सरस्वती शिशु मंदिर मैं मातृ गोष्ठी संपन्न
खरोरा:- बाल मन संस्कार करना माता का प्रथम दायित्व इस उद्देश्य को लेकर सरस्वती शिशु मंदिर खरोरा में द्वितीय मातृगोष्ठी संपन्न हुआ।जिसमें अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया मुख्य अतिथि श्रीमती दुकेश्वरीवर्मा विशेष अतिथि के रूप में श्रीमती पूजा मारकंडे एवं अध्यक्षता कर रहे थे विद्यालय के प्राचार्य अश्वनी पाटकर ।इसके पश्चात शिशु वाटिका प्रमुख श्रीमती दमयंती डड़सेना दीदी जी द्वारा बच्चों के संस्कार पक्ष, आहार विहार, स्वच्छ गणेश, मोबाइल का दुष्प्रभाव आदि की जानकारी देते हुए आग्रह किया कि बालपन में संस्कार जीवन भर काम आता है। बच्चे अपने घर माता के पास 18 घंटे रहते हैं, इसलिए बाल विकास में माता की भूमिका अहम होती है।
प्रातः जल्दी उठना धरती माता को माता-पिता को प्रणाम करना भोजन मंत्र करना अपने इष्ट देव की पूजा करना बच्चों के दिनचर्या में शामिल होना चाहिए। श्रीमती संतोषी यादव दीदी जी द्वारा शिशु वाटिका की 12 शैक्षिक व्यवस्थाएं एवं अध्ययन अध्यापन की जानकारी दी गई उसके बाद माताओ का खेल प्रतियोगिता हुआ जिसमें कुर्सी दौड़, गिलास पिरामिड, साड़ी तह करना रोचक रहा। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य पाटकर जी ने माताओ से कहा बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं जिस रूप में ढालो, ढल जाता है, हमें बच्चों को लव कुश ध्रुव पहलाद के संस्कारों से युक्त करना है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में दीदी पूर्णिमा पाटकर, डिंपल मानिकपुरी,चंचल चक्रधारी,सीमा साहू,गीतांजलि साहू सहित सभी दीदी आचार्यओं का विशेष योगदान रहा। पुरस्कार वितरण के पश्चात कार्यक्रम का समापन हुआ।