श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर खालसाई शान के साथ निकला नगर कीर्तन

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर खालसाई शान के साथ निकला नगर कीर्तन

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर खालसाई शान के साथ निकला नगर कीर्तन

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर खालसाई शान के साथ निकला नगर कीर्तन

श्री गुरुगोबिंद सिंह जी के हाथों में रहने वाले बाज की झाकी आकर्षण का केंद्र रही


श्री गुरुगोबिंद सिंह जी के 359 वे प्रकाश पर्व पर श्याम नगर गुरुद्वारे से पंज प्यारो की अगुआई में पवित्र श्री गुरुग्रंथ साहिब जी को सुंदर पालकी में सजाकर नगर कीर्तन शोभायात्रा निकली जगह जगह स्वागत और प्रसाद का वितरण किया गया नगर कीर्तन में छत्तीसगढ़ सिक्ख काउंसिल द्वारा तैयार झांकी आकर्षण का केंद्र रही झांकी में श्री गुरुगोबिंद सिंह जी के बड़े से कट आउट के साथ गुरुजी के हाथ में हमेशा रहने वाले बाज को दिखाया गया था गुरुजी हमेशा अपने हाथ में बाज रखते बाज़ को खालसा का प्रतिनिधि माना जाता है. बाज़ द्वारा दिखाए गए गुणों को खालसा सदस्यों के लिए अमूल्य माना जाता है. गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने बाज़ का नाम रुस्तम रखा था, जो शाहनामा के मुख्य पात्र का नाम इस बाज़ के कारण गुरु गोबिंद सिंह को चिट्ठियां बाजा वाला या सफ़ेद बाज़ का रक्षक कहा जाता था. 

छत्तीसगढ़ सिक्ख काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा ने बताया कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी प्रकाश पर्व पर तैयार झांकी में बाज को जीवंत बताया गया.

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