नारी शसक्तीकरण की नहीं नारी को शक्ति रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है: देवी भूमिका

नारी शसक्तीकरण की नहीं नारी को शक्ति रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है: देवी भूमिका

नारी शसक्तीकरण की नहीं नारी को शक्ति रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है: देवी भूमिका

नारी शसक्तीकरण की नहीं नारी को शक्ति रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है: देवी भूमिका 


मदनलाल शासकीय महाविद्यालय अरमरीकला जिला बालोद के माध्यम से ग्राम डोटोपार में सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर का आयोजन किया गया चतुर्थ दिवस बौद्धिक परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप देवी भूमिका जी कथावाचिका मोटिवेशनल स्पीकर रही सरस्वती पूजन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई

देवी भूमिका जी ने कहा कि प्राचीन काल में नारी पूजनीय थी सारे कार्य करने की क्षमता रखती थी लेकिन जैसे ही मध्यकाल आया और पितृ सत्ता समाज का निर्माण हुआ जिससे, पुरुषों को परिवार का प्रमुख सदस्य माना जाता था। वे परिवार के निर्णयकर्ता थे और अपनी आजीविका कमाने के लिए जिम्मेदार थे। दूसरी ओर, महिलाएँ घर के कामों और बच्चों के पालन-पोषण के लिए जिम्मेदार थीं। इसलिए, भूमिकाएँ मुख्य रूप से लिंग पर आधारित थीं। जिसके कारण लैंगिक असमानता बढ़ी और नारियों के साथ धीरे धीरे अपराध बढ़ने लगे इसलिए भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया गया 
"महिला सशक्तिकरण" शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है: "महिला" और "शक्ति"। 

किसी को शक्ति या अधिकार देना सशक्तिकरण कहलाता है। नतीजतन, महिला सशक्तिकरण का मतलब है उनके हाथों में शक्ति देना। इसका मतलब है कि महिलाओं को सभी क्षेत्रों में समान अवसर मिलने चाहिए, चाहे उनके साथ कोई भेदभाव क्यों न हो। उन्हें शिक्षा और आत्मनिर्भरता तक समान पहुंच से वंचित रखा गया। 

भारत सरकार द्वारा महिला शष्कतिकरण के लिए कई सारी योजनाएँ चलाई जाती हैं। इनमें से कई सारी योजनाएँ रोजगार, कृषि और स्वास्थ्य जैसी चीजों से सम्बंधित होती हैं। इन योजनाओं का गठन भारतीय महिलाओं के परिस्थिति को देखते हुए किया गया है ताकि समाज में उनकी भागीदारी को बढ़ाया जा सके। 
महिला एंव बाल विकास कल्याण मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा भारतीय महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निम्नलिखित योजनाएँ इस आशा के साथ चलाई जा रही है कि एक दिन भारतीय समाज में महिलाओं को पुरुषों की ही तरह प्रत्येक अवसर का लाभ प्राप्त होगा-

1) बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना 

यह योजना कन्या भ्रूण हत्या और कन्या शिक्षा को ध्यान में रखकर बनायी गयी है।

2) महिला हेल्पलाइन योजना 

इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को 24 घंटे इमरजेंसी सहायता सेवा प्रदान की जाती है, महिलाएँ अपने विरुद्ध होने वाली किसी तरह की भी हिंसा या अपराध की शिकायत इस योजना के तहत निर्धारित नंबर पर कर सकती हैं। इस योजना के तरत पूरे देश भर में 181 नंबर को डायल करके महिलाएँ अपनी शिकायतें दर्ज करा सकती हैं।

3) उज्जवला योजना –

यह योजना महिलाओं को तस्करी और यौन शोषण से बचाने के लिए शुरू की गई है। इसके साथ ही इसके अंतर्गत उनके पुनर्वास और कल्याण के लिए भी कार्य किया जाता है।

4) सपोर्ट टू ट्रेनिंग एंड एम्प्लॉयमेंट प्रोग्राम फॉर वूमेन (स्टेप) –

स्टेप योजना के अंतर्गत महिलाओं के कौशल को निखारने का कार्य किया जाता है ताकि उन्हें भी रोजगार मिल सके या फिर वह स्वंय का रोजगार शुरु कर सके।

5) महिला शक्ति केंद्र –

यह योजना समुदायिक भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है|

6) पंचायाती राज योजनाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण –

2009 में भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पंचायती राज संस्थानों में 50 फीसदी महिला आरक्षण की घोषणा की, सरकार के इस कार्य के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सामाजिक स्तर को सुधारने का प्रयास किया गया।
गजानंद साहू ने कहा कि बच्चों के बेहतर देखरेख सुरक्षा, संरक्षण के लिए भी सरकार द्वारा योजनाएं बनाई गई है साथ ही नशा मुक्ति पर जोर देते हुए कहा ही शराब खराब है आज का युवा कल का भविष्य है तो नशा मुक्त परिवार समाज का निर्माण आपको ही करना है 
कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद भारती जी ने बच्चो उत्साही किया और आभार व्यक्त किया उक्त कार्यक्रम में मानस सेवा ब्लड बैंक धमतरी द्वारा निःशुल्क रक्त दान शिविर रक्त परीक्षण का आयोजन किया गया| सह कार्यक्रम आयोजक कमलेश्वर साहू,आशीष साहू , नम्रता साहू, पारस साहू एवं समस्त स्वयं सेवक विद्यार्थी उपस्थित रहे|

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