विश्व धरोवर दिवस 18 एप्रिल 2025 ऐतिहासिक दर्शनीय स थल को सुरक्षित हम सबके जिम्मेदारी है प्रशांत कुमार

विश्व धरोवर दिवस 18 एप्रिल 2025 ऐतिहासिक दर्शनीय स थल को सुरक्षित हम सबके जिम्मेदारी है प्रशांत कुमार

विश्व धरोवर दिवस 18 एप्रिल 2025 ऐतिहासिक दर्शनीय स थल को सुरक्षित हम सबके जिम्मेदारी है प्रशांत कुमार

विश्व धरोवर दिवस 18 एप्रिल 2025 ऐतिहासिक दर्शनीय स थल को सुरक्षित हम सबके जिम्मेदारी है प्रशांत कुमार



विशेष दिन 18 एप्रिल एप्रिल विश्वधरोवर दिवस हेरिटेज डे विश्वभारती ऐतिहासिक इमारते सांस्कृतिक प्राकृतिक धरोवर की सुरक्षा के लिए यह दिवस मनाया जाता है हम सब अपने परिवार के साथ विश्व प्रमुख स्थान मनोरंजन हसी खुशी विश्व की ऐतिहासिक चीजो को जाने उनकी संस्कृती इतिहास के बारे की सदी मे निर्माण हुआ था एवं पर्यटन को बढावा देने के लिए देश विदेश की भाष


संस्कृती भाषा वेशभूषा सभ्यता या दिवस वर्ल्ड हेरिटेज डेरूप में मनाया जाता है साथी विश्व के आंतरराष्ट्रीय स्मारक एवम स्थल जैसे प्रमुख नाम से पुकारा जाता है इस धरोवर की रक्षा के लिए आने वाली पीडिया के लिए सुरक्षित उसका प्रचार प्रसार करणा इसलिये हा दिवस मनाया जाता है भारत मे 43 विश्व धरोवर ह वर्ल्ड हेरिटेज डे के रूप मनाया जाता है अजंता एलोरा आगरा का ताज महल दिल्ली का लाल किला अन्य प्रमुख भारत में स्थित हैविश्व धरोहर दिवस 2025 की थीम पर्यावरण प्रकृती प्रेमी टुरिस्ट प्रशांत कुमार क्षीरसागर ने अपने विचार साझा करते हुए बताया विश्वधरोवर हेरिटेज डे 2025 की थीम
हर साल इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मोन्यूमेंट्स एंड साइट्स विश्व धरोहर दिवस के लिए एक थीम चुनती है. इस साल 2025 में विश्व धरोहर दिवस की थीम आपदा और संघर्ष प्रतिरोधी विरासत है. इस थीम का मतलब है प्राकृतिक आपदाओं से इन धरोहरों को बचाने की तरफ कदम उठाना, तैयारी करना और इनसे सीख लेनाविश्व धरोहर दिवस अथवा विश्व विरासत


दिवसको मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि पूरे विश्व में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाई जा सके। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की पहल पर एक अंतर्राष्ट्रीय संधि की गई जो विश्व के सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के हेतु प्रतिबद्ध है। यह संधि सन् 1972 में लागू की गई। प्रारंभ में मुख्यतः तीन श्रेणियों में धरोहर स्थलों को शामिल किया गया। पहले वह धरोहर स्थल जो प्राकृतिक रूप से संबद्ध हो अर्थात प्राकृतिक धरोहर स्थल, दूसरे सांस्कृतिक धरोहर स्थल और तीसरे मिश्रित धरोहर स्थल। वर्ष 1982 में इकोमार्क नामक संस्था ने ट्यूनिशिया में अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल दिवस का आयोजन किया तथा उस सम्मेलन में यह बात भी उठी कि विश्व भर में किसी प्रकार के दिवस का आयोजन किया जाना चाहिए। यूनेस्को के महासम्मेलन में इसके अनुमोदन के पश्चात 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस के रूप में मनाने के लिए घोषणा की गई। पूर्व में 18 अप्रैल को विश्व स्मारक तथा पुरातत्व स्थल दिवस के रूप में मनाए जाने की परंपरा थी।

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