महर्षि वाल्मीकि जयंती पर पुरुषोत्तम दिल्लीवार संत गहिरा गुरु लोक शिक्षक अवार्ड 2024 से नवाजें गए
महर्षि वाल्मीकि के पावन जयंती एवं प्रादेशिक सम्यक प्रबोधन सम्मेलन के पावन अवसर पर भारतीय दलित साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में 20 अक्टूबर 2024 को गोंडवाना धमतरी (छ्त्तीसगढ) भवन में भव्य आयोजन हुई.. जिसमें मुख्य अतिथि के आसंदी पर विराजमान राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता श्री धर्मेंद्र कुमार श्रवण रहें । अध्यक्षता कर रहे श्रीमती सुशीला वाल्मीकि, समाजसेविका , विशिष्ट अतिथि की विशेष भूमिका को सुशोभित कर रहे संजय कुमार मैथिल जी संयोजक, श्रीमती मीना भारद्वाज अध्यक्ष पंजीकृत शिक्षक कला प्रतिभा अकादमी छत्तीसगढ़ साथ ही दलित साहित्य अकादमी के संस्थापक जी. आर. बंजारे ज्वाला दलित साहित्य अकादमी के प्रांताध्यक्ष के सानिध्य में कार्यक्रम संपन्न हुई..।
शैक्षणिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए संत गहिरा गुरु लोक शिक्षक अवार्ड 2024 की मानक उपाधि का राज्य अलंकरण से पुरुषोत्तम लाल दिल्लीवार व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टेमरी, विकासखंड-धमधा, जिला-दुर्ग को मंच आसीन अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया ।
विशेषकर पर्यावरण के क्षेत्र में पुरुषोत्तम दिल्लीवार का बचपन से ही रूचि रहा है | उसी रूचि को ध्यान में रखते हुए हाईस्कूल स्तर में अपनी लगन व अथक परिश्रम से वृक्षारोपण का कार्य सर्वप्रथम 1998 में शुरुआत किया, और वह वृक्ष था फलो का राजा आम ; यह पौधा अपने व्यवहारिक जीवन में आचार डालने के साथ साथ पकने पर खाने का काम आता था |इस उद्देश्य को लेकर आम के 10 पौधों का रोपण किया और उसका संरक्षण नियमित रूप से किया गया |
सन 1998 से 2006 तक पर्यावरण के क्षेत्र में स्वयं जागरूक होकर फलदार वृक्ष जाम , जामुन , कटहल तथा नींबू का पौधा लगाया गया| इस तरह इसका रुझान पेड़ लगाकर पुण्य कमाना मेरा धर्म रहा, क्योंकि पेड़ से ही सारे प्राणियों का जीवन संभव है |
इस तरह से पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए नदी नालों के किनारे ,श्मशान घाट, सड़क किनारे पौधे लगाने में सफल रहा, जिसमें अन्य साथियों के सहयोग से वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा जो हमारे भावी समय के लिए अनुकूलित वातावरण निर्मित करता है । अपने पर्यावरण मित्र राजेश्वर देशमुख व अन्य साथियों का विशेष सहयोग रहा. ।
सन 2012 में नियुक्ति शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टेमरी विकासखंड धमधा जिला दुर्ग छत्तीसगढ़ में हुआ तब उसी समय शाला प्रांगण में एक भी पौधा नहीं था जिसे देखकर बांध के पार में छायादार वृक्षों में जैसे पीपल, बरगद, नीम, बेल, गश्ती, आवंला, कदम्ब,बेल एवं विविध प्रकार के 50 पौधों का रोपण किया गया. इस तरह से अंतर्मन में पेड़ लगाने का भाव सदा के लिए जाग गया जो देश के हितार्थ में सहयोगी व सहभागिता का परिचय देता है ।
इस प्रकार से समीप ग्राम बेलौदी में 20 पौधों का रोपण उसके द्वारा किया गया । परन्तु मानवीय क्रियाकलाप एवं वैचारिक भिन्नता के कारण जब पेड़ों की कटाई होते हुए देखा जाता है तो मन को बहुत पीड़ा होती है कि लोग पेड़ पौधों के महत्व को क्यों नहीं समझते और सभी प्राणी के लिए प्राण वायु ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है; लेकिन लोग पौधों का रोपण नहीं करना चाहते | उसके विचार को आत्मसात करते हुए कहा जाता है कि सांस हो रही है, कम आओ पेड़ लगाए हम...
उसके द्वारा हर साल 20 पौधा लगाने का लक्ष्य रखा गया है ताकि उन पौधों का अच्छी तरीके से देखभाल कर उसे बड़ा किया जा सके और उसमें सही मात्रा में पानी , खाद , सुरक्षा घेरा की व्यवस्था करके पौधों को सुरक्षित रखा जा सके ।
इसके इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए उज्जवल भविष्य की मंगलकामनाओं के साथ संस्था के पूर्व प्राचार्य एवं मार्गदर्शक पी.एस. ठाकुर, वर्तमान प्राचार्य श्रीमती नीलिमा ठाकुर , श्रीमती कमला कुलदीप, श्रीमती आशा शर्मा, श्रीमती नीलम विकास सुखदेवे, श्रीमती श्वेता मौर्य, खिलावन सिंह सिन्हा एवं अन्य संकुल के शिक्षकों ने बधाईयां एवं शुभकामनाएं संप्रेषित किये हैं ।