राज्य स्तरीय काव्य गोष्ठी खरसिया रायगढ़ में नारी के महत्व को बताया-धर्मेंद्र कुमार श्रवण

राज्य स्तरीय काव्य गोष्ठी खरसिया रायगढ़ में नारी के महत्व को बताया-धर्मेंद्र कुमार श्रवण

राज्य स्तरीय काव्य गोष्ठी खरसिया रायगढ़ में नारी के महत्व को बताया-धर्मेंद्र कुमार श्रवण

राज्य स्तरीय काव्य गोष्ठी खरसिया रायगढ़ में नारी के महत्व को बताया-धर्मेंद्र कुमार श्रवण


शहर की प्रतिष्ठित काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच खरसिया जिला रायगढ़ के संस्थापक पुरुषोत्तम प्रसाद गुप्ता एवं अध्यक्ष नारी शक्ति श्रीमती प्रियंका गुप्ता प्रिया जी काव्य कला एवं साहित्य पर खरसिया, जिला-रायगढ़ के संयोजकत्व एवं समन्वयता से काव्य कलश वार्षिकांक अधिवेशन, पत्रिका विमोचन राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन लखीलाल अग्रवाल ऑडिटोरियम खरसिया (रायगढ़) में किया गया। 

मुख्य अतिथि बृजभूषण द्विवेदी जी संचालक माता जगरानी देवी महाविद्यालय बाराद्वार, अध्यक्षता राकेश‌ नारायण बंजारे काव्य कलश कला व साहित्य मंच खरसिया, डाॅ श्याम लाल चौहान संगीताचार्य एवं शिक्षक सांरगढ़ एवं अन्य प्रतिष्ठित सम्मानीय प्रबुद्ध वर्ग के सानिध्य में धर्मेंद्र कुमार श्रवण व्याख्याता सेजेस हिंदी माध्यम विद्यालय खलारी विकासखंड डौडी को शिक्षा के साथ-साथ साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट साहित्यिक सेवा उल्लेखनीय व प्रशंसनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया । उन्होंने कोरोना काल से ही गीत, कहानी, कविता अपने पैनी लेखनी से सुवासित करने का कार्य करते आ रहा है जो शिक्षकीय समाज के साहित्य क्षेत्र में विशेष रूप से गौरवान्वित हो रहे हैं । अब तक उसके द्वारा सैकड़ों कविता सृजित कर चुके हैं विभिन्न मंचों पर काव्य पाठ का साझा कर चुके हैं । इस हेतु उन्हें काव्य कलश कला साहित्य मंच द्वारा प्रतीक चिन्ह, सम्मान पत्र के साथ विमोचित वार्षिकांक पत्रिका भेंट कर सम्मानित किया गया ।

राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 100 से अधिक शिक्षक साहित्यकारों के लिए यह बहुत सुनहरा अवसर रहा .. अपने लेखनी से अपने मन के भावों को उकेरते हुए उसके द्वारा रचित गीत, कहानी, कविताओं का विभिन्न पत्र-पत्रिकाएं, समाचार पत्रों, साझा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं ।

कविता पाठ में नारी के महत्व को बताते हुए समाज में नारी शक्ति और उनके भक्ति से ही समाज में सम्मानीय व‌ पूजनीय है , पर कहीं-कहीं समाज में जागरूकता की कमी की वजह से आज भी नारियों को हेय व तुच्छ दृष्टिकोण देखा जाता है और उन्हें धमकाया जाता है , डराया जाता है ... अपमानित है ...
एक तरफ अपमान दूसरी तरफ सम्मान इसी दोहरी प्रणाली को श्रवण जी अपने कविता के माध्यम से काव्य गोष्ठी में पहुंचे हुए श्रोता कलमकारों को सुनाया गया ..। नारियों के अपमानित होने के कारण और समाज में फैली कुरीतियों और परंपराओं को परिमार्जित करते हुए को *नारी का सम्मान करो नारी का अपमान नहीं....* शीर्षक पर अपनी बानगी के माध्यम से कविता को संवारने में मजबूती प्रदान की और तालियां बटोरी..।

उनके द्वारा रचित व‌ मौलिक रचनाएं इस प्रकार है ..

नारी का सम्मान करो नारी का अपमान नहीं

कहाॅं हारती है नारियाॅं,उन्हें तो हराया जाता है।
लोग क्या कहेंगे, यह कहकर डराया जाता है।।

नौ मास कोख में बचाती, पोषण आहार कराती ।
बेटी पैदा होने पर, क्यूं प्रताड़ित किया जाता है।।

नारी से ही उत्थान होती,नारी ही पहचान ढोती ।
फिर बीच सड़क बस में, क्यूं धमकाया जाता है।।

नारी को अबला न समझें, नारी को सबला बूझे।
नासमझी समझ जन,फिर क्यूं ठुकराया जाता है।।

नारी शक्ति महिमा गाती,भक्ति ही गरिमा बढ़ाती।
फिर क्यूं हेय की दृष्टि से नज़रिया गाड़ा जाता है।।

नारी प्रतिभा की आभा,मधुरस जैसे बोली भाखा।
परिवार संभालती वो, फिर क्यों सुनाया जाता है‌।।

नारी दुर्गा का रुप है , नारी काली का स्वरुप है।
बढ़ जाए जब अत्याचारी,यही तो थामा जाता है ।।

महाभारत में सभागण बैठे, दु:शासन साड़ी खींचे।
पांडवों के रहते, द्रोपदी चीरहरण कराया जाता है ।।

नारी का सम्मान करो, कभी नारी का अपमान नहीं।
यत्र नारिस्तु पूज्यंते...सुक्ति तभी तो गाया जाता है ।।


     इस तरह से खरसिया के पावन‌ मंच में नारी शक्ति को किस तरह परिवार में उन्हें गिराया जाता है ; धमकाया जाता है ..इस पर बहुत ही सारगर्भित काव्य पाठ सुनाया गया और श्रोता समाज में मंत्र हो गए ।

शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक एवं प्रतिष्ठित मंचों से सम्मानित हो चुके हैं ।उनके इस उपलब्धि पर हर्ष व्याप्त करते हुए राष्ट्रीय काव्य कवि संगम बालोद, मधुर साहित्य समिति बालोद, काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच खरसिया, हस्ताक्षर साहित्य समिति दल्लीराजहरा, साहित्य सृजन संस्थान रायपुर,नाॅवेल टीचर्स क्रिएटीव फाउंडेशन बालोद, शिक्षक कला व साहित्य अकादमी दुर्ग छत्तीसगढ़, साहित्यिक सांस्कृतिक वक्त मंच रायपुर, प्रेरणा साहित्य समिति बालोद , जिला के समस्त शिक्षकगण एवं विभिन्न साहित्यिक मंचों ने शुभकामनाएं संप्रेषित किए हुए हैं ।

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