काव्य कलश शिक्षक रत्न सम्मान 2024 से अलंकृत- धर्मेंद्र कुमार श्रवण

काव्य कलश शिक्षक रत्न सम्मान 2024 से अलंकृत- धर्मेंद्र कुमार श्रवण

काव्य कलश शिक्षक रत्न सम्मान 2024 से अलंकृत- धर्मेंद्र कुमार श्रवण

काव्य कलश शिक्षक रत्न सम्मान 2024 से अलंकृत- धर्मेंद्र कुमार श्रवण



शहर की प्रतिष्ठित काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच खरसिया जिला रायगढ़ के संस्थापक श्री पुरुषोत्तम प्रसाद गुप्ता एवं अध्यक्ष नारी शक्ति श्रीमती प्रियंका गुप्ता प्रिया जी काव्य कला एवं साहित्य पर खरसिया के संयोजकत्व एवं समन्वयता से भव्य शिक्षक सम्मान और राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का आयोजन गायत्री मंदिर परिसर खरसिया (रायगढ़) में किया गया। मुख्य अतिथि श्री बृजभूषण द्विवेदी जी संचालक माता जगरानी देवी महाविद्यालय बाराद्वार, अध्यक्षता राकेश‌ नारायण बंजारे काव्य कलश कला व साहित्य मंच खरसिया, डाॅ श्याम लाल चौहान  संगीताचार्य एवं शिक्षक सांरगढ़ एवं अन्य प्रतिष्ठित सम्मानीय प्रबुद्ध वर्ग के सानिध्य में धर्मेंद्र कुमार श्रवण व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खलारी विकासखंड डौडी को शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा, साहित्यिक सेवा उल्लेखनीय व प्रशंसनीय योगदान हेतु उन्हें काव्य कलश शिक्षक रत्न सम्मान 2024 श्रीफल , मोमेंटो कलम, सम्मान पत्र एवं श्रीराम पट्टा पहनाकर नवाजा गया..।

राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे शिक्षक साहित्यकारों के लिए यह बहुत ही खुशी का पल रहा .. अपने लेखनी से अपने मन के भावों को उकेरने वाले अब तक 100 से ज्यादा गीत, कहानी, कविता का स्वरचित रचनाएं इस तरह से अब तक सैकड़ों कविताएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाएं, समाचार पत्रों, साझा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं । कवि सम्मेलन में भी ऑफलाइन/ ऑनलाइन में अपने काव्य रचना का सरस पान करा चुके हैं और इसी कारण साहित्य के क्षेत्र में अनेक मंचों से सम्मान, अलंकरण प्रतिष्ठित वरिष्ठ साहित्यकारों, कलमकारों, निबंधकारो, कहानीकारों के करकमलों द्वारा नवाजें जा चुके हैं । 

शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाने वाले धर्मेंद्र कुमार श्रवण जी वर्तमान में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2024 में महामहिम राज्यपाल रमेन डेका एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय विष्णु देव साय के करकमलों द्वारा 5 सितंबर 2024 को राज्यपाल नवाज राज्यपाल सम्मान पुरस्कार से नवाजा गया । शिक्षा के साथ-साथ साहित्य सेवा में भी अपने भविष्य को दृढ़ संकल्पित भाव से पैनी लेखनी द्वारा संवारने का जो काम किया है वह सचमुच बेमिसाल है । 

कोरोनाकाल के समय में उन्होंने विविध साहित्यों का अध्ययन किया खाली समय में उस मौके को तलाश किया .. उस सुनहरे अवसर का सदुपयोग करते हुए अपने ज्ञान रुपी आलौकिक व दिव्य पुंज को जगमगाने का सफल प्रयास रहा और लेखनी उठायें और अंतसमन के भावों के माध्यम से समसामयिक घटनाओं , लोक संस्कृति को जोड़ने व आसपास के घटनाओं को दृष्टिगत करते हुए त्वरित गीत,कहानी, कविता,लघुकथा जैसे विधाओं को संवारने का अद्भुत काम किया । 

इस तरह से शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में साहित्यिक सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक जैसे मंचों से सम्मानित हो चुके हैं ।

उनके इस उपलब्धि पर हर्ष व्याप्त करते हुए राष्ट्रीय काव्य कवि संगम बालोद, मधुर साहित्य समिति बालोद, काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच खरसिया, हस्ताक्षर साहित्य समिति दल्लीराजहरा, साहित्य सृजन संस्थान रायपुर,नाॅवेल टीचर्स क्रिएटीव फाउंडेशन बालोद, शिक्षक कला व साहित्य अकादमी दुर्ग छत्तीसगढ़, साहित्यिक सांस्कृतिक वक्त मंच रायपुर, प्रेरणा साहित्य समिति बालोद , जिला के समस्त शिक्षकगण एवं विभिन्न साहित्यिक मंचो शुभकामनाएं संप्रेषित किए हुए हैं ।

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