मकर संक्रांति पर भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने बांटी पतंग और मिठाइयां, खुशी से झूम उठे बच्चे

मकर संक्रांति पर भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने बांटी पतंग और मिठाइयां, खुशी से झूम उठे बच्चे

मकर संक्रांति पर भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने बांटी पतंग और मिठाइयां, खुशी से झूम उठे बच्चे

मकर संक्रांति पर भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने बांटी पतंग और मिठाइयां, खुशी से झूम उठे बच्चे


दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने मकर संक्रांति पर पोटिया स्थित शासकीय शाला के बच्चों को पतंग का वितरण किया तथा तिल के लड्डू खिला कर मकर सक्रांति का पर्व मनाया साथ ही उन्हें चाइनीज मांझे के उपयोग से दूर रहने की शपथ भी दिलाई।पतंग मिलने से बच्चों का उत्साह दोगुना हो गया।उन्होंने बच्चों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं एवं बधाई दिया।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा की हमारी भारतीय परंपरा और संस्कृति में एकता के सूत्र निहित है।भारतीय संस्कृति ऐसे कई पारंपरिक अवसरों एवं त्यौहारों से समृद्ध है, जिनके माध्यम से एकता और अखंडता का संदेश प्रवाहित होता है। इसी क्रम में 14 जनवरी को मनाए जाने वाले मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी और तिल की मिठाइयां खाने की परंपरा है।बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए यह विशेष आयोजन किया गया।ऐसे कार्यक्रमों से न केवल नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ा जा सकता है,बल्कि परंपराओं को आगे की पीढ़ियों तक भी पहुंचाया जा सकता है। डॉ. प्रतीक उमरे ने बताया कि सर्दियों में हमारा शरीर खांसी,जुकाम और अन्य कई संक्रमण से प्रभावित होता है मकर संक्रांति के दिन सूर्य उतारायण में होता है। सूर्य के उतरायण में जाने के समय उससे निकलने वाली सूर्य की किरणें मानव शरीर के लिए औषधि का काम करती हैं।इसलिए पतंग उड़ाने से शरीर को लगातार सूर्य से सेंक मिलता है और उससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।एक अन्य मान्यता के अनुसार,त्रेतायुग में भगवान श्री राम ने मकर संक्रांति के दिन ही अपने भाइयों और श्री हनुमान जी के साथ पतंग उड़ाई थी,इसलिए तब से यह परंपरा पूरी दुनिया में प्रचलित हो गई।प्राचीन भारतीय साहित्य और धार्मिक ग्रंथों में भी पतंगबाजी का काफी उल्लेख मिलता है।


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