जश्ने ईद मिादुन्नबी की जुलूस धूम धाम से निकली गई जामा मस्जिद से

जश्ने ईद मिादुन्नबी की जुलूस धूम धाम से निकली गई जामा मस्जिद से

जश्ने ईद मिादुन्नबी की जुलूस धूम धाम से निकली गई जामा मस्जिद से

जश्ने ईद मिादुन्नबी की जुलूस धूम धाम से निकली गई जामा मस्जिद से


दल्ली राजहरा:- जश्न ए ईद मिलादुन्नबी के मुबारक मौक़े पर दल्ली राजहरा जामा मस्जिद से निकाला गया जुलूस ए मोहम्मद जिसमें भाई चारे व शांति का प्रतीत दिया मुस्लिम समाज के सदर नैयुम खान मुस्लिम समाज के जुबैर अहमद मो नबी खान अब्दुल मतिन. कुरैशी मो इमरान अब्दुल जब्बार मो फारूक मो फिरोज अब्दुल वासिक शकील खान हासिम कुरैशी रफीक अली मस्तक अहमद शेख इसराला मो इल्यस मो आजाद अयान अहमद शब्बीर कुरैशी अब्दुल फैजान जुनैद अली शेख शोएब शेख साहिल मो मुस्तफा मो रजा मो नूर शेख अर्साद मो लाइक अब्दुल सोहेब सूफियान शेख आलम अब्दुल फरहान मुजामिल अहमद तालिब कुरैशी अयाज मेमन राजू कुरैशी शेख अद्न्ना सेफा खान मो फरीद फैजान अंसारी फ़राज़ हुसैन अक्रम हुसैन शेख इब्राहिम मुस्ताक अहमद अंसारी मो असलम कुरैशी मो मोहसिन नूर आलम अंसारी मो ओवेश व पूरी मुस्लिम समाज में जश्ने ईद मिादुन्नबी के जुलूस में शामिल हो कर खुशी बनाई व भाई चारे का प्रतीत दिया 

ईद मिलाद उन नबी क्यों मनाई जाती है?

ईद मिलाद-उन-नबी का महत्व इस्लामिक धर्म में बहुत अधिक है. यह त्योहार पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन के अवसर के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें इस्लामिक धर्म का आखिरी पैगंबर माना जाता है. साथ ही, यह त्योहार इस्लामिक लोगों को एकता के सूत्र में बांधता है और उन्हें पैगंबर की शिक्षाओं को याद करने का अवसर प्रदान करता है.

ईद ए मिलाद कैसे मनाते हैं?

दुनिया भर के मुसलमान विशेष प्रार्थना करके और अल्लाह का आशीर्वाद मांगकर इस त्यौहार को मनाते हैं। इस अवसर पर भक्त दान-पुण्य करते हैं और अपने घरों, मस्जिदों और सड़कों को रंग-बिरंगी रोशनी और हरे झंडों से सजाते हैं।

क्यों मनाई जाती है ईद-मिलाद-उन-नबी, जानें पैगंबर मुहम्मद के जन्म से जुड़ा इतिहास क्या आपको पता है ईद आने वाली है? नहीं बकरा ईद और मीठी ईद के अलावा भी एक ईद होती है और यह बहुत खास है। ईद-मिलाद-उन-नबी की खासियत के बारे में आज जानते हैं। 

इस्लामिक कैलेंडर में एक ऐसा दिन भी आता है जिसे पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। यही दिन है ईद-मिलाद-उन-नबी। मान्यता है कि इसी दिन पैगंबर को अल्लाह ने धरती पर भेजा था। यह इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अवल में मनाया जाने वाला त्योहार है और इसे भी ईद की तरह ही पाक माना जाता है।

अधिकतर लोग बकरा ईद और मीठी ईद के बारे में जानते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इस्लामिक धर्म के लिए यह भी बहुत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है।

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