सामूहिक एकता और भाईचारे का प्रतीक ईद-उल-फितर : मुश्ताक अहमद अंसारी
ईंदगाह में पढ़ी गई ईद की नमाज
दल्लीराजहरा: जामा मस्जिद दल्ली राजहरा के सदर व मुस्लिम समाज के अध्यक्ष मुश्ताक अहमद अंसारी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सभी नगरवासियों एवं मुस्लिम भाई-बहनों को ईद की मुबारकबाद दी।
मुश्ताक अहमद ने कहा कि रमजान एक ऐसा बा-बरकत महीना हैं, जिसका इंतेजार साल के ग्यारह महीने हर मुसलमान को रहता है, रोजा इंसान के जिस्म का जकात होता हैं, रोजदार इंसान के पूरे शरीर का रोजा होता है, जिसका मकसद ये भी है कि इंसान बुराई से जुड़ा कोई भी काम ना करें, कुल मिलाकर रमजान का मकसद इंसान को बुराइयों के रास्ते से हटाकर अच्छाई के रास्ते पर लाना है, इसका मकसद एक दूसरे से मोहब्बत, प्रेम, भाईचारा और खुशियां बांटना है, रमजान का मकसद सिर्फ यही नहीं होता कि एक मुसलमान सिर्फ किसी मुसलमान से ही अपने अच्छे अखलाक रखे, बल्कि मुसलमान पर ये भी फर्ज है कि वो किसी और भी मजहब के मानने वालों से भी मोहब्बत, प्रेम, इज्जत, सम्मान, अच्छा अखलाक रखे, ताकि दुनिया के हर इंसान का एक-दूसरे से भाईचारा बना रहे। इस महीने खास कर गरीब मजलूम का ख्याल रखा जाता है। ईद-उल-फितर सामूहिक भाईचारे और एकता का प्रतीक है। ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है। जामा मस्जिद के ईमाम अब्दुल बशीर साहब और नायब ईमाम हकीक नूरी सहाब ने अल्लाह की बारगाह में पूरे हिन्दुस्तान के लिए अमन चैन और घरों में बरकत के लिए दुआएं मांगी हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि पहले के जमाने में ईद की खुशियां पूरा हफ्ता चलता था पर अब हर त्यौहार का पर्याय बदल रहा है। साथ ही जीवन शैली में भी काफी हद तक कई अहम बदलाव आए हैं।
मुश्ताक अहमद ने कहा शहरे जमात ने मिलकर ईदुल-फितर 2025 के लिए चिखलाकसा ईदगाह में जरुरी तैयारियां पूरी कर आज सुबह 9.30 बजे विशेष नमाज ईदुल फितर की अदा की गई।और हजारों की संख्या में नमाज़ी इस विशेष नमाज में शामिल हुए
ईद के इस खास मौके पर बडगुजर परिवार की ओर से सभी नमाजीयों के लिए मीठी सेवाई का इंतजाम किया गया था और बडगुजर परिवार ने भी सभी को ईद की मुबारकबाद दी।
मुस्लिम समाज के मीडिया प्रभारी मोहम्मद अकरम हुसैन ने बताया कि मस्जिद में पूरे महीने ईबादतों के साथ रौनक रही और मुल्क के लिए अमन चैन की दुआ की गई, और जामा मस्जिद दल्ली राजहरा के लोगों ने भी मुबारकबाद पेश की, जिसमें मुख्य रुप से हाजी मजिद कुरैशी,हाजी नासीर भाई,हाजी मोईदशफी, हाजी अफजल, हाजी सनव्वर,मौलाना मुन्नवर हुसैन शेख नय्यूम भाई, अशरफ मेमन, साऊद आलम, आरिफ भाई, शेख असलम, शफी बक्श, नवाब बडगुजर, मुमताज कुरैशी, अब्दुल कादिर, ईद्दी अहमद खान, मोहम्मद निज़ाम,कलाम भाई, रफीक कुरैशी, असलम कुरैशी, मोहम्मद फरीद, गुड्डन भाई, मोहम्मद फिरोज, मोहम्मद फारुख, कलीम बडगुजर, एस अंसारी, राजा हसन, शेख ईसराईल, सुहैल फारूखी, ईकराम भाई, यासिर फारूखी, हाफिज, वली खान, मिस्कीन खान, नियाज़ कुरैशी, शकिल हुसैन , मोहम्मद ईमरान, नूर आलम अंसारी सभी मेंबरान व भाईयों ने ईद पर मुबारकबाद पेश की।