अन्न दान का पर्व छेरछेरा की अंचल में रही धूम
खरोरा अंचल में छत्तीसगढ़ी पारंपरिक त्योहार छेरछेरा धूमधाम से मनाया गया | अरन बरन कोदो दरन, जभे देबे तभे टरन तथा छेरछेरा माई कोठी के धान ला हेर हेरा आदि लोकोक्तियों के साथ बच्चे,बुजुर्ग व युवा घर-घर टोलियों में छेरछेरा मांगते नजर आए |
शिक्षक धीरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि इसे छेरछेरा पुन्नी या छेरछेरा तिहार भी कहते हैं. इसे दान लेने-देने का पर्व माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करने से घरों में धन धान्य की कोई कमी नहीं होती इस दिन छत्तीसगढ़ में बच्चे और बड़े, सभी घर-घर जाकर अन्न का दान ग्रहण करते हैं |
शिक्षक युगल किशोर वर्मा ने कहा कि इसके पीछे संदेश है कि अपनी जरूरत का धान रखो और जो भी द्वार पर दान मांगने को दस्तक दे, उसे खाली हाथ वापस न जाने दो।