हिरमी सकलोर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह

हिरमी सकलोर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह

हिरमी सकलोर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह

हिरमी सकलोर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह


 मां काली माता मंदिर प्रांगण महावीर चौक सकलोर में इन दिनों श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह चल रहा है | कथावाचक पंडित श्री कृष्ण भूषण शर्मा जी ग्राम किरना वाले के द्वारा कथा वाचन किया जा रहा है | उन्होंने गजेंद्र मोक्ष की कथा करते हुए कहा कि द्रविड़ देश में एक पाण्ड्यवंशी राजा राज्य करते थे। उनका नाम था इंद्रद्युम्न। वे भगवान की आराधना में ही अपना अधिक समय व्यतीत करते थे। यद्यपि उनके राज्य में सर्वत्र सुख-शांति थी। प्रजा प्रत्येक रीति से संतुष्ट थी तथापि राजा इंद्रद्युम्न अपना समय राजकार्य में कम ही दे पाते थे। वे कहते थे कि भगवान विष्णु ही मेरे राज्य की व्यवस्था करते है। अतः वे अपने इष्ट परम प्रभु की उपासना में ही दत्तचित्त रहते थे। 

इसी प्रकार समुद्र मंथन की कथा करते हुए कहा कि भगवान(विष्णु) के आदेशानुसार इन्द्र देव ने समुद्र ममन्थन से अमृत निकलने की बात बलि को बताया। असुरराज बलि ने देवराज(देवताओं के राजा) इन्द्र से समझौता कर लिया और समुद्र मंथन के लिये तैयार हो गये। मन्दराचल पर्वत को मथनी तथा वासुकी नाग को नेती बनाया गया। वामन अवतार की कथा में बताया कि वामन देव विष्णु जी के पांचवें अवतार हैं। वामन उस समय प्रकट हुए थे, तब दैत्यराज बलि का आतंक फैला हुआ था। बलि ने देवताओं को पराजित कर दिया था और स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था। देवताओं की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने देवमाता अदिति के गर्भ से वामन देव के रूप में जन्म लिया था। कथा का आयोजन ठाकुर राम साहू, पुनीत राम, श्रीमती रामायण, श्रीमती हरा साहू, श्रीमती पुन्नी, रामसेवक साहू ग्राम सकलोर - खपरी के द्वारा किया जा रहा है | 

कथा में यजमान बने लक्ष्मीनारायण साहू-वेणु साहू के द्वारा बताया गया कि श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन श्रीमती कचरीबाई साहू, स्व.डेरहा राम साहू,स्वर्गीय श्रीमती फेरहीन बाई साहू, स्वर्गीय फेरू राम साहू, स्वर्गीय श्रीमती कमलाबाई साहू की स्मृति में किया जा रहा है | कथा के परायणकर्ता पंडित सुरेश शास्त्री जी हैं | कथा में आयोजकगण पवन कुमार-गंगा साहू, देवकी-प्यारेलाल साहू, डॉ.खिलेश्वर-खिलेश्वरी साहू, डायमंड-माधुरी साहू, अंचल-वेद प्रकाश साहू, तुषार,वेदिका, अंजू, शिवांगी, डागेश्वर,पूर्वांश, पूर्वांशी ,कुहू, हितेश, कुमकुम,तक्ष सहित ग्रामवासी उपस्थित थे |

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