प्रकृति की सेवा जरूरी है देवी भूमिका कथा वाचिका

प्रकृति की सेवा जरूरी है देवी भूमिका कथा वाचिका

प्रकृति की सेवा जरूरी है देवी भूमिका कथा वाचिका

प्रकृति की सेवा जरूरी है देवी भूमिका कथा वाचिका


ज्ञान ज्योति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुरुर जिला बालोद के तत्वाधान में सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर का आयोजन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ग्राम बोतली में बौद्धिक परिचर्चा में देवी भूमिका जी ने स्वयंसेवक विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति की सेवा ही सर्वोत्तम सेवा है आज हमें पानी ऊर्जा हवा रोशनी जो प्रकृति से मिलती है उसका हमें किसी भी तरह का फीस देना नहीं पड़ता है तो हम प्रकृति के कर्जदार बनते जा रहे हैं इस प्रकृति के ऋण से उऋण हम कैसे हो सकते हैं प्रत्येक रात सोते समय हम यह निश्चय करें की जो भी हमने प्रकृति से आज लिया जैसे की हवा पानी ऊर्जा सूर्य की रोशनी इन सब का कर्ज प्रातः सुबह होते ही चुका दे और सुबह उठते ही स्नान करके सूर्य देव को नमस्कार कर तुलसी पर जल चढ़ाएं या हमारे द्वारा जितने भी वृक्षों का रोपण किया गया है उसे पर जल दिया जाए जिससे वह हमें ताजी-ताजी हवाएं दे, सूर्य रोशनी के साथ हमें नई ऊर्जा प्रत्येक दिन प्रदान करें इस प्रकार हम प्रकृति के ऋण से उऋण हो सकते हैं हमारा पहला कर्तव्य प्रकृति की सेवा एवं संरक्षण है क्योंकि प्रकृति संरक्षित रहेगी तो हमारा जीवन भी सुरक्षित स्वस्थ और सुरक्षित रहेगा |

इस प्रकार राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रेरणा पुरुष स्वामी विवेकानंद जी की पांच सीखने वाले महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सदैव दयावान बनना चाहिए और सब की सेवा करनी चाहिए दूसरा अपने लक्ष्य पर सदैव फोकस्ड रहना चाहिए तीसरा महिलाओं का सम्मान करना चाहिए चौथा गुरु का सम्मान करना चाहिए पांचवा इंटेलिजेंट बने और सदैव आनंदित रहे|

कार्यक्रम में विशेष वक्ता के रूप में मनोवैज्ञानिक गजानंद साहू बाल संरक्षण अधिकारी के द्वारा बालको के बेहतर देखरेख सुरक्षा संरक्षण शिक्षण प्रशिक्षण, पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के प्रत्येक बालक बालिका बच्चा के श्रेणी में आते है जो बालक कहलाते है बाल संरक्षण के लिए चार अधिकारों को बताया| 

1 जीवन जीने का अधिकार,2 सुरक्षा का अधिकार,3 विकास का अधिकार,4 सहभागिता का अधिकार सहित विस्तृत जानकारी दिए गए साथ साथ किशोर न्याय अधिनियम 2015 व लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 पर सारगर्भित जानकारी देते हुए ,सहज स्पर्श व असहज स्पर्श पर जानकारी देते हुए अपनी सुरक्षा अपने हाथ साथ हेतु सतर्कतापूर्वक सतर्कता हेतु अवगत कराएं गए|

बालकों को राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यो पर भी अवगत कराते हुए सुनागरिक बनने का माध्यम बताएं गए
उक्त कार्यक्रम में शासकीय माध्यमिक विद्यालय भोथली गुरूर, (बालोद) की शिक्षिका श्रीमती भानू मति, ग्राम के सरपंच पुरुषोत्तम साहू उपसरपंच, पंच एवं ग्राम के प्रबुद्ध एवं वरिष्ठ जन शामिल हुए|
प्यारे लाल साहू शिक्षक एवं गायत्री साहू शिक्षिका ने आभार व्यक्त करते हुए स्वयं सेवकों को सेवा के लिए उत्साहित किया|

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