साहित्य शिरोमणि अलंकरण से सम्मानित - दिनेन्द्र साहेब जी
भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी , देवी अहिल्या की नगरी इंदौर में अखिल हिंदी साहित्य सभा अहिसास शाखा इंदौर के तत्वाधान में भव्य साहित्यिक गोष्ठी हुई। प्रथम सत्र में सुबह सूर्य की चमक तेज अरुणिमा का विमोचन हुआ। 'अरुणिमा' पुस्तक में भारत के विभिन्न प्रांतो के 61 साहित्यकारों की संघर्ष गाथा लिखी गई है। जिसमें छत्तीसगढ़ के बालोद जिला से संत श्री दिनेंद्र साहेब ,डॉ अशोक आकाश एवं भाटापारा से श्री ललित ठाकुर हैं। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में भव्य कवि सम्मेलन हुआ ।
जिसमें लगभग 25 कवियों ने भाग लिया। संत श्री दिनेंद्र साहब ने भी अपनी पहेली बुझाई एवं कफन में जेब नहीं होती कविता का पाठ किया। इस अवसर में अखिल हिंदी साहित्य सभा अहिसास, शाखा अमरावती के अध्यक्ष डॉक्टर श्रीमती शीला डोंगरे ,इंदौर शाखा के जामवंत डॉक्टर बनवारी लाल जाजोदिया एवं मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कवि पूर्व विधायक सत्यनारायण सत्तन के कर कमलो द्वारा संत श्री दिनेंद्र साहेब को साहित्य अलंकरण शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस सुअवसर में संत श्री देवेंद्र साहेब कबीर आश्रम करहीभदर छत्तीसगढ़ एवं भक्तप्रवर गिरीश शर्मा इंदौर से उपस्थित थे। संत दिनेंद्र साहेब की पुस्तक सुखमय जीवन की प्रेरक कहानी पर डॉक्टर राजेंद्र खरे ने अपनी धर्मपत्नी स्वर्गीय इंदु खरे स्मृति पुरस्कार मोमेंटो एवं ₹ 2100 की सम्मान राशि से सम्मानित किया।
बालोद जिला के समस्त साहित्य समाज इनके उपलब्धि पर हर्ष व्याप्त करते हुए बधाई संप्रेषित किये हैं ..