्सालय बालोद एवं शहीद अस्पताल दल्ली राजहरा ‌द्वारा रक्तदान महादान का प्रमाण पत्र 2021 एवं 2023, 2024

साहित्य के क्षेत्र में में भी सर्वोपरि स्थान

धर्मेंद्र कुमार श्रवण के द्वारा साहित्य के क्षेत्र में भी अपने गीत, कविता, निबंध, लघुकथा, नारा वीभिन्न साहित्यिक साझा संकलन एवं समाचार पत्र में प्रकाशित हो चुके हैं उन्हें साहित्य के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, हिंदी रक्षक साहित्यिक मंच इंदौर, काव्य कलश साहित्यिक मंच खरसिया, शिक्षक कला व साहित्य अकादमी दुर्ग , प्रेरणा साहित्य समिति बालोद , मधुर साहित्य परिषद बालोद ,हस्ताक्षर साहित्य समिति दल्लीराजहरा, साहित्य सृजन संस्थान एवं वक्ता ,साहित्यिक व सांस्कृतिक मंच रायपुर ऐसे प्रतिष्ठित साहित्यक मंचों से साहित्य लेखन के क्षेत्र में भी अपनी लेखनी संवारने में भूमिका निभाई है ..और इन्हें कई साहित्यिक मंचों से सम्मान मिल चुका है ..


इस तरह से अपने 17 वर्षों के शिक्षकीय जीवन पर शैक्षिक, सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से उन्हें अलंकृत किया जा चुका है जो बालोद जिला के लिए गौरव की बात है ..

राज्यपाल की कर कमल द्वारा सम्मानित होने पर जिला के कलेक्टर महोदय इंद्रजीत चंद्रपाल, जिला शिक्षा अधिकारी  पी सी मरकले, विकासखंड शिक्षा जे एस भारद्वाज, प्राचार्य एस.जाॅनसन एवं समस्त शिक्षकवृंद, साहित्यकार एवं शिक्षकीय अकादमी संगठन उसके गरिमामयी प्रशंसनीय उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाइयां एवं मंगलकामनाएं संप्रेषित किए हैं..।

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