कोशरिया महार महरा समाज जिला बालोद छत्तीसगढ़ द्वारा बड़े घूम धाम से डॉ.भीमराव अंबेडकर जी की जयंती मनाया गया

कोशरिया महार महरा समाज जिला बालोद छत्तीसगढ़ द्वारा बड़े घूम धाम से डॉ.भीमराव अंबेडकर जी की जयंती मनाया गया

कोशरिया महार महरा समाज जिला बालोद छत्तीसगढ़ द्वारा बड़े घूम धाम से डॉ.भीमराव अंबेडकर जी की जयंती मनाया गया

कोशरिया महार महरा समाज जिला बालोद छत्तीसगढ़ द्वारा बड़े घूम धाम से डॉ.भीमराव अंबेडकर जी की जयंती मनाया गया



सलवन्त कुमार धाकड़ जी और अग्रवाल सिंगारे जी ने बाबा साहब की मूर्ति देने घोषणा की जिसको आने वाले 14 अप्रेल 2026 के दिन स्थापित किया जाएगा


बालोद (छत्तीसगढ़) -जिले के ग्राम दैहान,ठेकाढोड़ा सहित जिले के सभी 11 परिछेत्र में मनाया गया जिसमे कोशरिया महार महरा समाज जिला बालोद द्वारा बड़े घूम धाम से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती मनाया गई,प्रांतीय एवं जिला के सभी प्रमुख उपस्थित रहे। साथ ही माल्यार्पण कर उनको नमन किया गया।

ग्राम दैहान में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की मूर्ति देने की घोषणा श्री सलवन्त कुमार धाकड़ जी और अग्रवाल सिंगारे जी के द्वारा की गई जिसको आने वाले 14 अप्रेल 2026 के दिन स्थापित किया जाएगा।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रांतीय कोषाध्यक्ष सलवान धाकड़े जी महार महरा समाज कोशरिया शाखा, प्रांतीय सह सचिव दीपक आरदे जी महार महरा समाज कोशरिया शाखा,बालोद जिला अध्यक्ष दिलीप बघेल जी महार महरा समाज कोशरिया शाखा,महेश सहारे जी सहसचिव महार महरा समाज कोशरिया शाखा,अग्रवाल सिंगारे,दददू धाकडे,तीरथ राम रावटे ,श्री राम रावटे सूरज डोगरे,धनंजय सहारे,आत्मा रावटे,मीना डोगरे,खुशी रावटे,गितेश्वरी सहारे,लक्ष्मी सहारे,कचरा बाई बुदेले,ईश्वरी रावटे,केशव बादले,कमल बादले,रोहित रावटे,डेरहा राम आरदे,किशोर आरदे,राजाराम आरदे,परस उन्द्रा अशोक आरदा 
,हेमा आमदिय, हेमबाई आरदे,पारबती आरदे,पारबती सिंगारे सहित समस्त दैहान वासी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को संबंधित करते हुए प्रांतीय सह सचिव दीपक आरदे जी महार महरा समाज कोशरिया शाखा ने कहा, भारत के इतिहास में जन्मे कई सारे महापुरुषों में से एक बड़ा नाम है बाबा साहब भीमाराव अंबेडकर का, जिन्होंने समाज, शिक्षा, राजनीति और न्याय व्यवस्था की दिशा में कई बदलाव किए। डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर ऐसे ही एक महान विचारक, समाज सुधारक, और संविधान निर्माता थे, जिनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। हर वर्ष 14 अप्रैल को पूरे भारत में अंबेडकर जयंती मनाई जाती है।
शिक्षा पर डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचार को हमें समझना होगा और इसे सार्थक करना भी हमारे समाज का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए,बाबा साहेब ने कहा था, "शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वो दहाड़ेगा।"
हमारे समाज का हर बच्चा शिक्षित होगा तब योग्य बनेगा,जिससे हमें अपने समाज को गति देने में तीव्रता बढ़ेगी।
"शिक्षा वो शस्त्र है जिससे समाज को बदला जा सकता है।" अगर हमारे बच्चे शिक्षित बनेंगे तब वो शिक्षा के दम पर समाज में बदलाव और देश की राजनीति व प्रगति में परिवर्तन लाने योग्य बनेंगे।
"यदि आप स्वतंत्र नहीं हैं, तो कोई भी आपके लिए सम्मान नहीं रखेगा।" यदि आज हम राजनीति के गुलाम बन गए तो समझ कीजिए समाज नष्ट व गुलाम बन जाएगा।राजनीति में समाज जरूर शामिल हो किंतु समाज में राजनीति को हावी नहीं होने देना है।
हमें अपने हक और अधिकार के लिए लड़ना होगा और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी जैसे संघर्ष और चुनौती पर खरा उतरना होगा।
हम अपने समाज के बच्चों के शिक्षा के लिए उचित रूप से सरकार से मांग करे और मुफ्त में शिक्षा,छात्रावास एवं भोजन की व्यवस्था बनाने प्रयास करे,जिससे हमारे समाज के हर गरीब बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्राप्त हो सके।
और समाज का हर बच्चा शिक्षित बन सके।

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