पति की दीर्घायु की कामना को लेकर सुहागिन महिलाओं ने रख निर्जला उपवास, आज तोड़ेंगे व्रत

पति की दीर्घायु की कामना को लेकर सुहागिन महिलाओं ने रख निर्जला उपवास, आज तोड़ेंगे व्रत

पति की दीर्घायु की कामना को लेकर सुहागिन महिलाओं ने रख निर्जला उपवास, आज तोड़ेंगे व्रत

पति की दीर्घायु की कामना को लेकर सुहागिन महिलाओं ने रख निर्जला उपवास, आज तोड़ेंगे व्रत



खरोरा:- पति की दीघायु की कामना को लेकर सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखें जिसका आज 24 घंटे निर्जला उपवास रहने के बाद आज शनिवार अपना तोड़ेंगे छत्तीसगढ़ के सबसे चर्चित एवं प्रसिद्ध पर्व भादो मास के शुक्ल पक्ष के प्रति द्वितीय को मनाया जाता है इस साल यह पर्व शुक्रवार को पड़ा इस दिन सुहागिन महिलाओं ने सुबह से ही नित्य क्रिया से निर्मित होकर सोलह सिंगार कर भगवान महादेव माता पार्वती भगवान गणेश सह परिवार के पूजा अर्चना श्रद्धा भक्ति आस्था के साथ किया गया जहां पर भगवान भोलेनाथ की को जल अर्पण किया गया तदुपरांत चंदन गुलाल से विभिन्न सिंगार किए गए वहीं बेलपत्र शमी पत्र विभिन्न फूल सहित श्रीफल के साथ सिंगार के सामग्री भी चढ़ाया गया इसके साथ ही भगवान भोलेनाथ के आरती भी की गई सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग को अखण्ड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां मन अनुसार वर पाने के लिए हरितालिका तीज का व्रत करती हैं। सर्वप्रथम इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान शिव शंकर के लिए रखा था। इसके साथ कई स्थानों पर एवं घरों में भगवान भोले नाथ की कथा का भी वाचन किया गया शाम को विशेष पूजा किया गया वहीं कई लोग महिलाएं रात को विशेष रूप से जागरण किए।

करू भात खा कर रखे उपवास

इसके पहले निर्जला उपवास रहने वाले सुहागिन महिलाओं ने गुरुवार की रात को करेला की सब्जी के साथ भोजन किए थे जिसे छत्तीसगढ़ी बोलचाल की भाषा में करूं भात कहा जाता है करूं भात खा कर ही सुहागिन महिलाएं निर्जला उपवास प्रारंभ किया इसीलिए इस पर्व पर पूरे साल भर में सबसे ज्यादा करेले की बिकी और करेले की महंगाई बढ़ जाती है इस साल तीजा उपवास को लेकर बाजार में करेले का दाम अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक कीमत बिकी होने की जानकारी मिली है छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध एवं चर्चित पर्वो में से सबसे प्रमुख तीजा पर्व को माना जाता है जिसको मनाने के लिए सुहागिन महिलाएं अपने ससुराल से मायके आती हैं जिसको लाने के लिए मायके वाले अपने सुपुत्री को ससुराल में जाकर मयका लाया जाता है और तीज के पर्व के दूसरे दिन मायके वाले विभिन्न प्रकार के पकवान बनाते हैं जिसे के साथ उपवास रहने वाले अपने निर्जला उपवास को समाप्त करते हैं इस अवसर पर उपवास रहने वाले को मायके वालों के तरफसे विभिखा प्रकार की सुहागन सामग्री एवं परिधान भी भेंट स्वरूप दिया जाता है।


श्री रोहित वर्मा जी की खबर

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