बेमेतरा:- बिना अनुमति के दो साल से चल रहा क्रेशर प्लांट ₹2 करोड़ का राजस्व, 14 लाख जीएसटी का घाटा
(मोहभट्ठा में अवैध संचालन, ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी खनिज विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई )
मेघू राणा बेमेतरा। बेमेतरा से दुर्ग रोड में स्थित ग्राम कोदवा, मोहभट्ठा में बीते दो साल से पर्यावरण विभाग व अन्य विभागों की बिना अनुमति के क्रेशर प्लांट का संचालन किया जा रहा है। इस संबंध में खनिज विभाग के पास कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। इसे लेकर यहां के ग्रामीणों ने विभाग व कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत भी की है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यही कारण है कि इसका संचालन धड़ल्ले से हो रहा है।
इस संबंध में शिकायतकर्ता ग्रामीण यज्ञदत्त शर्मा ने आरोप लगाते हुए बताया कि क्रेशर प्लांट से परिवहन होने वाले डोलोमाइट से अब तक सरकार को 2 करोड़ रुपए का राजस्व व लगभग 14 लाख रुपए जीएसटी का नुकसान हुआ है। इस संबंध में शिकायत करने पर कोई खास कार्रवाई नहीं की गई। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में बिना अनुमति के 50 हजार टन से भी अधिक डोलोमाइट क्रेशर प्लांट में रखा गया है। पर्यावरण प्राधिकरण से वर्ष 2022 से अनुमति बंद है। बावजूद ब्लास्टिंग की जा रही है।
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि क्रेशर प्लांट मोहिनी देवी चोपड़ा के नाम पर है, जिसे पावर ऑफ अटॉर्नी के तहत शिकायतकर्ता में शामिल यज्ञ दत्त शर्मा द्वारा ही संचालित किया जा रहा था। वर्ष 2022 में पर्यावरण प्राधिकरण से अनुमति नहीं मिलने के बाद से क्रेशर प्लांट बंद पड़ा था। इस बीच अचानक क्रेशर प्लांट का संचालन फिर से शुरू कर दिया गया है। जिसकी शिकायत की गई है। लेकिन खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। यज्ञ दत्त शर्मा ने बताया कि 23 मई 2022 एनजीटी पर्यावरण की एनओसी समाप्त हो चुकी है। लगातार सरकार को राजस्व की हानि होने के बावजूद यह चालू है। गौरतलब है कि नियम को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से क्रेशर प्लांट का संचालन किया जा रहा है। फिर भी इस पर किसी तरह की कार्रवाई ना होना समझ से परे है।
बगैर रॉयल्टी के प्रतिदिन दर्जनों हाइवा ट्रक से हो रहा परिवहन ग्रामीणों ने बताया कि क्रेशर प्लांट से प्रतिदिन दर्जनों हाइवा ट्रक बिना रॉयल्टी के ही परिवहन किया जा रहा है। बेमेतरा जिला प्रभारी खनिज अधिकारी अर्चना ठाकुर ने बताया कि मोहनी देवी चोपड़ा के नाम पर कोई क्रेशर प्लांट मोहभट्ठा में नहीं है। बीएम मिनरल्स के नाम पर क्रेशर मशीन है। शिकायत पर जांच पड़ताल की गई है। मामला विचाराधीन है। फिलहाल जांच के बाद क्रेशर प्लांट को बंद कराया गया था। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्लांट की धूल से परेशान हैं ग्रामीण, बीमार भी हो रहे 24 घंटे चलने वाले क्रेशर प्लांट के धूल से आसपास के ग्रामीण परेशान है। यहां के ग्रामीणों ने बताया कि धूल से सर्दी खांसी जैसी बीमारी हो रहीं है। पहुंच का हवाला देकर अवैध तरीके से क्रेशर प्लांट का संचालन किया जा रहा है। इसी प्रकार हैवी वाहनों से सड़क भी खराब हो रहा है। शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। इसे लेकर ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले में जिला प्रशासन को संज्ञान लेकर कार्रवाई करना चाहिए। ताकि, हमें क्रेशर प्लांट से निकलने वाले धूल से निजात मिल सके।