"छात्रों को महानगरों की ओर पलायन से मुक्ति दिलाने बालोद जिले में हो सिविल सेवा परीक्षाओं हेत उच्च संस्थान की शुरुआत" - एम एस श्रीजीत
"छात्रों को महानगरों की ओर पलायन से मुक्ति दिलाने बालोद जिले में हो सिविल सेवा परीक्षाओं हेत उच्च संस्थान की शुरुआत" - एम एस श्रीजीत
हर वर्ष 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है, जो हमारे देश की प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ — भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय राजस्व सेवा (IRS) सहित अन्य सिविल सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों की सराहना और उनके योगदान को सम्मान देने का दिन है। इस अवसर पर एम एस श्रीजीत भाजयुमो नगर महामंत्री ने बालोद जिले की शिक्षा व्यवस्था और सिविल सेवा की तैयारी से जुड़े मुद्दों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा: "आज भी बालोद सहित आस-पास के अंचल और ग्रामीण क्षेत्रों में सिविल सेवा परीक्षाओं (UPSC, CGPSC, आदि) की तैयारी के लिए कोई उपयुक्त और उच्च स्तरीय संस्था उपलब्ध नहीं है। इस कारण प्रतिभाशाली छात्रों को रायपुर, दिल्ली, हैदराबाद जैसे महानगरों की ओर रुख करना पड़ता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए संभव नहीं हो पाता।" राष्ट्रीय आँकड़ों के अनुसार, हर वर्ष UPSC की परीक्षा में लगभग 12 लाख अभ्यर्थी पंजीकरण कराते हैं, जिनमें से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र 40% से अधिक होते हैं। इसके बावजूद सफलता दर में ग्रामीण क्षेत्रों की हिस्सेदारी बहुत कम है, जिसका एक प्रमुख कारण संसाधनों की कमी है।"बालोद जिले के हजारों छात्रों में क्षमता और इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता है तो उन्हें उचित मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध कराने की। जिले में यदि बालोद या दल्ली राजहरा में एक गुणवत्तापूर्ण सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाए, तो न केवल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं में भागीदारी का मौका भी मिलेगा।" इस अवसर पर उन्होंने देशभर में कार्यरत सभी सिविल सेवकों को भी बधाई दी और उनके सेवा भाव को नमन करते हुए कहा:"यह वही अधिकारी हैं जो नीतियों को ज़मीन पर लागू करते हैं, आपदा से लेकर विकास तक हर क्षेत्र में देश को दिशा देते हैं।" श्रीजीत ने शिक्षाविदों, जनप्रतिनिधियों और शासन से अपील की कि वे इस विषय को गंभीरता से लें और बालोद जिले में एक उत्कृष्ट सिविल सेवा तैयारी केंद्र की स्थापना हेतु पहल करें।