कांकेर में जिला स्तरीय लोक महोत्सव एवं सम्मान समारोह में शामिल हुये छत्तीसगढ़ के सुपर स्टार्स कविता वासनिक, मुस्कान साहु, रजनी रजक और उपाष्णा वैष्णव
कांकेर का लोक महोत्सव पहला आयोजन है जिसनें मुझे इतना प्यार दिया और आनंद आया - राष्ट्रपति पुरुस्कृत रजनी रजक
लोक कलाकारों के उत्थान की बात विधानसभा में उठाएंगे- विधायक आशाराम नेताम
कांकेर | छत्तीसगढ़ प्रदेश लोक कलाकार कल्याण संघ कांकेर के तत्वधान में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय छत्तीसगढ़ी लोक महोत्सव एवं सम्मान समारोह ग्राम गोविन्दपुर में दिनांक 30 नवम्बर से 01 दिसम्बर 2024 तक सम्पन्न हुआ |
जिसमें छत्तीसगढ़ी फिल्मी कलाकार एवं लोक कलाकार रजनी रजक, कविता वासनिक, अनुराग चौहान, उपाष्णा वैष्णव, मुस्कान साहु, चांदनी पारख, मंजु देवांगन, पिंकी साहु, अलीम बंशी, रिंकू राजा, ऋचा शर्मा राशि मिश्रा सहित प्रदेश कलाकारों का आगमन हुआ| जिन्होंने लोक महोत्सव को आयोजित करने वाले कांकेर जिले के कलाकारों की तारीफ करते हुये कहा कि ऐसा भव्य आयोजन बस्तर क्षेत्र में कराना बड़ा ही कठिन था क्योंकि कलाकारों को जोड़ने के लिए बहुत मेहनत करने की आवश्यकता पड़ता है लेकिन आपने मिलकर इतना बड़ा आयोजन को इतने अच्छे से कराया जिसके लिए हम कुछ बोल नहीं सकते बस जितनी तारीफ करें उतनी कम है खासकर बधाई और धन्यवाद लखन नेताम, विकास राजु नायक, परमानन्द कावड़े, मुकेश साहु को जिन्होंने हमें इतना प्रेम से हमें कांकेर में आमंत्रित किया जिससे हम कभी भूल नहीं सकते है और हम यहाँ आकर कांकेर वालों का प्यार देखा तो बड़ा ही गदगद हो गये| मुख्यातिथि कांकेर विधायक आशाराम नेताम जी और पूर्व सांसद मोहन मंडावी जी नें कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि लोक कलाकारों कों एक सूत्र में बाँधने का प्रयास किया है जिसके लिए हम पुरे संघठन कों धन्यवाद और बधाई देते है आपका प्रयास सार्थक होते दिख रहा है जिसमें छत्तीसगढ़ के जाने माने कलाकारों कों बुलाकर हमारे क्षेत्र के कलाकारों और समाज सेवको कों सम्मानित करवाया है जिसके लिए बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें और आने वाले समय में मेरे गांव में इस तरह का आयोजन करवाने की बात कहीं और कहा कि लोक कला की सामान्य परिभाषा:- आम इंसान के द्वारा बिना किसी ताम-झाम व प्रदर्शन से जब स्वाभाविक कलाकारी को चित्र, संगीत, नृत्य आदि के रूप में पेश किया जाता है, तो वह लोककला कहलाती हैं। भारत की अनेक जातियों व जनजातियों में पीढी दर पीढी चली आ रही पारंपरिक कलाओं को लोककला कहते हैं। लोक कला, दुनिया भर के समुदायों की सांस्कृतिक विरासत में गहराई से निहित है, कलात्मक अभिव्यक्ति का एक जीवंत और आकर्षक रूप है। यह लेख लोक कला की सुंदरता, महत्व और स्थायी आकर्षण का पता लगाता है, परंपराओं को संरक्षित करने, कहानियों को व्यक्त करने और पीढ़ियों के लोगों को जोड़ने की इसकी क्षमता को प्रदर्शित करता है।आधुनिक शिक्षा जगत में कला को मानविकी के साथ या उसके उपसमूह के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। कलाओं को सात श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: चित्रकला, वास्तुकला, मूर्तिकला, साहित्य, संगीत, प्रदर्शन और सिनेमा ।
भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मनोज मंडावी जी नें कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि लोक कलाकारों को समर्पित यह संस्था नें ग्रामीण अंचलो के छिपे प्रतिभावो को आगे लाने का प्रयास किया है और निश्चित ही यह आयोजन सफलता प्राप्त की आने वाले समय में जब भी कार्यक्रम होगा तो मेरे तरफ से 50,000 रूपये अनुदान के रूप में संस्था कों प्रदान करुँगी|
कार्यकारी जिलाध्यक्ष विकास राजु नायक नें आभार व्यक्त करते हुये कहा कि आज भी कलाकारों के उत्थान के लिए संगठन तैयार कर सभी जिला के सभी विधाओं के कलाकारों को संघ से जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी कलाकार एक मंच में आकर एक साथ एक परिवार की तरह रहेंगे और कलाकारों का जो वाजिब हक है उस हक को पाने के लिए एक होकर सरकार से मांग करेंगे। पदाधिकारियों द्वारा राज्य सरकार से मांग की है कि शासकीय आयोजनों में उन्हें भी अवसर दिया जाए। जिससे कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सके। और अंत में उपस्थित सभी अतिथियों, कलाकारों और दर्शकों को आभार एक साधारण "धन्यवाद" सब कुछ कह देता है कभी-कभी आभार व्यक्त करने का सबसे शक्तिशाली तरीका बस 'धन्यवाद' कहना होता है। ये दो शब्द बहुत महत्वपूर्ण हैं, और जब किसी ऐसे व्यक्ति से कहा जाए जिसके लिए आप वास्तव में आभारी हैं, तो इसका बहुत बड़ा प्रभाव हो सकता है।
इस कार्यक्रम में कांकेर जिले के कलाकारो और समाज सेवकों कोंसम्मानित किया जिसमें कथक नृतक प्रज्ञा यादव, लुप्तेश्वरी वैध, गौतम देहारी ललित नरेटी, प्रकाश बघेल, आशाराम जुर्री, कुमान गजबल्ला, हृदय शोरी,डॉ धनाजु नरेटी, मंजु रामटेके, नरेश रजक, चूड़ामणि पात्र, बलदेव दर्रो। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष हेंमत ध्रुव, उपाध्यक्ष हेमनारायण गजबल्ला, शालिनी राजपूत, ईश्वर कावड़े, ईश्वर सिन्हा, तारिणी ठाकुर, दीपक खटवानी, अनुपूर्णा ठाकुर, योगिता ठाकुर, चंद्रेश मंडावी, पवन पटेल, झामीनी साहु, सुलोचना सोम, प्रदेश अध्यक्ष गुरुदास मानिकपुरी जी प्रमोद सेन जिलाध्यक्ष कबीरधाम, चेतन पेड़वार जिलाध्यक्ष सरगुजा, सिद्धार्थ महाजन जिलाध्यक्ष कोंडागांव वर्षा साहु, सहित प्रदेश संघठन के पदाधिकारी सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश लोक कलाकार कल्याण संघ के कांकेर के कलाकार शामिल हुये और कार्यक्रम कों सफल बनाने में सहभागिता निभाई |