डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती शोभायात्रा में शामिल हुए सांसद विजय बघेल

डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती शोभायात्रा में शामिल हुए सांसद विजय बघेल

डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती शोभायात्रा में शामिल हुए सांसद विजय बघेल

डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती शोभायात्रा में शामिल हुए सांसद विजय बघेल 


डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जयंती के अवसर पर दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल विभिन्न कार्यक्रमो में शामिल हुए भिलाई के हृदय स्थल डॉ आंबेडकर



चौक में बाबासाहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया डॉ अम्बेडकर प्रतीमा प्रबंध राज्य स्तरीय जयंती मेला समिति अध्यक्ष सुनील रामटेके ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया कार्यक्रम के मुख अतिथि विजय बघेल सांसद विशिष्ट अतिथि रिंकेश सेन, देवेन्द्र यादव विधायक ,असीम बेग वर्षों वागडे ज्ञान वागडे , रहे तथागत समाज कल्याण समिति अध्यक्ष अनिल साखरे धनंजय मेश्राम ,सिद्धांत ,के द्वारा भंडारे में सांसद विजय बघेल जी ने अपने हाथों से भोजन परोसा सांसद विजय बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा भिलाई के हृदय स्थल अम्बेडकर चौक में एक मंच पर सभी को आमंत्रित किया केवल बौद्ध समाज ही नहीं दुसरे समाज को भी आमंत्रित ऐसे ही सद्धभावना बनी रहें इतिहास गवाह है उस समय की बड़ी जिम्मेदारी डाॅ राजेंद्र प्रसाद जी ने दी डा बाबासाहेब को संविधान लिखने कि जिम्मेदारी दी बल्कि प्रेम बिहारी नारायण रायजाद है जो डॉ अम्बेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है प्रेम बिहारी वे शख्स है जिन्होंने अपने हाथो से अंग्रेजी में संविधान की मूल कापी यानी


पांडुलिपि लिखीं थीं पुरे देश में आज ही के दिन 14 अप्रैल को उनकी जयंती मनाई जाती है 1891 को मध्य प्रदेश के महू में दलित परिवार में उनका जन्म हुआ था उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा वे एक गरीब परिवार से थे बचपन में उन्हें जातिवाद और भेद भाव का गहरा अनुभव हुआ लेकिन उन्होंने कभी हर नहीं मानी और कठीन संघर्षो के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त की उनकी शुरुआती शिक्षा मुंबई में पुरी की और आगे की पढ़ाई के लिए स्कॅलर शिप लेकर यूनाइटेड स्टेट्स और फिर लंदन चले गए भारत लौट और पिछड़े वर्गों के लिए जीवन कार्यरत रहे वे महान विचारक थे वे रामजी मालोजी सकपाल और भीमा बाई की 14 वी अंतिम संतान थे बाबा अम्बेडकर का सम्पूर्ण जीवन भारतीय समाज सुधार के लिए


समाजित था अस्पृश्यों तथा दलितों के उत्थान में बीता वे दलितों के मसीह थे कांग्रेस ने हमेशा से ही उनको अपमानित किया भाजपा ने हमेशा उनका सम्मान किया उनके मरने उपरांत वीपी सिंह की सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया वी पी सिंह की सरकार को भाजपा बहार से समर्थन दिया था देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने संविधान दिवस मनाने का अहम फैसला लिया जो पुरे देश में संविधान दिवस मनाएं जाने लगा डॉ बाबा साहेब उनका परिवार कबीर पंथ को मानने वाले मराठी मूल का था वो वर्तमान महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में आंबडवे गांव के निवासी थे बाबा साहेब ने नारा दिया शिक्षित बनो संघर्ष करों और संगठित रहो आज समाज की एकता दिखाई देती है

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