*पीएमश्री बीडी सेजेस खरोरा के छात्रों का विज्ञान समर कैंप में चयन एवं सहभागिता** खरोरा...

*पीएमश्री बीडी सेजेस खरोरा के छात्रों का विज्ञान समर कैंप में चयन एवं सहभागिता** खरोरा...

*पीएमश्री बीडी सेजेस खरोरा के छात्रों का विज्ञान समर कैंप में चयन एवं सहभागिता** खरोरा...

पीएमश्री बीडी सेजेस खरोरा के छात्रों का विज्ञान समर कैंप में चयन एवं सहभागिता
खरोरा...


23 अप्रैल 2025 से 26 अप्रैल 2025 तक क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र रायपुर में "रोबोटिक्स – अर्दुइनो के साथ सीखना" विषय पर चार दिवसीय विज्ञान समर कैंप का आयोजन किया गया। पीएमश्री बी.डी. सेजेस खरोरा के छात्र-छात्राएँ – पूर्वी वर्मा, मोनिका नौरंगे एवं हेमंत देवांगन इस समर कैंप में भाग लेने के लिए चयनित हुए। उनके साथ भौतिक शास्त्र व्याख्याता श्रीमती पारुल आशीष पांडे ने भी भाग लिया। यह पूरी सहभागिता विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती रजनी मिंज एवं श्री हरीश देवांगन के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई।

इस समर कैंप का उद्देश्य विद्यार्थियों को रोबोटिक्स और एम्बेडेड सिस्टम्स में व्यवहारिक अनुभव और मूलभूत ज्ञान प्रदान करना था।

पहला दिन – रोबोटिक्स का परिचय
पहले दिन छात्रों को रोबोटिक्स का परिचय दिया गया। उन्होंने रोबोट्स के विकास, उनके अनुप्रयोगों और मूल घटकों के बारे में जाना। इस सत्र में आधुनिक तकनीक में रोबोटिक्स के महत्व को बताया गया जिससे छात्रों को इस क्षेत्र को और गहराई से समझने की प्रेरणा मिली।

दूसरा दिन – अर्दुइनो बोर्ड और बेसिक प्रोग्रामिंग
दूसरे दिन छात्रों को अर्दुइनो ऊनो बोर्ड और ब्रेडबोर्ड से परिचित कराया गया। उन्होंने अर्दुइनो आईडीई का उपयोग करते हुए बेसिक प्रोग्रामिंग सीखी और एलईडी को ब्लिंक करना तथा फेड इन-फेड आउट जैसे कार्य करना सीखा। इस दौरान प्रोग्राम में त्रुटियों को पहचानना और उन्हें सुधारना भी सिखाया गया।

तीसरा दिन – कार रोबोट का निर्माण
तीसरे दिन छात्रों ने व्यवहारिक कार्य किया जिसमें उन्होंने एक साधारण कार रोबोट तैयार किया। इस प्रक्रिया में मोटर को सोल्डर करना, पहिए जोड़ना और प्रोग्रामिंग के माध्यम से उसकी गति को नियंत्रित करना सीखा। इससे उनकी समस्या समाधान क्षमता और तार्किक सोच विकसित हुई।


दिन 4 रिपोर्ट: सेल्फ-ड्रिवन Arduino कार का निर्माण

दिन 4 पर, अल्ट्रासोनिक डिस्टेंस सेंसर से सुसज्जित सेल्फ-ड्रिवन Arduino कार के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति हुई। दिन की शुरुआत उस कोड को लिखने और अपलोड करने से हुई, जो बाधाओं का पता लगाकर कार को स्वचालित रूप से नेविगेट करने में सक्षम बनाता है। इसके बाद, कोड में त्रुटियों को दूर करने के लिए सावधानीपूर्वक डिबगिंग की गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सेंसर से प्राप्त डेटा को सही तरीके से पढ़ा जा रहा है और कार बाधाओं के अनुसार सही प्रतिक्रिया दे रही है।

कोड को अंतिम रूप देने के बाद, कार के भौतिक असेंबली पर ध्यान केंद्रित किया गया। मोटर ड्राइवर, पहियों और पावर सप्लाई सहित शेष इलेक्ट्रॉनिक घटकों को उचित रूप से जोड़ा और सुरक्षित किया गया। सभी कनेक्शनों की स्थिरता और कार्यक्षमता का परीक्षण भी किया गया।

जब हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों का एकीकरण पूरा हो गया, तो कार को परीक्षण के लिए फर्श पर चलाया गया। कार ने सफलतापूर्वक अल्ट्रासोनिक सेंसर की मदद से बाधाओं का पता लगाया और अपना मार्ग बदलकर बाधाओं से बचते हुए आगे बढ़ी, जिससे इसकी स्वचालित ड्राइविंग क्षमता सिद्ध हुई।

यह परियोजना का एक महत्वपूर्ण पड़ाव रहा, क्योंकि अब कार स्वतंत्र रूप से चलने और वास्तविक परिस्थितियों में बुनियादी निर्णय लेने में सक्षम हो गई है।

श्री रोहित वर्मा जी की खबर

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