जनता की ताकत, सरकार का समर्थन और संगठन की स्वीकार्यता—राहुल जोगी की एंट्री नहीं, शक्ति प्रदर्शन है!

जनता की ताकत, सरकार का समर्थन और संगठन की स्वीकार्यता—राहुल जोगी की एंट्री नहीं, शक्ति प्रदर्शन है!

जनता की ताकत, सरकार का समर्थन और संगठन की स्वीकार्यता—राहुल जोगी की एंट्री नहीं, शक्ति प्रदर्शन है!

जनता की ताकत, सरकार का समर्थन और संगठन की स्वीकार्यता—राहुल जोगी की एंट्री नहीं, शक्ति प्रदर्शन है!


राजनीति में कहा जाता है— यहाँ न कोई स्थायी शत्रु होता है, न मित्र केवल विचारधारा ही स्थायी होती है। 
इस कथन को आज जीवंत कर दिखाया है उस युवा नेता ने, जिसे आज न सिर्फ भाजपा बल्कि सत्ता और संगठन के हर स्तर पर राजनीतिक दिग्गज माना जा रहा है 

16 अप्रैल 2025 शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि, अनुराधा नक्षत्र—सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक मोड़ था, जब महादेव को समर्पित 'सनातन शक्ति यात्रा' का आयोजन कुरुक्षेत्र से राहुल जोगी के नेतृत्व में हुआ। और जिसका शुभारंभ भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना द्बारा किया गया यात्रा में हजारों की संख्या में हिंदू सनातन वाहिनी के कार्यकर्ता और गाड़ियों का काफिला था यात्रा कुरुक्षेत्र, करनाल, शामली, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार, ऋषिकेश होते हुए नीलकंठ पहुंची जहां रस्ते में स्थानीय लोगों द्वारा हजारों की संख्या में एकत्रित होकर यात्रा का भव्य स्वागत किया गया महादेव के नारों से आसमान गूंज उठा और हिन्दू एकता का एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला 

जैसे ही यात्रा करनाल पहुँची, वहां भाजपा विधायक जगमोहन आनंद, मेयर रेणु बाला गुप्ता और हरियाणा सरकार के सचेतक रामकुमार कश्यप ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ जिस भव्यता से राहुल जोगी और यात्रा का स्वागत किया, वो किसी साधारण आयोजन की गवाही नहीं देता। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, भाजपा में एक शक्ति प्रदर्शन का प्रतीक माना जा रहा है।

राजनीतिक इतिहास और जनआधार—राहुल जोगी की ताकत का मूल


21 अगस्त 1990 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पिता स्वर्गीय राजपाल जोगी माता अनीता जोगी के यहां जन्मे राहुल जोगी ने अपने युवा काल में ही राजनीति को केवल मंच तक सीमित नहीं रखा, बल्कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और यहां तक कि नेपाल-भूटान तक अपनी रणनीतिक पकड़ बनाई। नेपाल के प्रधानमंत्री कई बार उन्हें सम्मानित कर चुके है, वहीं नेपाल भारत के मुद्दों पर बात करने नेपाल से भारत आए डेलीगेशन के साथ भी राहुल जोगी की महत्पूर्ण भूमिका को 2023 में देखा गया था 
2019 में कांग्रेस के शासनकाल में उन्हें मध्य प्रदेश का सह प्रभारी बनाकर भेजा गया था। लेकिन जानकारों की मानें तो राहुल जोगी की विचारधारा हमेशा कांग्रेस से मेल नहीं खाती थी।  

वे गरीब, और जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे लाने के पक्षधर रहे, जिसके चलते वे कई बार कांग्रेस हाइकमान से भी टकरा गए। सूत्रों के अनुसार, 2019 के बाद उन्होंने पार्टी के कई पदों से इस्तीफा भी दे दिया था।

128 जिलों में एक आह्वान पर जन आंदोलन—जनता की असली ताकत का प्रमाण


राहुल जोगी की लोकप्रियता का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि 2019 के एक सामाजिक आंदोलन में उनके एक इशारे पर उत्तर भारत के 128 जिलों में उनके समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे। इस आंदोलन के दौरान सभी कार्यकर्ता भगवे झंडो और हर हर महादेव के नारों के साथ देखे गए जिसे ये तो साफ जाहिर होता है कि जोगी की छवि भारत में एक बड़े हिंदू नेता के रूप में जानी जाती है 
कोई टीवी कैमरा नहीं, कोई पोस्टर बैनर नहीं—बस जनता का विश्वास और नेतृत्व का करिश्मा।

लेकिन जानकारों की माने तो राहुल जोगी की राजनीतिक जड़ें कभी कांग्रेस में जरूर रही है लेकिन धार्मिक विचारधारा हमेशा भाजपा से जुड़ी थीं या ये कह सकते है कि —वो तो विचारधारात्मक पहलुओं का एक छोटा-सा पड़ाव था। उनकी सोच, उनका आचरण और उनकी नीतियाँ सदैव राष्ट्रवादी मूल्यों और सनातन परंपराओं से जुड़ी रही हैं। और यही कारण है कि अब जब वे सनातन शक्ति यात्रा लेकर निकले हैं, तो भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। और इस तरह  राहुल जोगी आज भाजपा के वरिष्ठ नेता है और हिन्दू सनातन वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है उनके एक आह्वान पर जिस तरह गांव गांव से हिंदू कार्यकर्ता दल बल के साथ यात्रा में शामिल हुए ये कोई साधारण उदाहरण नहीं बल्कि उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है

राजनीति में पकड़, संगठन में नेटवर्क


चाहे चंबल और बुंदेलखंड की रणनीति हो या हरियाणा, पंजाब, पश्चिम उत्तरप्रदेश और राजस्थान में जातिवाद से परे अपना वोट बैंक तैयार करना—राहुल जोगी ने हर मोर्चे पर खुद को साबित किया है।  
उनके द्वारा तैयार किया गया नेटवर्क इतना मजबूत रहा कि विधानसभा चुनावों में उनके गुट के कई लोगों को टिकट के रूप में इनाम मिला तो कुछ इसे वंचित रहे जो कि चर्चा में रहे।


राहुल जोगी की भाजपा में उपस्थिति सिर्फ "शामिल होना" नहीं बल्कि "शक्ति का विस्तार" है।  


जिस तरह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना उनके कुरुक्षेत्र स्थित निवास पर पहुंचकर महादेव के  महायज्ञ में शामिल हुवे और यात्रा को झंडी दिखाकर शुभारंभ किया साथ ही  भाजपा सरकार के विधायकों, मेयर और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उन्हें सनातन शक्ति यात्रा में समर्थन दिया है, वह स्पष्ट संकेत है कि संगठन भी अब उन्हें एक राष्ट्रीय रणनीतिक संपत्ति मान रहा है। और सरकार और संगठन पूरी तरह उनका पक्षधर दिख रहा है क्योंकि अविनाश राय खन्ना भाजपा और संघ के दिग्गज और पुराने नेताओं में माने जाते है और राहुल जोगी के आयोजन में उनकी उपस्थिति इसे कोई छोटा संकेत तो नहीं कह सकते बल्कि भाजपा ने  यह स्पष्ट संकेत दे दिया कि राहुल जोगी अब भाजपा में नए नहीं, बल्कि अपने ही हैं—शायद सिर्फ लौटे हैं, 

भाजपा से पहले भी जुड़ाव, 2017 में निभाई थी अहम भूमिका


राहुल जोगी का भाजपा से पुराना नाता रहा है। वे समय-समय पर भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं और हिंदू विचारधारा का समर्थन करते रहे हैं। विशेष रूप से 2017 में अशोक होटल दिल्ली में हुवे एक अवॉर्ड समारोह में, उनकी प्रमुख भूमिका देखी गई थी, जिसमें भाजपा के करीब 32 सांसद और करीब 21 मंत्री मौजूद थे । इस कार्यक्रम में उस समय के केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, बाराबंकी सांसद प्रियंका सिंह रावत, सांसद धर्मेंद्र कश्यप और केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय जो कि आज वर्तमान में हरियाणा के राज्यपाल है उनके सहित कई बड़े नेता उपस्थित थे।

राम मंदिर उद्घाटन के दौरान राष्ट्रवादी कदम


राहुल जोगी हमेशा से हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के समर्थन में रहे हैं। जब अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हुआ, तब उन्होंने अक्षत वितरण करने आए व्यक्तियों को रामदूतो की उपाधि दी और ऐसा स्वागत समारोह किया जिसने पूरे देश में चर्चा बटोरी। उनके इस कदम को हिंदू समाज के विभिन्न वर्गों में जबरदस्त समर्थन मिला।


नेपाल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पकड़


राहुल जोगी की पहचान सिर्फ भारतीय राजनीति तक सीमित नहीं है। नेपाल और भूटान जैसे देशों में भी उनके प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हाल ही में, उन्होंने नेपाल से आए उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी। इस बैठक में भारत-नेपाल के बीच सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। थी नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री खिल राज रेगमी एवं पूर्व प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहाल उन्हें कई बार नेपाल में सम्मानित कर चुके है

सूत्रों के अनुसार, राहुल जोगी नेपाल के विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक शक्तियों के साथ गहरे संबंध रखते हैं। वे दक्षिण एशिया में हिंदू संस्कृति, भारतीय मूल्यों और सामाजिक न्याय को मजबूत करने के लिए कार्यरत हैं। भाजपा में उनकी उपस्थिति को अंतरराष्ट्रीय हिंदू राजनीति और सांस्कृतिक कूटनीति की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

हिंदू सनातन वाहिनी और सामाजिक जागरूकता में भूमिका


राहुल जोगी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि हिंदू समाज और राष्ट्रवाद के लिए कार्य करने वाले प्रमुख चेहरों में से एक हैं। वे हिंदू सनातन वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, तथा मध्य प्रदेश के सह प्रभारी रह चुके है जिसके माध्यम से वे हिंदू संस्कृति, सामाजिक समरसता और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देते हैं।

Ads Atas Artikel

Ads Atas Artikel 1

Ads Center 2

Ads Center 3