बीएसपी का राजहरा नगर प्रशासन विभाग में ठेकेदार मस्त और नियमित कर्मचारी पस्त , संयुक्त ट्रेड यूनियन

बीएसपी का राजहरा नगर प्रशासन विभाग में ठेकेदार मस्त और नियमित कर्मचारी पस्त , संयुक्त ट्रेड यूनियन

बीएसपी का राजहरा नगर प्रशासन विभाग में ठेकेदार मस्त और नियमित कर्मचारी पस्त  , संयुक्त ट्रेड यूनियन

बीएसपी का राजहरा नगर प्रशासन विभाग में ठेकेदार मस्त और नियमित कर्मचारी पस्त 
, संयुक्त ट्रेड यूनियन




विगत दिनों राजहरा खदान समूह के पंजीकृत यूनियन के नेताओं की एक बैठक एटक कार्यलय भवन में रखी गई थी जिसमें सभी 06 यूनियन के नेता उपस्थित थे बैठक नियमित कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों की समस्याओं के संबंध में रखी गई थी कि किस तरह राजहरा टाउनशिप में वहां के अधिकारियों द्वारा मनमर्जी की जा रही है और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है सिर्फ और सिर्फ अपने चहेते लोगों को नियम विरुद्ध क्वार्टर आबंटन किया जा रहा है। एक तरफ नगर प्रशासन अधिकारी द्वारा नियमित कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय टाउनशिप में चल रहे ठेकों में ज्यादा ध्यान दें रहें मगर यहां गौर करने वाली बात यह है कि उनके ज्यादा ध्यान देने से उसका लाभ नियमित कर्मचारियों को नहीं हो रहा है उसका लाभ सिर्फ और सिर्फ ठेकेदार को हो रहा है जोकि जांच का विषय है? जबसे नगर प्रशासन अधिकारी ने टाउनशिप में पदभार लिया है यहां की स्थिति बद से बद्तर हो चुकी है टाउनशिप में पहली बार पानी खोलने के ठेके में नगर प्रशासन अधिकारी द्वारा ठेका श्रमिकों का इंटरव्यू लिया गया जबकि यह कार्य ठेकेदार का था मगर नगर प्रशासन अधिकारी आजकल सिर्फ ठेकेदार का कार्य करने में लगे हुए हैं और उस इंटरव्यू में जमकर भ्रष्टाचार किया गया और नगर प्रशासन अधिकारी ने अपने पसंदीदा श्रमिकों को कार्य पर रख लिया है जोकि आज विवाद का कारण बना हुआ है और इंटरव्यू का क्या मापदंड था आजतक किसी को जानकारी नहीं दी गई है जिस ठेके में नगर प्रशासन अधिकारी ने इंटरव्यू लेकर श्रमिकों की भर्ती की उसमें रोज 14 श्रमिकों को कार्य पर रखा जाना है मगर ठेकेदार द्वारा रोजाना सिर्फ 10 श्रमिकों को कार्य पर भेजा जाता है मगर नगर प्रशासन अधिकारी और ठेकेदार की क्या आपसी सहमति है कि ठेकेदार के ऊपर किसी भी प्रकार की पैन्लटी नहीं लगाईं जा रही है जोकि जांच का विषय है?? संयुक्त ट्रेड यूनियन के नेताओं ने आगे बताया कि राजहरा खदान समूह में सुरक्षा गार्डों का ठेका भी चलता है और जिसकी देखरेख करने की जिम्मेदारी भी नगर प्रशासन विभाग के अधिकारी की है मगर यहां भी खुलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है ईस ठेके में नगर प्रशासन अधिकारी और ठेकेदार द्वारा मिलकर जो सुरक्षा गार्ड ईस ठेके में कार्य ही नहीं करता है उसका नाम फर्जी तरीके से मास्टर रोल में डालकर बिल निकाल लिया गया है जोकि कंपनी के साथ धोखाधड़ी है और आपराधिक मामला है ईसकी भी जांच होनी चाहिए??? साथ ही वर्तमान ठेके में ठेकेदार द्वारा सुरक्षा गार्डों का वेतन समय से नहीं किया जा रहा है। दो दो महीने से सुरक्षा गार्डों का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है और नगर प्रशासन अधिकारी किसी भी तरह की कार्यवाही करते नजर नहीं आ रहें हैं। और दूसरी तरफ नगर प्रशासन अधिकारी द्वारा सुचारू रूप से चल रहें सुरक्षा गार्ड के ठेके को बार बार विवादित किया जा रहा है जिसका ताजा उदाहरण है अभी कुछ दिन पूर्व नगर प्रशासन अधिकारी द्वारा स्वयं सुरक्षा गार्डों का ड्यूटी चिट द्वारा निकाल कर तय किया गया मगर दो दिन बाद फिर अपने ही निर्णय को नियम विरुद्ध पलडते हुए कुछ सुरक्षा गार्डों का बिना चिट निकालें ही ड्यूटी पोस्ट चेंज कर दिया गया है जिससे बाकी सुरक्षा गार्डों में नाराज़गी बनी हुई है।
नगर प्रशासन विभाग द्वारा राजहरा टाउनशिप में इलेक्ट्रीकल मेनटेनेंस का भी ठेका चलता है वहां भी नगर प्रशासन अधिकारी द्वारा सुरक्षा के मापदंडों का खुलकर उल्लंघन किया जा रहा है ईस ठेके में एक भी ठेका श्रमिक स्कील्ड नहीं सभी को सेमी स्कील्ड की श्रेणी में रखा गया है जिनका कार्य सिर्फ और सिर्फ स्कील्ड श्रमिक की मदद करना है सहयोग करना है मगर यहां नगर प्रशासन अधिकारी द्वारा ईनसे दबाव पूर्वक स्कील्ड श्रमिक का कार्य करवाया जा रहा है जोकि गंभीर रूप से सुरक्षा के मापदंडों का उल्लंघन है अगर स्कील्ड का कार्य करते किसी ठेका श्रमिक का कोई दुर्घटना हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी नगर प्रशासन अधिकारी लेंगे? यहां सिर्फ ठेका श्रमिकों की जान को दांव पर लगाया जा रहा है।
संयुक्त ट्रेड यूनियन के नेताओं ने आगे बताया कि नगर प्रशासन विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार यही समाप्त नहीं होती है राजहरा टाउनशिप के संपदा विभाग में क्वार्टर आबंटन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है और संपदा विभाग में पदस्थ महेन्द्र कछवाहा जोकि लगभग 07 सालों से डटे हुए हैं और उच्च अधिकारी ईसपर मौन सहमति देते नजर आ रहे हैं जोकि बहुत ही चिंताजनक है अभी कुछ दिनों पूर्व समाचार-पत्रो के माध्यम से पता चला कि महेन्द्र कछवाहा द्वारा अपने कार्यालय में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया था मगर प्रबंधन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई??, अभी ऐसी जानकारी मिली है कि महेन्द्र कछवाहा अधिकारी बनने के बाद भी कर्मचारियों के क्वार्टर में रहते हैं जबकि 4D टाईप आवास खाली पड़े हुए हैं , महेन्द्र कछवाहा एक क्वार्टर तो कर्मचारियों का स्वयं रखें हुए और दूसरा एक टाउनशिप के मुख्य स्थान पर स्थित क्वार्टर को बिना किसी कारण के टैंपरेरी एलाट करा कर रखें हुए है जबकि टैंपरेरी अलाटमेंट का नियम है कि अगर परिवार में किसी तरह का कोई कार्यक्रम है तो आप टेपरेंरी रूप से क्वार्टर ले सकते है मगर महेन्द्र कछवाहा द्वारा ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि इस मकान के लिए नियमित कर्मचारी ने आवेदन दिया था इसलिए जानबूझकर इस मकान को टैंपरेरी अलाटमेंट कर वैकेंड लिस्ट से हटाया गया है ताकि ईस मकान के आबंटन में भ्रष्टाचार किया जा सकें। आज नगर प्रशासन कार्यलय की स्थिति ऐसी है कि नियमित कर्मचारियों के क्वार्टर का मरम्मत कार्य नहीं हो रहा है, क्वार्टर पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं खिड़की दरवाजे सब चुके हैं कोटी यार्ड का दिवाल बहुत से मकानों का गिरने के कगार पर है मगर सालों से शिकायत करने पर भी मरम्मत कार्य नहीं किया जा रहा है जोकि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है टाउनशिप की सड़कों का बुरा हाल हो चुका है और दो माह बाद बरसात आने वाला है मगर नगर प्रशासन अधिकारी आजतक डामरीकरण का कार्य शुरू करवाने में पूरी तरह असफल है क्योंकि ईनके द्वारा कोई भी इच्छाशक्ति से नहीं किया जा रहा है सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति चल रही है। आज बीएसपी में वर्षों तक सेवा देने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 06 माह के लिए मकान आबंटन करने के लिए 09 लाख रुपए जमा करवाया जाता है और नान बीएसपी से मात्र 02 लाख रुपए जमा करवा कर क्वार्टर आबंटित किया जा रहा है जोकि बहुत ही खेदजनक है। आज की स्थिति में भिलाई में लायसेंस बेस पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मकान आबंटन किया जा रहा है मगर राजहरा में ईस योजना को जानबूझकर नगर प्रशासन अधिकारी द्वारा लागू नहीं किया जा रहा है क्योंकि ईस योजना के लागू होने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आसानी से मकान आबंटन होने लगेगा और राजहरा टाउनशिप में क्वार्टर आबंटन में चल रहा बंदरबांट बंद हो जायेगा। 
        यहां एक बात और महत्वपूर्ण है कि नगर प्रशासन अधिकारी द्वारा यूनियन के बार बार बोलने के बाद भी दो टाईम पानी नहीं दिया जा रहा था क्योंकि ईनकी गर्मी को लेकर कोई तैयारी नहीं थी पानी खोलने के लिए 03, माह के लिए टेंडर निकाला जाता है मगर आजतक नगर प्रशासन अधिकारी द्वारा कोई टेंडर नहीं निकाला गया है। संयुक्त ट्रेड यूनियन के नेताओं ने आगे कहा कि आज बीएसपी अस्पताल में एंबुलेंस के साथ जाने के लिए अटेंडेंट नहीं है बार बार बोलने के बाद भी आजतक अटेंडेंट के लिए किसी भी प्रकार का ठेका नहीं बनाया गया है जिससे ईनकी कार्यशैली का पता चलता है कि यह नियमित कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों के लिए और साथ ही कंपनी के प्रति कितने ईमानदार है। संयुक्त यूनियन की ईस बैठक में मुख्य रूप से एटक से कमलजीत सिंह मान, श्रीनीवास राव , सिंटू से प्रकाश क्षत्रिय, पुरोषोत्म सिमैया, ज्ञानेंद्र सिंह, इंटक से अभय सिंह, तिलक मानकर, बी एम एस से मुश्ताक अहमद, लखनलाल चौधरी, सीएम एस एस से सोमनाथ ऊईके जे एम एम से बसंत रावटे पवन कुमार उपस्थित थे।

विनीत 
संयुक्त ट्रेड यूनियन 
राजहरा खदान समूह

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